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मौलाना फजल का दावा - दिसंबर इमरान सरकार का आखिरी महीना

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Published : Dec 2, 2019, 9:35 PM IST

इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए नवंबर में आजादी मार्च निकालने वाले JUIF के नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा है कि दिसंबर का महीना इमरान सरकार का आखिरी महीना साबित होने जा रहा है.

मौलाना फजल ( फाइल फोटो)
मौलाना फजल ( फाइल फोटो)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने की मुहिम छेड़े हुए जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा है कि दिसंबर का महीना इमरान सरकार का आखिरी महीना साबित होने जा रहा है.

पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में मीडिया से बातचीत के दौरान मौलाना फजल ने यह दावा किया. उन्होंने कहा, ''हमें देश पर राज कर रहे 'माफिया' से मुक्ति पानी ही होगी. शासकों को सत्ता छोड़कर यूरोप में दिन बिताने चाहिए.''

इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए नवम्बर में निकाले गए अपनी पार्टी के आजादी मार्च को मौलाना ने ऐतिहासिक करार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देशभर में अपना प्रदर्शन जारी रखेगी.

मौलाना ने यह भी दावा किया कि पनामा पेपर अंतरराष्ट्रीय दबाव का मामला था, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ किया गया.

गौरतलब है कि पनामा पेपर से कई देशों के नेताओं व अन्य हस्तियों द्वारा विदेश में गैरकानूनी तरीके से धन रखे जाने का खुलासा हुआ था. इसकी चपेट में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए थे.

इस दौरान फजलुर रहमान ने देश में फिर से चुनाव कराने की मांग दोहराई और कहा कि अगर सरकार ने उनकी यह मांग नहीं मानी तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.

पढ़ें- इमरान खान के लिए सरदर्द बने मौलाना फजलुर रहमान, जानें पाक में क्यों है ऐसी साख

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बदतर हालत में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, लोग खर्च करने की क्षमता खो चुके हैं. समस्या का एकमात्र समाधान देश में नए सिरे से चुनाव कराने में है.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने की मुहिम छेड़े हुए जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा है कि दिसंबर का महीना इमरान सरकार का आखिरी महीना साबित होने जा रहा है.

पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में मीडिया से बातचीत के दौरान मौलाना फजल ने यह दावा किया. उन्होंने कहा, ''हमें देश पर राज कर रहे 'माफिया' से मुक्ति पानी ही होगी. शासकों को सत्ता छोड़कर यूरोप में दिन बिताने चाहिए.''

इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए नवम्बर में निकाले गए अपनी पार्टी के आजादी मार्च को मौलाना ने ऐतिहासिक करार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देशभर में अपना प्रदर्शन जारी रखेगी.

मौलाना ने यह भी दावा किया कि पनामा पेपर अंतरराष्ट्रीय दबाव का मामला था, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ किया गया.

गौरतलब है कि पनामा पेपर से कई देशों के नेताओं व अन्य हस्तियों द्वारा विदेश में गैरकानूनी तरीके से धन रखे जाने का खुलासा हुआ था. इसकी चपेट में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए थे.

इस दौरान फजलुर रहमान ने देश में फिर से चुनाव कराने की मांग दोहराई और कहा कि अगर सरकार ने उनकी यह मांग नहीं मानी तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.

पढ़ें- इमरान खान के लिए सरदर्द बने मौलाना फजलुर रहमान, जानें पाक में क्यों है ऐसी साख

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बदतर हालत में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, लोग खर्च करने की क्षमता खो चुके हैं. समस्या का एकमात्र समाधान देश में नए सिरे से चुनाव कराने में है.

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दिसंबर इमरान सरकार का आखिरी महीना : मौलाना फजल



 (18:06) 



क्वेटा, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने की मुहिम छेड़े हुए जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुररहमान ने कहा है कि दिसंबर का महीना इमरान सरकार का आखिरी महीना साबित होने जा रहा है। पाकिस्तान के प्रांत बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा में मीडिया से बातचीत के दौरान मौलाना फजल ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि हमें देश पर राज कर रहे 'माफिया' से मुक्ति पानी ही होगी। शासकों को सत्ता छोड़कर यूरोप में दिन बिताने चाहिए।



इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए नवंबर में निकाले गए अपनी पार्टी के आजादी मार्च को मौलाना ने ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देश भर में अपना प्रदर्शन जारी रखेगी।



मौलाना ने यह भी दावा किया कि पनामा पेपर अंतर्राष्ट्रीय दबाव का मामला था जिसका इस्तेमाल राजनैतिक नेतृत्व के खिलाफ किया गया।



गौरतलब है कि पनामा पेपर से कई देशों के नेताओं व अन्य हस्तियों द्वारा विदेश में गैरकानूनी तरीके से धन रखे जाने का खुलासा हुआ था। पाकिस्तान में इसकी चपेट में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी आए थे।



फजलुर रहमान ने देश में फिर से चुनाव कराने की मांग दोहराई और कहा कि अगर सरकार ने उनकी यह मांग नहीं मानी तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बदतर हालत में है, बेरोजगारी बढ़ रही है, लोग खर्च करने क क्षमता खो चुके हैं। समस्या का एकमात्र समाधान देश में नए सिरे से चुनाव कराने में निहित है।


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