इस्लामाबाद : इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत ने तोशखाना उपहार मामले में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए, जिसमें पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ और यूसुफ रजा गिलानी भी शामिल थे.
जरदारी की तरफ से पेश वकील फारूक नाइक ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल की उम्र को देखते हुए अदालत में आने पर उनको कोरोना महामारी का खतरा है. नाइक ने पेशी से छूट देने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया.
वहीं जज का कहना था कि जरदारी को पेश होना था क्योंकि यह एक आपराधिक मामला था.
वहीं अदालत ने उसी अर्जी को ठुकरा दिया कि जरदारी कोरोना-19 की स्थिति ठीक होने पर पेश हो सकते हैं. जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अशकर अली ने जरदारी के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया और मामले की सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.
पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ मेडिकल पैरोल पर लंदन में हैं. वह भी सुनवाई से गैरमौजूद रहे. पूर्व की सुनवाई में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. अदालत ने आदेश दिया है कि उन्हें भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए.
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गिलानी भी पेश नहीं हो पाए लेकिन अदालत ने उन्हें निजी तौर पर पेश होने से छूट दी थी क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं .
आरोपों के मुताबिक जरदारी और शरीफ ने कार की कीमत का 15 प्रतिशत अदा कर तोशखाने से महंगे वाहन हासिल किए .
आपको बता दें कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष जरदारी को धन शोधन के और पार्क लेन के दो मामलों में पिछले साल गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
पूर्व राष्ट्रपति ने अपने खिलाफ सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
संघीय जांच एजेंसी ने छह जुलाई 2018 को एक प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि जाली खाते के जरिए धनधोधन किया गया.