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चीन ने महामारी के बावजूद ब्रिक्स सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की - ब्रिक्स सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की

ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में चीन ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत की सहायता की पेशकश की. साथ ही चीन ने महामारी के बावजूद ब्रिक्स सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की

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Published : Jun 2, 2021, 12:31 AM IST

बीजिंग : चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत को चीन के समर्थन और सहायता की पेशकश की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में अपने प्रारंभिक संबोधन में वांग ने इस साल ब्रिक्स के आयोजन के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की.

भारत ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के अध्यक्ष के रूप में बैठक की मेजबानी की.

वागं ने कहा, 'वर्ष की शुरुआत से और कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में भारत ने ब्रिक्स ब्रिक्स @15: निरंतरता, एकीकरण और सहमति के लिए अंतर ब्रिक्स सहयोग' के विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरी लगन से काम किया है.'

वांग ने कहा, 'तीन स्तंभों पर सहयोग को आगे बढ़ाने, ब्रिक्स तंत्र को मजबूत करने और ब्रिक्स सहयोग की गति को बनाए रखने के लिए सौ से अधिक कार्यक्रम तैयार किए गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'चीन भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना करता है और हम ब्रिक्स देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं ताकि भारत को अध्यक्ष के रूप में समर्थन दिया जा सके और इस वर्ष के ब्रिक्स सहयोग में ठोस परिणाम सुनिश्चित किया जा सके.'

भारत के प्रति सहानुभूति व्यक्त की

वांग ने अपने प्रारंभिक संबोधन की शुरुआत कोविड-19 संक्रमणों की नई लहर के गंभीर प्रभाव पर भारत के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए की.

उन्होंने कहा, 'इस मुश्किल समय में चीन भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है. मेरा मानना है कि चीन सहित सभी ब्रिक्स भागीदार भारत को आगे भी समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि भारत निश्चित रूप से इस महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा.'

उन्होंने कहा कि वह बैठक में ब्रिक्स देशों के अन्य मंत्रियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान, समन्वय और आम सहमति बनाने के लिए उत्सुक है.

इससे पूर्व दिन में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकार सम्मेलन में कहा था कि वह साझा चिंता के मुद्दों पर इस पांच सदस्यीय समूह के अन्य देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, एक दूसरे के रुख में तालमेल करने तथा आम-सहमति बनाने को लेकर आशान्वित है.

पढ़ें- ब्रिक्स का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से बने हुए हैं : जयशंकर

वेनबिन ने कहा, 'कोविड-19 और इस सदी में देखे गये अन्य बड़े बदलावों के सामूहिक प्रभाव के बीच ब्रिक्स तंत्र का महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में उभरते बाजारों तथा विकासशील देशों के बीच सहयोग गहन करने के लिहाज से विशेष महत्व है.'

उन्होंने कहा, 'ब्रिक्स नेताओं के मार्गदर्शन में पांचों देशों के विदेश मंत्री आपसी विश्वास को बढ़ाने तथा राजनीतिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के लिए नियमित बैठक करते हैं.'

भारत तीसरी बार कर रहा अध्यक्षता

बैठक से चीन की अपेक्षा के प्रश्न पर प्रवक्ता ने कहा, 'चीन बैठक में साझा चिंताओं के अत्यावश्यक मुद्दों पर ब्रिक्स के अन्य देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, एक दूसरे के रुख में तालमेल बैठाने तथा आम-सहमति बनाने को लेकर आशान्वित है.'

उन्होंने कहा, 'हम मिलकर यह कड़ा संदेश देंगे कि ब्रिक्स देश एकजुटता तथा सहयोग के साथ सच्चे बहुपक्षवाद का समर्थन करते हैं, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को उबारने एवं वैश्विक चुनौतियों से निपटने को प्रोत्साहित करते हैं.'

वर्ष 2012 और 2016 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कोविड-19 महामारी के बावजूद इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत को चीन के समर्थन और सहायता की पेशकश की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में अपने प्रारंभिक संबोधन में वांग ने इस साल ब्रिक्स के आयोजन के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की.

भारत ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के अध्यक्ष के रूप में बैठक की मेजबानी की.

वागं ने कहा, 'वर्ष की शुरुआत से और कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में भारत ने ब्रिक्स ब्रिक्स @15: निरंतरता, एकीकरण और सहमति के लिए अंतर ब्रिक्स सहयोग' के विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरी लगन से काम किया है.'

वांग ने कहा, 'तीन स्तंभों पर सहयोग को आगे बढ़ाने, ब्रिक्स तंत्र को मजबूत करने और ब्रिक्स सहयोग की गति को बनाए रखने के लिए सौ से अधिक कार्यक्रम तैयार किए गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'चीन भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना करता है और हम ब्रिक्स देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं ताकि भारत को अध्यक्ष के रूप में समर्थन दिया जा सके और इस वर्ष के ब्रिक्स सहयोग में ठोस परिणाम सुनिश्चित किया जा सके.'

भारत के प्रति सहानुभूति व्यक्त की

वांग ने अपने प्रारंभिक संबोधन की शुरुआत कोविड-19 संक्रमणों की नई लहर के गंभीर प्रभाव पर भारत के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए की.

उन्होंने कहा, 'इस मुश्किल समय में चीन भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है. मेरा मानना है कि चीन सहित सभी ब्रिक्स भागीदार भारत को आगे भी समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि भारत निश्चित रूप से इस महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा.'

उन्होंने कहा कि वह बैठक में ब्रिक्स देशों के अन्य मंत्रियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान, समन्वय और आम सहमति बनाने के लिए उत्सुक है.

इससे पूर्व दिन में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकार सम्मेलन में कहा था कि वह साझा चिंता के मुद्दों पर इस पांच सदस्यीय समूह के अन्य देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, एक दूसरे के रुख में तालमेल करने तथा आम-सहमति बनाने को लेकर आशान्वित है.

पढ़ें- ब्रिक्स का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से बने हुए हैं : जयशंकर

वेनबिन ने कहा, 'कोविड-19 और इस सदी में देखे गये अन्य बड़े बदलावों के सामूहिक प्रभाव के बीच ब्रिक्स तंत्र का महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने में उभरते बाजारों तथा विकासशील देशों के बीच सहयोग गहन करने के लिहाज से विशेष महत्व है.'

उन्होंने कहा, 'ब्रिक्स नेताओं के मार्गदर्शन में पांचों देशों के विदेश मंत्री आपसी विश्वास को बढ़ाने तथा राजनीतिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के लिए नियमित बैठक करते हैं.'

भारत तीसरी बार कर रहा अध्यक्षता

बैठक से चीन की अपेक्षा के प्रश्न पर प्रवक्ता ने कहा, 'चीन बैठक में साझा चिंताओं के अत्यावश्यक मुद्दों पर ब्रिक्स के अन्य देशों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने, एक दूसरे के रुख में तालमेल बैठाने तथा आम-सहमति बनाने को लेकर आशान्वित है.'

उन्होंने कहा, 'हम मिलकर यह कड़ा संदेश देंगे कि ब्रिक्स देश एकजुटता तथा सहयोग के साथ सच्चे बहुपक्षवाद का समर्थन करते हैं, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को उबारने एवं वैश्विक चुनौतियों से निपटने को प्रोत्साहित करते हैं.'

वर्ष 2012 और 2016 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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