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सभी आतंकवादी बलों से 'पूरी तरह संबंध तोड़े' तालिबान : चीन - वांग यी

तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी गतिविधियां तेज कर दी है. इसी बीच चीन ने कहा कि अफगानिस्तान में बड़े सैन्य बल के तौर पर तालिबान को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और सभी आतंकवादी संगठनों से 'पूरी तरह संबंध तोड़ने' चाहिए तथा अफगान राजनीति की मुख्यधारा में लौटना चाहिए.

वांग यी
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Published : Jul 14, 2021, 4:07 PM IST

बीजिंग : चीन ने अफगानिस्तान में आक्रामक गतिविधियां तेज कर रहे तालिबान संबंधी अहम नीतिगत बयान में संगठन से विशेषकर ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (ईटीआईएम) समेत सभी आतंकवादी बलों से 'पूरी तरह संबंध तोड़ने' को कहा है.

अलकायदा समर्थित उइगर मुसलमान (Uyghur Muslim ) आतंकवादी समूह ईटीआईएम चीन के शिनजियांग प्रांत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहा है.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi ) ने दुशान्बे में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध, खासकर गृह युद्ध से बचा जाना चाहिए. उन्होंने अफगानिस्तान में राजनीतिक सुलह तलाशने और सभी प्रकार के आतंकवादी बलों को वहां मजबूत होने से रोकने के लिए अंतर-अफगान वार्ता पुन: शुरू करने की वकालत है.

वांग ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में बड़े सैन्य बल के तौर पर तालिबान को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और सभी आतंकवादी संगठनों से 'पूरी तरह संबंध तोड़ने' चाहिए तथा अफगान राजनीति की मुख्यधारा में लौटना चाहिए.

चीन के मित्र पाकिस्तान पर तालिबान आतंकवादियों को पनाह देने का अक्सर आरोप लगाने वाली अफगानिस्तान सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्र की एकता, सामाजिक स्थिरता और लोगों की आजीविका में सुधार के लिए बहुत काम किया है.

चीनी आधिकारिक मीडिया ने बुधवार को यहां बताया कि वांग ने ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के साथ दुशान्बे में बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की.

उनकी यह टिप्पणी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दुशान्बे में होने वाली बैठक से पहले आई है, जिसमें वांग के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल होंगे. गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार (Afghanistan Foreign Minister Mohammad Hanif Atmar ) को एससीओ संपर्क समूह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.

यह बैठक विदेश मंत्रियों की बैठक के तुरंत बाद होगी. आठ सदस्यीय एससीओ समूह में चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. अफगानिस्तान एससीओ समूह का पर्यवेक्षक है.

यह भी पढ़ें- जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना

वांग ने कहा कि चीन अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान से व्यापक समावेशी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने, ठोस मुस्लिम नीति का पालन करने, सभी आतंकवादी एवं चरमपंथी विचारधाराओं का दृढ़ता से मुकाबला करने और सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंधों के लिए प्रतिबद्ध होने की उम्मीद करता है.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि तालिबान पर वांग की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि चीन तालिबान के उस हालिया बयान को तवज्जो नहीं देना चाहता, जिसमें उसने चीन को अपना मित्र बताया था.

चीन ईटीआईएम के सैकड़ों लड़ाके को लेकर चिंतित है. ईटीआईएम उइगर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में विद्रोह भड़काने की कोशिश कर रहा है. शिनजियांग की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और ताजिकिस्तान से भी लगती है.

(पीटीआई भाषा)

बीजिंग : चीन ने अफगानिस्तान में आक्रामक गतिविधियां तेज कर रहे तालिबान संबंधी अहम नीतिगत बयान में संगठन से विशेषकर ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (ईटीआईएम) समेत सभी आतंकवादी बलों से 'पूरी तरह संबंध तोड़ने' को कहा है.

अलकायदा समर्थित उइगर मुसलमान (Uyghur Muslim ) आतंकवादी समूह ईटीआईएम चीन के शिनजियांग प्रांत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहा है.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi ) ने दुशान्बे में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध, खासकर गृह युद्ध से बचा जाना चाहिए. उन्होंने अफगानिस्तान में राजनीतिक सुलह तलाशने और सभी प्रकार के आतंकवादी बलों को वहां मजबूत होने से रोकने के लिए अंतर-अफगान वार्ता पुन: शुरू करने की वकालत है.

वांग ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में बड़े सैन्य बल के तौर पर तालिबान को राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और सभी आतंकवादी संगठनों से 'पूरी तरह संबंध तोड़ने' चाहिए तथा अफगान राजनीति की मुख्यधारा में लौटना चाहिए.

चीन के मित्र पाकिस्तान पर तालिबान आतंकवादियों को पनाह देने का अक्सर आरोप लगाने वाली अफगानिस्तान सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्र की एकता, सामाजिक स्थिरता और लोगों की आजीविका में सुधार के लिए बहुत काम किया है.

चीनी आधिकारिक मीडिया ने बुधवार को यहां बताया कि वांग ने ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के साथ दुशान्बे में बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की.

उनकी यह टिप्पणी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दुशान्बे में होने वाली बैठक से पहले आई है, जिसमें वांग के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल होंगे. गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार (Afghanistan Foreign Minister Mohammad Hanif Atmar ) को एससीओ संपर्क समूह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.

यह बैठक विदेश मंत्रियों की बैठक के तुरंत बाद होगी. आठ सदस्यीय एससीओ समूह में चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. अफगानिस्तान एससीओ समूह का पर्यवेक्षक है.

यह भी पढ़ें- जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना

वांग ने कहा कि चीन अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान से व्यापक समावेशी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने, ठोस मुस्लिम नीति का पालन करने, सभी आतंकवादी एवं चरमपंथी विचारधाराओं का दृढ़ता से मुकाबला करने और सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंधों के लिए प्रतिबद्ध होने की उम्मीद करता है.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि तालिबान पर वांग की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि चीन तालिबान के उस हालिया बयान को तवज्जो नहीं देना चाहता, जिसमें उसने चीन को अपना मित्र बताया था.

चीन ईटीआईएम के सैकड़ों लड़ाके को लेकर चिंतित है. ईटीआईएम उइगर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में विद्रोह भड़काने की कोशिश कर रहा है. शिनजियांग की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और ताजिकिस्तान से भी लगती है.

(पीटीआई भाषा)

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