कोलंबो : द्विपक्षीय संबंधों के 65 साल पूरे होने पर रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ पर्यटन एवं निवेश को बढ़ावा देने तथा कोविड-19 महामारी के साथ मिलकर लड़ने समेत विविध मुद्दों पर चर्चा की. चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग शनिवार को दो दिनों की श्रीलंका यात्रा पर मालदीव से यहां पहुंचे. इस यात्रा के दौरान उनका श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ भेंट करने का कार्यक्रम है.
राजपक्षे ने ट्वीट किया, चीन के विदेश मंत्री के साथ सुखद मुलाकात हुई. चर्चा श्रीलंका के मेडिकल विद्यार्थियों के चीन लौटने के वास्ते जरूरी व्यवस्था करने पर केंद्रित रही. हमने पर्यटन, निवेश, कोविड -19 से राहत एवं कोविड बाद की स्थिति के लिए तैयारी समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा की. उन्होंने लिखा, निरंतर सहयोग करने के लिए चीन एवं उसकी जनता को मैंने धन्यवाद दिया. चूंकि हम दोनों देश द्विपक्षीय संबधों का 65 साल मना रहे हैं तो मुझे आशा है कि हमारे बीच के संबंध आने वाले वर्षों में बढ़ेंगे एवं मजबूत होंगे.
श्रीलंका के विदेश सचिव जयंत कोलंबागे के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग इस यात्रा के दौरान श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे एवं विदेश मंत्री जी एल पेइरिस से भी मिलेंगे. वांग की यह यात्रा दोनेां देशों के राजनयिक संबंधों की 65वीं वर्षगांठ तथा श्रीलंका-चीन रबड़-चावल समझौते की 70वीं वर्षगांठ पर हो रही है. सन 1952 में हुए इस समझौते के तहत श्रीलंका ने चीन को चावल के बदले रबड़ की आपूर्ति की थी और फिर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध कायम हुए थे.
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कोलंबागे ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री की इस यात्रा के दौरान नये चीनी निवेश पर दस्तखत हो सकते हैं. हाल के महीनों में दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया है. चीन ने श्रीलंका द्वारा जैविक उर्वरक खेप को अस्वीकार कर दिये जाने का विरोध किया था. श्रीलंका के किसानों एवं विशेषज्ञों ने उर्वरक के संदूषित होने का दावा किया था.
(पीटीआई-भाषा)