लंदन : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने पाया कि ब्रिटिश गृह विभाग द्वारा मार्च 2020 तक कुल 2,99,023 विदेशी विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए प्रायोजित अध्ययन वीजा जारी किए गए.
गृह विभाग के मुताबिक कुल वीजा में से 17 प्रतिशत भारतीय विद्यार्थी हैं. यानि कुल 49,844 भारतीय छात्रों को वीजा मिला, जो वर्ष 2019 के मुकाबले दो गुना से अधिक है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2016 से लगातार भारतीय संख्या में वृद्धि हो रही है.
ओएनएस के आंकड़े के मुताबिक, कुल अध्ययन वीजा के सबसे अधिक 40 प्रतिशत वीजा चीनी छात्रों को जारी किए गए. इसके बाद भारतीय छात्रों को सबसे अधिक वीजा जारी किए गए.
हालांकि, कोरोना वायरस की वजह से मार्च के बाद लागू लॉकडाउन का आकलन किया जाना बाकी है जिसका प्रभाव भारतीय छात्रों की संख्या पर पड़ सकता है.
ओएनएस में सेंटर फॉर इंटरनेशनल माइग्रेशन के निदेशक जे लिंडोप ने कहा, ' स्थिरता की अवधि के बाद हम आव्रजन की संख्या में कोरोना वायरस की महामारी से पहले 12 महीनों में वृद्धि देख रहे हैं. यह वृद्धि गैर यूरोपीय संघ देशों के छात्रों, मुख्य रूप से चीन और भारत के छात्रों की वजह से है.'
गौरतलब है कि ब्रिटेन की 'पोस्ट स्टडी वर्क' वीजा या ग्रेजुएट रूट वीजा योजना अकादमिक सत्र 2020-21 से लागू हुई है और इससे , ब्रिटेन आने वाले छात्रों पर अधिक सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है. इसमें अध्ययन पूरा करने के बाद काम के लिए आवेदन करने का प्रावधान किया गया है.