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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एर्दोगन का बड़ा एलान

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कोविड -19 महामारी के बीच पतन हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए नए पैकेज की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वह पब्लिक फाइनेंस, मुद्रास्फीति, करंट अकाउंट घाटा और रोजगार के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

एर्दोगन
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Published : Mar 13, 2021, 4:25 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 5:22 PM IST

इस्तांबुल : तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कोविड -19 महामारी के बीच पतन हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए नए पैकेज की घोषणा की. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को तुर्की के नेता ने कहा, 'निवेश, उत्पादन, नौकरी और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उपाय किए गए हैं.'

एर्दोगन ने सख्त नीतियों और आर्थिक नीतियों में पारदर्शिता का वादा करते हुए कहा, 'मैक्रोइकोनॉमिक और संरचनात्मक नीतियां तुर्की के नए सुधारों की रीढ़ हैं.'

तुर्की कम आयात और अधिक निर्यात के साथ अपनी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखता है और यह एक समय सारिणी के अनुरूप उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के माध्यम से अपनी संभावित वृद्धि को बढ़ाएगा.

मैक्रोइकोनॉमिक की स्थिरता को लेकर उन्होंने कहा, 'पब्लिक फाइनेंस, मुद्रास्फीति, करंट अकाउंट घाटा और रोजगार के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.'

उन्होंने कहा, 'हम दिन-रात काम करके अपने लक्ष्यों को हासिल करेंगे और तुर्की को दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना देंगे.'

एर्दोगन ने कहा, 'कोविड -19 महामारी की चपेट में आने वाले 8,50,000 छोटे व्यवसाय मालिकों को इस साल आयकर से छूट दी जाएगी.'

अंकारा विश्वविद्यालय के विद्वान यालसिन कराटेपे ने कहा, 'तुर्की ने पिछले कुछ वर्षों में कई आर्थिक सुधारों और पैकेजों की घोषणा की है। जिनके परिणाम सीमित थे.'

पढ़ें - अमेरिका : रिपब्लिकन नेताओं ने क्वाड सम्मेलन की सराहना की

कराटेपे ने कहा, 'ठोस संरचनात्मक सुधारों के लिए तुर्की में बढ़ती कीमतों के साथ धन और राजस्व के अधिक न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करना जरुरी है.'

इस्तांबुल : तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कोविड -19 महामारी के बीच पतन हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए नए पैकेज की घोषणा की. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को तुर्की के नेता ने कहा, 'निवेश, उत्पादन, नौकरी और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उपाय किए गए हैं.'

एर्दोगन ने सख्त नीतियों और आर्थिक नीतियों में पारदर्शिता का वादा करते हुए कहा, 'मैक्रोइकोनॉमिक और संरचनात्मक नीतियां तुर्की के नए सुधारों की रीढ़ हैं.'

तुर्की कम आयात और अधिक निर्यात के साथ अपनी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखता है और यह एक समय सारिणी के अनुरूप उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के माध्यम से अपनी संभावित वृद्धि को बढ़ाएगा.

मैक्रोइकोनॉमिक की स्थिरता को लेकर उन्होंने कहा, 'पब्लिक फाइनेंस, मुद्रास्फीति, करंट अकाउंट घाटा और रोजगार के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.'

उन्होंने कहा, 'हम दिन-रात काम करके अपने लक्ष्यों को हासिल करेंगे और तुर्की को दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना देंगे.'

एर्दोगन ने कहा, 'कोविड -19 महामारी की चपेट में आने वाले 8,50,000 छोटे व्यवसाय मालिकों को इस साल आयकर से छूट दी जाएगी.'

अंकारा विश्वविद्यालय के विद्वान यालसिन कराटेपे ने कहा, 'तुर्की ने पिछले कुछ वर्षों में कई आर्थिक सुधारों और पैकेजों की घोषणा की है। जिनके परिणाम सीमित थे.'

पढ़ें - अमेरिका : रिपब्लिकन नेताओं ने क्वाड सम्मेलन की सराहना की

कराटेपे ने कहा, 'ठोस संरचनात्मक सुधारों के लिए तुर्की में बढ़ती कीमतों के साथ धन और राजस्व के अधिक न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करना जरुरी है.'

Last Updated : Mar 13, 2021, 5:22 PM IST
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