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चीन ने प्रतिस्पर्धा संबंधी अमेरिकी विधेयक की निंदा की

प्रौद्योगिकी को मजबूत करने पर केंद्रित अमेरिका के विधेयक की चीन ने निंदा की है. चीन ने इसे उसकी घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला बताया. चीन, ताइवान के समर्थन और हांगकांग के जिक्र से भी तमतमाया है.

विधेयक की चीन ने निंदा की
विधेयक की चीन ने निंदा की
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Published : Jun 9, 2021, 7:40 PM IST

बीजिंग : चीन ने बुधवार को अमेरिका के उस विधेयक की निंदा की जो चीन तथा अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर अमेरिकी प्रौद्योगिकी को मजबूत करने पर केंद्रित है. बीजिंग ने कहा कि विधेयक चीन की घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला और इसके विकास को रोकने पर केंद्रित है.

चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान जारी कर अमेरिकी नवोन्मेष एवं प्रतिस्पर्धा विधेयक पर 'कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया.' अमेरिका के इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट ने पारित कर दिया था.

चीन ने बयान में कहा, 'अमेरिका के आधिपत्य को बनाए रखने के उद्देश्य से इस विधेयक में मानवाधिकार के बहाने चीन से तथाकथित खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है जिससे कि चीन की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप किया जा सके और चीन को विकास के वैध अधिकार से वंचित किया जा सके.'

इसमें कहा गया कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि चीन ऐसी किसी चीज को स्वीकार करेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास हितों को नुकसान पहुंचाती हो.

ताइवान के समर्थन, हांगकांग के जिक्र से तमतमाया चीन

चीन ने विधेयक में ताइवान का समर्थन किए जाने और हांगकांग का जिक्र किए जाने की भी निंदा की. ताइवान को चीन जहां अपना हिस्सा बताता है, वहीं हांगकांग में उस पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं.

बयान में कहा गया कि ये सभी मुद्दे 'पूरी तरह चीन के आंतरिक मामले हैं और इसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा.'

पढ़ें- जापान, ऑस्ट्रेलिया ने चीन को लेकर चिंताओं को किया साझा

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधेयक में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जो चीन के विकास पथ को बाधित करने और उसकी घरेलू तथा विदेश नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : चीन ने बुधवार को अमेरिका के उस विधेयक की निंदा की जो चीन तथा अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर अमेरिकी प्रौद्योगिकी को मजबूत करने पर केंद्रित है. बीजिंग ने कहा कि विधेयक चीन की घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला और इसके विकास को रोकने पर केंद्रित है.

चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान जारी कर अमेरिकी नवोन्मेष एवं प्रतिस्पर्धा विधेयक पर 'कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया.' अमेरिका के इस विधेयक को मंगलवार को सीनेट ने पारित कर दिया था.

चीन ने बयान में कहा, 'अमेरिका के आधिपत्य को बनाए रखने के उद्देश्य से इस विधेयक में मानवाधिकार के बहाने चीन से तथाकथित खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है जिससे कि चीन की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप किया जा सके और चीन को विकास के वैध अधिकार से वंचित किया जा सके.'

इसमें कहा गया कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि चीन ऐसी किसी चीज को स्वीकार करेगा जो उसकी संप्रभुता, सुरक्षा या विकास हितों को नुकसान पहुंचाती हो.

ताइवान के समर्थन, हांगकांग के जिक्र से तमतमाया चीन

चीन ने विधेयक में ताइवान का समर्थन किए जाने और हांगकांग का जिक्र किए जाने की भी निंदा की. ताइवान को चीन जहां अपना हिस्सा बताता है, वहीं हांगकांग में उस पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं.

बयान में कहा गया कि ये सभी मुद्दे 'पूरी तरह चीन के आंतरिक मामले हैं और इसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा.'

पढ़ें- जापान, ऑस्ट्रेलिया ने चीन को लेकर चिंताओं को किया साझा

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधेयक में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जो चीन के विकास पथ को बाधित करने और उसकी घरेलू तथा विदेश नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है.

(पीटीआई-भाषा)

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