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डब्ल्यूएचओ का वित्तपोषण : चीन ने अमेरिका की रोक पर 'गंभीर चिंता' जताई - विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग बंद

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'चीन डब्ल्यूएचओ की वित्तीय मदद रोकने के अमेरिका के निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है.' इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा कर कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को मिलने वाली फंडिंग को रोक रहा है.

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Published : Apr 15, 2020, 3:12 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 4:45 PM IST

बीजिंग : चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वित्तपोषण पर अमेरिका की रोक पर गंभीर चिंता जताई है. चीन की प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर आई है, जिसमें ट्रंप ने हाल के हफ्तों में डब्ल्यूएचओ पर चीन को लेकर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है. चीन से पूर्व संयुक्त राष्ट्र ने भी इस विषय को गंभीरता से लिया है.

चीन ने अमेरिका के कदम की निन्दा करते हुए संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ के लिए अपना अंशदान बढ़ाने के संकेत दिए हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'चीन डब्ल्यूएचओ की वित्तीय मदद रोकने के अमेरिका के निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है.'

डब्ल्यूएचओ और इसके महानिदेशक टेड्रोस ए. गेब्रेयेसस का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, 'वैश्विक और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रामाणिक और पेशेवर अंतरराष्ट्रीय संगठन होने के नाते डब्ल्यूएचओ वैश्विक स्वास्थ्य संकट में अद्वितीय भूमिका निभाता है, खासकर कोविड-19 के सामने आने के बाद.'

उन्होंने कहा, 'डॉ. टेड्रोस के नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय में केंद्रीय भूमिका अदा कर रहा है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पूरी तरह मानता है.'

लिजियान ने कहा कि ऐसे में जब विश्व में कोविड-19 को रोकने के प्रयास नाजुक स्थिति में हैं, 'अमेरिका का यह फैसला डब्ल्यूएचओ की क्षमता को कमजोर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमतर करेगा.' उन्होंने कहा, 'चीन अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और वैश्विक महामारी रोधी प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में हमेशा डब्ल्यूएचओ का समर्थन करेगा.'

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के मदद रोकने पर डब्ल्यूएचओ की वित्तीय मदद की भरपाई करने के लिए चीन अपना अंशदान बढ़ाएगा, लिजियान ने कहा, 'चीन ने (कोविड-19) से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ को दो करोड़ डॉलर उपलब्ध कराए हैं और हम संबंधित विषय का अध्ययन करेंगे.'

दिसंबर में कोरोना वायरस का पता चलने पर पारदर्शिता में कमी को लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ दोनों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को मिलने वाली फंडिंग को रोक रहा है.

ह्वाइट हाउस की डेली ब्रिफिंग में ट्रंप ने कहा, मैं अपने प्रशासन को फंडिंग (वित्त पोषण को) रोकने का निर्देश दे रहा हूं. कोरोना वायरस के प्रसार से गलत तरीके से निबटने और इस पूरे मामले को कवर (छिपाने) करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भूमिका की समीक्षा की जा रही है.

बीजिंग : चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वित्तपोषण पर अमेरिका की रोक पर गंभीर चिंता जताई है. चीन की प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर आई है, जिसमें ट्रंप ने हाल के हफ्तों में डब्ल्यूएचओ पर चीन को लेकर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है. चीन से पूर्व संयुक्त राष्ट्र ने भी इस विषय को गंभीरता से लिया है.

चीन ने अमेरिका के कदम की निन्दा करते हुए संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ के लिए अपना अंशदान बढ़ाने के संकेत दिए हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'चीन डब्ल्यूएचओ की वित्तीय मदद रोकने के अमेरिका के निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है.'

डब्ल्यूएचओ और इसके महानिदेशक टेड्रोस ए. गेब्रेयेसस का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, 'वैश्विक और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रामाणिक और पेशेवर अंतरराष्ट्रीय संगठन होने के नाते डब्ल्यूएचओ वैश्विक स्वास्थ्य संकट में अद्वितीय भूमिका निभाता है, खासकर कोविड-19 के सामने आने के बाद.'

उन्होंने कहा, 'डॉ. टेड्रोस के नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के समन्वय में केंद्रीय भूमिका अदा कर रहा है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पूरी तरह मानता है.'

लिजियान ने कहा कि ऐसे में जब विश्व में कोविड-19 को रोकने के प्रयास नाजुक स्थिति में हैं, 'अमेरिका का यह फैसला डब्ल्यूएचओ की क्षमता को कमजोर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कमतर करेगा.' उन्होंने कहा, 'चीन अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और वैश्विक महामारी रोधी प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में हमेशा डब्ल्यूएचओ का समर्थन करेगा.'

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के मदद रोकने पर डब्ल्यूएचओ की वित्तीय मदद की भरपाई करने के लिए चीन अपना अंशदान बढ़ाएगा, लिजियान ने कहा, 'चीन ने (कोविड-19) से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ को दो करोड़ डॉलर उपलब्ध कराए हैं और हम संबंधित विषय का अध्ययन करेंगे.'

दिसंबर में कोरोना वायरस का पता चलने पर पारदर्शिता में कमी को लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ दोनों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को मिलने वाली फंडिंग को रोक रहा है.

ह्वाइट हाउस की डेली ब्रिफिंग में ट्रंप ने कहा, मैं अपने प्रशासन को फंडिंग (वित्त पोषण को) रोकने का निर्देश दे रहा हूं. कोरोना वायरस के प्रसार से गलत तरीके से निबटने और इस पूरे मामले को कवर (छिपाने) करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भूमिका की समीक्षा की जा रही है.

Last Updated : Apr 16, 2020, 4:45 PM IST
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