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पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने दी इमरान खान को नसीहत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास बहाली को लेकर टिप्पणी की थी. इसपर पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने नसीहत देते हुए उनसे बयान देते समय 'सावधानी' बरतने और 'कटाक्ष' नहीं करने के लिये कहा. जानें विस्तार से...

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Published : Nov 21, 2019, 10:01 AM IST

सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने प्रधानमंत्री इमरान खान को न्यायालय के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणियों को लेकर नसीहत देते हुए उनसे बयान देते समय 'सावधानी' बरतने और 'कटाक्ष' नहीं करने के लिये कहा.

दरअसल, लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान सरकार की 700 करोड़ रुपये का बांड भरने की शर्त को दरकिनार कर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिये विदेश जाने की अनुमति दे दी थी, जिसे लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद सामने आ गए.

इमरान ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हवेलियां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा और वरिष्ठ न्यायाधीश गुलजार अहमद से जनता के बीच न्यायपालिका के प्रति भरोसा बहाल करने के लिये आगे आने का आग्रह किया था.

खान ने यह भी कहा था कि देश की न्यायिक प्रणाली में शक्तिशाली और आम लोगों के साथ व्यवहार में कथित असमानता है. उन्होंने कहा था कि वह इस धारणा को बदलने और संस्थानों के प्रति जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए न्यायपालिका का साथ देने के लिए तैयार हैं.

इसे भी पढे़ं- चिकित्सा विशेषज्ञों ने लंदन में की नवाज शरीफ की जांच

मुख्य न्यायाधीश खोसा ने यहां उच्चतम न्यायालय में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिये क्योंकि वह सरकार के मुख्य कार्यकारी हैं.

खोसा ने कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री ने जिस विशेष मामले का जिक्र किया, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन उन्हें (प्रधानमंत्री खान को) ये पता होना चाहिये कि उन्होंने खुद ही किसी को (नवाज शरीफ को) विदेश जाने की अनुमति दी. उच्च न्यायालय में सिर्फ तौर-तरीके पर सुनवाई हुई. कृपया (बयानों को लेकर) सावधान रहें.'

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने प्रधानमंत्री इमरान खान को न्यायालय के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणियों को लेकर नसीहत देते हुए उनसे बयान देते समय 'सावधानी' बरतने और 'कटाक्ष' नहीं करने के लिये कहा.

दरअसल, लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान सरकार की 700 करोड़ रुपये का बांड भरने की शर्त को दरकिनार कर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिये विदेश जाने की अनुमति दे दी थी, जिसे लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद सामने आ गए.

इमरान ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हवेलियां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा और वरिष्ठ न्यायाधीश गुलजार अहमद से जनता के बीच न्यायपालिका के प्रति भरोसा बहाल करने के लिये आगे आने का आग्रह किया था.

खान ने यह भी कहा था कि देश की न्यायिक प्रणाली में शक्तिशाली और आम लोगों के साथ व्यवहार में कथित असमानता है. उन्होंने कहा था कि वह इस धारणा को बदलने और संस्थानों के प्रति जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए न्यायपालिका का साथ देने के लिए तैयार हैं.

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मुख्य न्यायाधीश खोसा ने यहां उच्चतम न्यायालय में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिये क्योंकि वह सरकार के मुख्य कार्यकारी हैं.

खोसा ने कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री ने जिस विशेष मामले का जिक्र किया, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन उन्हें (प्रधानमंत्री खान को) ये पता होना चाहिये कि उन्होंने खुद ही किसी को (नवाज शरीफ को) विदेश जाने की अनुमति दी. उच्च न्यायालय में सिर्फ तौर-तरीके पर सुनवाई हुई. कृपया (बयानों को लेकर) सावधान रहें.'

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 23:27 HRS IST




             
  • पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने दी इमरान खान को नसीहत



इस्लामाबाद, 20 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने प्रधानमंत्री इमरान खान को न्यायालय के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणियों को लेकर नसीहत देते हुए उनसे बयान देते समय "सावधानी" बरतने और "कटाक्ष" नहीं करने के लिये कहा।



दरअसल, लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान सरकार की 700 करोड़ रुपये का बांड भरने की शर्त को दरकिनार कर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिये विदेश जाने की अनुमति दे दी थी, जिसे लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद सामने आ गए।



इमरान ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हवेलियां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा और वरिष्ठ न्यायाधीश गुलजार अहमद से जनता के बीच न्यायपालिका के प्रति भरोसा बहाल करने के लिये आगे आने का आग्रह किया था।



खान ने यह भी कहा था कि देश की न्यायिक प्रणाली में शक्तिशाली और आम लोगों के साथ व्यवहार में कथित असमानता है। उन्होंने कहा था कि वह इस धारणा को बदलने और संस्थानों के प्रति जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए न्यायपालिका का साथ देने के लिए तैयार हैं।



मुख्य न्यायाधीश खोसा ने यहां उच्चतम न्यायालय में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिये क्योंकि वह सरकार के मुख्य कार्यकारी हैं।



खोसा ने कहा, "आदरणीय प्रधानमंत्री ने जिस विशेष मामले का जिक्र किया, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन उन्हें (प्रधानमंत्री खान को) ये पता होना चाहिये कि उन्होंने खुद ही किसी को (नवाज शरीफ को) विदेश जाने की अनुमति दी। उच्च न्यायालय में सिर्फ तौर-तरीके पर सुनवाई हुई। कृपया (बयानों को लेकर) सावधान रहें।"

 


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