ल्योन/फ्रांस: अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन (इंटरपोल) के पूर्व अध्यक्ष मेंग होगवेई की पत्नी ग्रेस मेंग एक समय चीन में उन सभी विशेषाधिकारों का आनंद उठा रही थी, जो प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी से विवाह करने के कारण मिलते हैं. सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को उनके पति पर इतना भरोसा था कि उन्हें इंटरपोल (Interpol) में प्रतिष्ठित भूमिका निभाने के लिए फ्रांस भेजा गया. लेकिन उनकी किस्मत ने उस वक्त मुंह फेर लिया, जब चीन ने होगवेई पर रिश्वतखोरी के आरोप लगा कर उन्हें 13 साल 6 महीने की कारावास की सजा सुना दी.
अपने पति से बात करने और उनसे मिलने को तरस रहीं ग्रेस अपने दो जुड़वां बेटों के साथ फ्रांस में राजनीतिक शरणार्थी बन कर रह रही हैं और चीन के शासन से क्षुब्ध होकर उसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं. होगवेई 2018 में लापता हो गए थे. इसके बाद उन पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें कारावास की सजा सुनाई गई. एक समय जन सुरक्षा मामलों के उप मंत्री के तौर पर सेवाएं दे चुके होगवेई की पत्नी अपने देश की सरकार को राक्षस करार देती हैं. ग्रेस ने बातचीत में कहा कि उनके पति के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया और यह राजनीतिक असहमति को आपराधिक मामले में बदलने का एक उदाहरण है.
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ग्रेस ने एक न्यूज एजेंसी को दिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान पहली बार दुनिया को अपना चेहरा दिखाने और अपना वीडियो शूट करने की अनुमति दी. ग्रेस ने कहा मेरा चेहरा दिखाना मेरी जिम्मेदारी है. दुनिया को यह बताना मेरी जिम्मेदारी है कि क्या हुआ था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में मैंने उसी तरह राक्षस (चीन) के साथ रहना सीख लिया है, जैसे दुनिया ने वैश्विक महामारी के साथ जीना सीख लिया है.
चीन सरकार से क्षुब्ध होकर ग्रेस ने अपना नाम चीनी नाम गाओ गे इस्तेमाल करना बंद कर दिया है और वह ग्रेस मेंग के रूप में अपनी पहचान बताती हैं. वे कहती हैं कि मैं मर कर फिर से जीवित हुई हूं.
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके पति कहां हैं और उनका स्वास्थ्य कैसा है. होगवेई अब 68 वर्ष के होने वाले हैं. दोनों के बीच आखिरी बार 5 सितंबर 2018 को बातचीत हुई थी. इस दौरान होगवेई काम के सिलसिले में बीजिंग गए थे. उन्होंने मेरे मोबाइल पर दो संदेश (message) भेजे थे. ग्रेस ने बताया कि उन्होंने पहले मैसेज में कॉल का इंतजार करने के लिए कहा था. इसके चार मिनट बाद उन्होंने रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकू की इमोजी भेजी, जिसका अर्थ था वे खतरे में हैं.
उन्होंने इंटरव्यू (Interview) में बताया कि उनके वकीलों ने चीनी अधिकारियों को कई बार पत्र भेजे, लेकिन उनका कोई उत्तर नहीं मिला. उन्हें यह भी नहीं पता कि उनके पति जीवित हैं या नहीं. ग्रेस ने कहा मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे अपने पिता के बगैर रहे. उन्होंने तर्क दिया कि साझा कानून प्रवर्तन संबंधी मुद्दों पर काम करने वाले वैश्विक संगठन ने उनके पति के मामले में कड़ा रुख न अपनाकर बीजिंग के निरंकुश व्यवहार को प्रोत्साहन दिया है.
(एजेंसी इनपुट)