ETV Bharat / international

चीन ने ताइवान की रक्षा को लेकर जापान के उप प्रधानमंत्री के बयान पर जताई आपत्ति

ताइवान की रक्षा को लेकर जापान के उप प्रधानमंत्री तारो असो ने एक बयान दिया था जिस पर चीन ने आपत्ति दर्ज करवाई है. जानिए क्या था जापान के उप प्रधानमंत्री बयान...

Zhao Lijian
Zhao Lijian
author img

By

Published : Jul 6, 2021, 7:28 PM IST

बीजिंग : चीन ने जापान के उप प्रधानमंत्री तारो असो की टिप्पणी के खिलाफ जापान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है. असो ने कहा था कि अगर चीनी सेना हमला करती है तो जापान और अमेरिका को मिलकर ताइवान की रक्षा करनी चाहिए.

'जापान टाइम्स' अखबार ने मंगलवार को कहा कि असो ने संकेत दिया है कि जापान ताइवान पर चीनी आक्रमण को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा के तौर पर देखेगा और इससे जापान को अमेरिका के साथ उसकी रक्षा करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. बेलाग-लपेट बोलने के लिए मशहूर असो ने कहा, अगर (ताइवान पर) कोई बड़ी घटना होती है तो यह कहा जा सकता है कि यह (जापान के लिए) खतरा होगा. ऐसी स्थिति में जापान और अमेरिका को ताइवान की रक्षा के लिए साथ आना होगा.

असो की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी बहुत गलत और खतरनाक है और यह 'एक चीन' की नीति के भी खिलाफ है जिसके तहत बीजिंग ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है.

लिजियान ने कहा, चीन इसे खारिज करता है और जापान के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने परोक्ष रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में चीन पर जापानी आक्रमण का हवाला देते हुए कहा, जापान की सेना ने एक बार चीन के खिलाफ निंदनीय अपराध किया था.

पढ़ें :- दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की गतिविधि पर चीन ने जताई आपत्ति

उन्होंने कहा, जापान के कुछ नेता अभी भी ताइवान को अपना बनाना चाहते हैं. इससे लगता है कि इतिहास से उन्होंने सबक नहीं लिया है.

प्रवक्ता ने कहा, चीन अब वह नहीं रहा, जो अतीत में था और हम किसी भी देश को ताइवान के मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे और किसी को भी चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : चीन ने जापान के उप प्रधानमंत्री तारो असो की टिप्पणी के खिलाफ जापान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है. असो ने कहा था कि अगर चीनी सेना हमला करती है तो जापान और अमेरिका को मिलकर ताइवान की रक्षा करनी चाहिए.

'जापान टाइम्स' अखबार ने मंगलवार को कहा कि असो ने संकेत दिया है कि जापान ताइवान पर चीनी आक्रमण को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा के तौर पर देखेगा और इससे जापान को अमेरिका के साथ उसकी रक्षा करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. बेलाग-लपेट बोलने के लिए मशहूर असो ने कहा, अगर (ताइवान पर) कोई बड़ी घटना होती है तो यह कहा जा सकता है कि यह (जापान के लिए) खतरा होगा. ऐसी स्थिति में जापान और अमेरिका को ताइवान की रक्षा के लिए साथ आना होगा.

असो की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी बहुत गलत और खतरनाक है और यह 'एक चीन' की नीति के भी खिलाफ है जिसके तहत बीजिंग ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है.

लिजियान ने कहा, चीन इसे खारिज करता है और जापान के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने परोक्ष रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में चीन पर जापानी आक्रमण का हवाला देते हुए कहा, जापान की सेना ने एक बार चीन के खिलाफ निंदनीय अपराध किया था.

पढ़ें :- दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना की गतिविधि पर चीन ने जताई आपत्ति

उन्होंने कहा, जापान के कुछ नेता अभी भी ताइवान को अपना बनाना चाहते हैं. इससे लगता है कि इतिहास से उन्होंने सबक नहीं लिया है.

प्रवक्ता ने कहा, चीन अब वह नहीं रहा, जो अतीत में था और हम किसी भी देश को ताइवान के मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे और किसी को भी चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.