कोलंबो : श्रीलंका में संविधान के 20वें संशोधन पर 20 अक्टूबर को संसद में बहस होगी. सोमवार को इसकी सूचना दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने 20वें संशोधन के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद संबंधित निर्णय को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और स्पीकर महिंदा यपा अबेवर्द्धना के हवाले कर दिया गया है. कोलंबो पेज अखबार ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है.
कोविड -19 महामारी के बावजूद बैठक करने का निर्णय
20 अक्टूबर से शुरू होने वाले संसदीय सप्ताह के दौरान स्पीकर महिंदा यपा अबेवर्द्धना के 20वें संशोधन पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रस्तुति के बाद प्रासंगिक बहस होगी. संसदीय समिति ने कोविड -19 महामारी के बावजूद बैठक करने का निर्णय लिया है. हालांकि, यदि स्पीकर 20वें संशोधन के संबंध में निर्णय की घोषणा करते हैं, तो संसदीय मामलों की समिति फिर से बैठक कर वर्तमान एजेंडे को बदल सकती है.
20वें संशोधन के खिलाफ अब तक 39 याचिकाएं दायर
संविधान का 20वां संशोधन सितंबर में सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया था. यह 2015 में शुरू किए गए 19वें संशोधन की जगह लेगा, जिसने राष्ट्रपति की शक्तियों को कम कर दिया था और संसद की भूमिका को मजबूत किया था. डेली मिरर ने बताया कि 21 में से दो याचिकाएं राष्ट्रीय चुनाव आयोग के सदस्य रत्नाजीवन हूले और यूनाइटेड नेशनल पार्टी के डिप्टी लीडर रुवान विजयवर्द्धने ने दायर की है. कुल मिलाकर 20वें संशोधन के खिलाफ अब तक 39 याचिकाएं दायर की गईं हैं.