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Afghanistan-Pak border पर बाड़बंदी से काबुल, इस्लामाबाद में फिर विवाद - Afghanistan-Pak border पर बाड़बंदी

इफ्तिखार ने कहा कि सुरक्षा और व्यापार को विनियमित करने के लिए बाड़ की जरूरत है. इसका उद्देश्य लोगों को विभाजित करना नहीं है, बल्कि उनकी रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने (fencing on the Durand Line) का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है, हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और जो काम चल रहा है. वह कुछ समय में पूरा हो जाएगा.

डूरंड रेखा
डूरंड रेखा
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Published : Jan 7, 2022, 8:04 AM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा बनाने वाली डूरंड रेखा (Durand Line forming the Afghanistan-Pak border) पर बाड़ लगाने को लेकर काबुल और इस्लामाबाद में फिर से विवाद (Controversy over fencing) छिड़ गया है. दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े हैं. तालिबान सीमा बल के कमांडर मौलवी सनाउल्लाह संगीन (Taliban Border Force Commander Maulvi Sanaullah Sangeen) ने बुधवार को कसम खाई कि इस्लामिक अमीरात ब्रिटिश काल के विवादित सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति (Permission for fencing on Durand Line) नहीं देगा.

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए संगिन ने कहा कि हम सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति कभी नहीं देंगे, हम इसे अब और नहीं होने देंगे. संगिन की टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान की प्रतिक्रिया में आई है, जिसमें कहा गया था कि डूरंड रेखा विवाद को राजनयिक माध्यमों से सुलझाया जाएगा.

पढ़ें : दक्षिण लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हमला

साथ ही, बुधवार को पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक, मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने जोर देकर कहा कि बाड़ लगाने की परियोजना योजना के अनुसार जारी रहेगी. इफ्तिखार ने रावलपिंडी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाड़ लगाने में सैनिकों का खून बहा था. उन्होंने तर्क दिया कि दोनों पक्षों के लोगों की रक्षा और पड़ोसियों के बीच व्यापार को विनियमित करने के प्रयास में बाड़ का निर्माण किया जा रहा था.

इफ्तिखार ने कहा कि सुरक्षा और व्यापार को विनियमित करने के लिए बाड़ की जरूरत है. इसका उद्देश्य लोगों को विभाजित करना नहीं है, बल्कि उनकी रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने (fencing on the durand line) का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है, हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और जो काम चल रहा है. वह कुछ समय में पूरा हो जाएगा.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा बनाने वाली डूरंड रेखा (Durand Line forming the Afghanistan-Pak border) पर बाड़ लगाने को लेकर काबुल और इस्लामाबाद में फिर से विवाद (Controversy over fencing) छिड़ गया है. दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े हैं. तालिबान सीमा बल के कमांडर मौलवी सनाउल्लाह संगीन (Taliban Border Force Commander Maulvi Sanaullah Sangeen) ने बुधवार को कसम खाई कि इस्लामिक अमीरात ब्रिटिश काल के विवादित सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति (Permission for fencing on Durand Line) नहीं देगा.

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए संगिन ने कहा कि हम सीमा पर बाड़ लगाने की अनुमति कभी नहीं देंगे, हम इसे अब और नहीं होने देंगे. संगिन की टिप्पणी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान की प्रतिक्रिया में आई है, जिसमें कहा गया था कि डूरंड रेखा विवाद को राजनयिक माध्यमों से सुलझाया जाएगा.

पढ़ें : दक्षिण लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हमला

साथ ही, बुधवार को पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक, मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने जोर देकर कहा कि बाड़ लगाने की परियोजना योजना के अनुसार जारी रहेगी. इफ्तिखार ने रावलपिंडी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाड़ लगाने में सैनिकों का खून बहा था. उन्होंने तर्क दिया कि दोनों पक्षों के लोगों की रक्षा और पड़ोसियों के बीच व्यापार को विनियमित करने के प्रयास में बाड़ का निर्माण किया जा रहा था.

इफ्तिखार ने कहा कि सुरक्षा और व्यापार को विनियमित करने के लिए बाड़ की जरूरत है. इसका उद्देश्य लोगों को विभाजित करना नहीं है, बल्कि उनकी रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने (fencing on the durand line) का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है, हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और जो काम चल रहा है. वह कुछ समय में पूरा हो जाएगा.

(आईएएनएस)

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