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मानवाधिकार पर जी-7 की आलोचना को चीन ने खारिज किया

चीन ने अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शिनजियांग में शिविर आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने और पश्चिमी क्षेत्र की आबादी में जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं, में कट्टरपंथ से मुकाबला करने के लिए है.

china rejects G7 criticism on human rights
मानवाधिकार पर जी-7 की आलोचना को चीन ने खारिज किया
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Published : May 6, 2021, 7:48 PM IST

बीजिंग: चीन की सरकार ने बृहस्पतिवार को दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के विदेश मंत्रियों द्वारा उसके मानवाधिकार एवं आर्थिक रिकॉर्ड को लेकर की गई आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि वे चीन के मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि लंदन में बुधवार को जी-7 के राजनयिकों द्वारा बीजिंग के खिलाफ 'आधारहीन आरोप लगाए गए'.

उन्होंने उन पर चीन के मामलों में 'स्पष्ट रूप से हस्तक्षेप' करने का आरोप लगाया. वांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चीन इसकी कड़ी निंदा करता है.

उल्लेखनीय है कि जी-7 के नेताओं द्वारा बुधवार को जारी बयान से बीजिंग पर उईगर और अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार, बड़े पैमाने पर लोगों के हिरासत में लेने, जबरन काम कराने एवं नसबंदी के मुद्दे पर कूटनीतिक दबाव बढ़ गया है. अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इटली और कनाडा के अधिकारियों ने कहा कि वे ' बहुत चिंतित' हैं लेकिन उन्होंने जबरन मजदूरी और अन्य उत्पीड़न संबंधी रिपोर्ट पर आधिकारिक रूप से कार्रवाई की घोषणा नहीं की.

चीन ने अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शिनजियांग में शिविर आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने और पश्चिमी क्षेत्र की आबादी में जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं, में कट्टरपंथ से मुकाबला करने के लिए है. वांग ने कहा कि जी-7 सरकारों को विकासशील देशों तक कोरोना वायरस का टीका पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए बजाय कि 'स्वयं को महान दिखाने के लिए दूसरे देशों पर आरोप लगाने और हस्तक्षेप करने के.

पढ़ें: भारत-चीन संबंध 'मुश्किल दौर' में, पर कोरोना से जंग में एक साथ : जयशंकर

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मौलिक नियमों के प्रति असम्मान की कोशिश और चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप के विभिन्न बहाने खोजने, चीन की संप्रभुता को कमतर करने और उसकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी.

बीजिंग: चीन की सरकार ने बृहस्पतिवार को दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के विदेश मंत्रियों द्वारा उसके मानवाधिकार एवं आर्थिक रिकॉर्ड को लेकर की गई आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि वे चीन के मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि लंदन में बुधवार को जी-7 के राजनयिकों द्वारा बीजिंग के खिलाफ 'आधारहीन आरोप लगाए गए'.

उन्होंने उन पर चीन के मामलों में 'स्पष्ट रूप से हस्तक्षेप' करने का आरोप लगाया. वांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चीन इसकी कड़ी निंदा करता है.

उल्लेखनीय है कि जी-7 के नेताओं द्वारा बुधवार को जारी बयान से बीजिंग पर उईगर और अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार, बड़े पैमाने पर लोगों के हिरासत में लेने, जबरन काम कराने एवं नसबंदी के मुद्दे पर कूटनीतिक दबाव बढ़ गया है. अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इटली और कनाडा के अधिकारियों ने कहा कि वे ' बहुत चिंतित' हैं लेकिन उन्होंने जबरन मजदूरी और अन्य उत्पीड़न संबंधी रिपोर्ट पर आधिकारिक रूप से कार्रवाई की घोषणा नहीं की.

चीन ने अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शिनजियांग में शिविर आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने और पश्चिमी क्षेत्र की आबादी में जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं, में कट्टरपंथ से मुकाबला करने के लिए है. वांग ने कहा कि जी-7 सरकारों को विकासशील देशों तक कोरोना वायरस का टीका पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए बजाय कि 'स्वयं को महान दिखाने के लिए दूसरे देशों पर आरोप लगाने और हस्तक्षेप करने के.

पढ़ें: भारत-चीन संबंध 'मुश्किल दौर' में, पर कोरोना से जंग में एक साथ : जयशंकर

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मौलिक नियमों के प्रति असम्मान की कोशिश और चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप के विभिन्न बहाने खोजने, चीन की संप्रभुता को कमतर करने और उसकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी.

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