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चीन ने पहले नेजल स्प्रे टीके को परीक्षण की मंजूरी दी - honkong university

नेजल स्प्रे वैक्सीन के परीक्षण का पहला चरण नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए चीन 100 स्वयंसेवकों की भर्ती कर रहा है. यह चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन द्वारा अनुमोदित अपने प्रकार का एकमात्र टीका है.

nasal spray
नाक स्प्रे
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Published : Sep 10, 2020, 10:19 PM IST

बीजिंग : चीन ने कोरोनो वायरस का सामना करने के लिए अपने पहले नेजल (नाक) स्प्रे वैक्सीन (टीका) के परीक्षण की मंजूरी दे दी है. इस नेजल स्प्रे वैक्सीन के परीक्षण का पहला चरण नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए चीन 100 स्वयंसेवकों की भर्ती कर रहा है. यह चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन द्वारा अनुमोदित अपने प्रकार का एकमात्र टीका है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कुछ समय पहले इस बारे में रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी. वैक्सीन हांगकांग और चीन के बीच एक सहयोगात्मक मिशन है. इसमें हांगकांग विश्वविद्यालय, जियामी विश्वविद्यालय और बीजिंग वेंतई बायोलॉजिकल फार्मेसी के शोधकर्ता शामिल हैं.

परीक्षणों को समाप्त करने में कम से कम एक और वर्ष लगेगा

हांगकांग विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजिस्ट यूएन क्वाक युंग ने बताया कि टीका प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करने के लिए श्वसन वायरस के प्राकृतिक संक्रमण मार्ग को उत्तेजित करता है. नेजल स्प्रे टीकाकरण वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं के लिए दोहरी सुरक्षा उत्पन्न कर सकता है. कोरोना वायरस के साथ अगर इसमें एच 1 एन 1, एच 3 एन 2 और बी सहित इन्फ्लूएंजा वायरस भी हैं तो तीन नैदानिक ​​परीक्षणों को समाप्त करने में कम से कम एक और वर्ष लगेगा.

बीजिंग स्थित एक प्रतिरक्षा विज्ञानी ने बताया कि इंजेक्शन की तुलना में नाक स्प्रे का टीकाकरण करना आसान है. यह बड़े पैमाने पर उत्पादन करने और वितरित करने में भी आसान होगा क्योंकि यह परिपक्व इन्फ्लूएंजा टीका उत्पादन तकनीक को अपनाता है. नाक स्प्रे वैक्सीन लाइव एटेन्यूएटेड इन्फ्लुएंजा वैक्सीन का उपयोग करता है.

साइड इफेक्ट की उम्मीद नहीं : यूएन क्वाक युंग

चीन चार अन्य तकनीकी मार्गों निष्क्रिय टीके, एडेनोवायरल वेक्टर आधारित टीके, डीएनए और एमआरएनए का उपयोग टीका बनाने में कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निष्क्रिय टीका वैक्सीन के बाजार में सबसे पहले आने का अनुमान है. प्रतिरक्षा विज्ञानी ने कहा कि नए टीके से प्रणालीगत दुष्प्रभाव नहीं हो सकते हैं, लेकिन श्वसन प्रणाली में अस्थमा और सांस की तकलीफ जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं. यूएन ने कहा कि आदर्श रूप से वैज्ञानिकों को मामूली नाक के अवरोध या नासूर के अलावा साइड इफेक्ट की उम्मीद नहीं है.

पढ़ें-ट्रंप ने किम और अमेरिकी रहस्यमयी हथियार के खोले राज

रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नाक स्प्रे के टीके से उत्पन्न प्रतिरक्षा अधिक समय तक बनी रहेगी या नहीं. चीन ने नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए तीन कोविड-19 टीके को मंजूरी दी है. इसने कुछ चुनिंदा घरेलू कंपनियों द्वारा विकसित कोविड-19 टीकों के आपातकालीन उपयोग को भी अधिकृत किया है.

बीजिंग : चीन ने कोरोनो वायरस का सामना करने के लिए अपने पहले नेजल (नाक) स्प्रे वैक्सीन (टीका) के परीक्षण की मंजूरी दे दी है. इस नेजल स्प्रे वैक्सीन के परीक्षण का पहला चरण नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए चीन 100 स्वयंसेवकों की भर्ती कर रहा है. यह चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन द्वारा अनुमोदित अपने प्रकार का एकमात्र टीका है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कुछ समय पहले इस बारे में रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी. वैक्सीन हांगकांग और चीन के बीच एक सहयोगात्मक मिशन है. इसमें हांगकांग विश्वविद्यालय, जियामी विश्वविद्यालय और बीजिंग वेंतई बायोलॉजिकल फार्मेसी के शोधकर्ता शामिल हैं.

परीक्षणों को समाप्त करने में कम से कम एक और वर्ष लगेगा

हांगकांग विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजिस्ट यूएन क्वाक युंग ने बताया कि टीका प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करने के लिए श्वसन वायरस के प्राकृतिक संक्रमण मार्ग को उत्तेजित करता है. नेजल स्प्रे टीकाकरण वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं के लिए दोहरी सुरक्षा उत्पन्न कर सकता है. कोरोना वायरस के साथ अगर इसमें एच 1 एन 1, एच 3 एन 2 और बी सहित इन्फ्लूएंजा वायरस भी हैं तो तीन नैदानिक ​​परीक्षणों को समाप्त करने में कम से कम एक और वर्ष लगेगा.

बीजिंग स्थित एक प्रतिरक्षा विज्ञानी ने बताया कि इंजेक्शन की तुलना में नाक स्प्रे का टीकाकरण करना आसान है. यह बड़े पैमाने पर उत्पादन करने और वितरित करने में भी आसान होगा क्योंकि यह परिपक्व इन्फ्लूएंजा टीका उत्पादन तकनीक को अपनाता है. नाक स्प्रे वैक्सीन लाइव एटेन्यूएटेड इन्फ्लुएंजा वैक्सीन का उपयोग करता है.

साइड इफेक्ट की उम्मीद नहीं : यूएन क्वाक युंग

चीन चार अन्य तकनीकी मार्गों निष्क्रिय टीके, एडेनोवायरल वेक्टर आधारित टीके, डीएनए और एमआरएनए का उपयोग टीका बनाने में कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निष्क्रिय टीका वैक्सीन के बाजार में सबसे पहले आने का अनुमान है. प्रतिरक्षा विज्ञानी ने कहा कि नए टीके से प्रणालीगत दुष्प्रभाव नहीं हो सकते हैं, लेकिन श्वसन प्रणाली में अस्थमा और सांस की तकलीफ जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं. यूएन ने कहा कि आदर्श रूप से वैज्ञानिकों को मामूली नाक के अवरोध या नासूर के अलावा साइड इफेक्ट की उम्मीद नहीं है.

पढ़ें-ट्रंप ने किम और अमेरिकी रहस्यमयी हथियार के खोले राज

रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नाक स्प्रे के टीके से उत्पन्न प्रतिरक्षा अधिक समय तक बनी रहेगी या नहीं. चीन ने नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए तीन कोविड-19 टीके को मंजूरी दी है. इसने कुछ चुनिंदा घरेलू कंपनियों द्वारा विकसित कोविड-19 टीकों के आपातकालीन उपयोग को भी अधिकृत किया है.

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