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वुहान लैब लीक पहलू पर पुनर्विचार: WHO की योजना को चीन ने सिरे से किया खारिज

नेशनल हेल्थ कमीशन के उपमंत्री जेंग यिक्जिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, चीन कोविड-19 की उत्पति की जांच के दूसरे चरण की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की संस्तुत योजना को नहीं मानेगा. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित उत्पति अध्ययन के दूसरे चरण की कार्ययोजना में ऐसी भाषा है, जो विज्ञान का सम्मान नहीं करती है.

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Published : Jul 22, 2021, 10:03 PM IST

बीजिंग : चीन ने वुहान में कोरोना वायरस (corona virus) की उत्पत्ति का पता लगाने के दूसरे चरण, खासकर प्रयोगशाला से इस वायरस के लीक होने संबंधी पहलू की जांच की डब्ल्यूएचओ की योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. इसके साथ ही इन खबरों का भी खंडन किया कि इस शहर और दुनिया में इस जानलेवा विषाणु के फैलने से पहले प्रयोगशाला के कुछ कर्मी संक्रमित हुए थे.

नेशनल हेल्थ कमीशन के उपमंत्री जेंग यिक्जिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, चीन कोविड-19 की उत्पति की जांच के दूसरे चरण की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की संस्तुत योजना को नहीं मानेगा.

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित उत्पति अध्ययन के दूसरे चरण की कार्ययोजना में ऐसी भाषा है, जो विज्ञान का सम्मान नहीं करती है.

डब्ल्यूएचओ और उसके महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयेसस की चीन द्वारा आलोचना तब की गयी है, जब उन्होंने (महानिदेशक ने) चीन नसे पारदर्शी बनने और ये आंकड़े देने का आह्वान किया. हालांकि, इससे पहले कोरोना वायरस से निपटने में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रशंसा करने पर घेब्रेयेसस को चीन से सराहना मिली थी.

महानिदेशक ने कहा था, खासकर सूचना व अंतरिम आंकड़ा, जो हमने महामारी के शुरुआती दिनों में चीन से मांगा था, को लेकर (हम) वाकई उससे पारदर्शी, खुला और सहयोगपूर्ण होने की मांग कर रहे हैं. हमारी उन लाखों लोगों, जो इससे प्रभावित हुए व उन लाखों लोगों, जिन्होंने इस बीमारी से जान गंवायी, के प्रति यह बताने की जवाबदेही बनती है कि दरअसल हुआ क्या था.

पढ़ें- मैक्सिको : पूर्व प्रशासन ने 'स्पाइवेयर' खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए

सरकारी चाइना डेली की खबर के अनुसार, जेंग ने कहा कि अनुसंधान उद्देश्य में एक परिकल्पना यह है कि चीन ने प्रयोगशाला विनियमों का उल्लंघन किया और वायरस को लीक किया, वह इस प्रस्ताव को पढ़कर 'स्तब्ध' हैं.

उन्होंने कहा कि इसके बजाय अगले चरण के अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों और देशों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. चीन पहले भी कई बार दावा कर चुका है कि दुनिया में कई स्थानों पर कोरोना वायरस फैला, लेकिन चीन दिसंबर, 2019 में उसके बारे में रिपोर्ट करने वाला पहला देश है, जब वुहान में यह महामारी फैली थी.

जेंग ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ की कार्ययोजना से 'स्तब्ध' हैं, क्योंकि उसमें राजनीतिक प्रभाव और वैज्ञानिक तथ्यों के प्रति अनादार को जगह दी गयी है.

उन्होंने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वुहान विषाणुविज्ञान संस्थान के तीन कर्मी कोविड-19 के पहले दस्तावेजी मामले सामने आने से महज कुछ समय पहले संक्रमित हुए थे.

(भाषा)

बीजिंग : चीन ने वुहान में कोरोना वायरस (corona virus) की उत्पत्ति का पता लगाने के दूसरे चरण, खासकर प्रयोगशाला से इस वायरस के लीक होने संबंधी पहलू की जांच की डब्ल्यूएचओ की योजना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. इसके साथ ही इन खबरों का भी खंडन किया कि इस शहर और दुनिया में इस जानलेवा विषाणु के फैलने से पहले प्रयोगशाला के कुछ कर्मी संक्रमित हुए थे.

नेशनल हेल्थ कमीशन के उपमंत्री जेंग यिक्जिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, चीन कोविड-19 की उत्पति की जांच के दूसरे चरण की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की संस्तुत योजना को नहीं मानेगा.

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित उत्पति अध्ययन के दूसरे चरण की कार्ययोजना में ऐसी भाषा है, जो विज्ञान का सम्मान नहीं करती है.

डब्ल्यूएचओ और उसके महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयेसस की चीन द्वारा आलोचना तब की गयी है, जब उन्होंने (महानिदेशक ने) चीन नसे पारदर्शी बनने और ये आंकड़े देने का आह्वान किया. हालांकि, इससे पहले कोरोना वायरस से निपटने में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रशंसा करने पर घेब्रेयेसस को चीन से सराहना मिली थी.

महानिदेशक ने कहा था, खासकर सूचना व अंतरिम आंकड़ा, जो हमने महामारी के शुरुआती दिनों में चीन से मांगा था, को लेकर (हम) वाकई उससे पारदर्शी, खुला और सहयोगपूर्ण होने की मांग कर रहे हैं. हमारी उन लाखों लोगों, जो इससे प्रभावित हुए व उन लाखों लोगों, जिन्होंने इस बीमारी से जान गंवायी, के प्रति यह बताने की जवाबदेही बनती है कि दरअसल हुआ क्या था.

पढ़ें- मैक्सिको : पूर्व प्रशासन ने 'स्पाइवेयर' खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए

सरकारी चाइना डेली की खबर के अनुसार, जेंग ने कहा कि अनुसंधान उद्देश्य में एक परिकल्पना यह है कि चीन ने प्रयोगशाला विनियमों का उल्लंघन किया और वायरस को लीक किया, वह इस प्रस्ताव को पढ़कर 'स्तब्ध' हैं.

उन्होंने कहा कि इसके बजाय अगले चरण के अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों और देशों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. चीन पहले भी कई बार दावा कर चुका है कि दुनिया में कई स्थानों पर कोरोना वायरस फैला, लेकिन चीन दिसंबर, 2019 में उसके बारे में रिपोर्ट करने वाला पहला देश है, जब वुहान में यह महामारी फैली थी.

जेंग ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ की कार्ययोजना से 'स्तब्ध' हैं, क्योंकि उसमें राजनीतिक प्रभाव और वैज्ञानिक तथ्यों के प्रति अनादार को जगह दी गयी है.

उन्होंने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि वुहान विषाणुविज्ञान संस्थान के तीन कर्मी कोविड-19 के पहले दस्तावेजी मामले सामने आने से महज कुछ समय पहले संक्रमित हुए थे.

(भाषा)

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