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पाकिस्तान में शिया समुदाय के धार्मिक जुलूस के दौरान धमाका, दो की मौत, 59 घायल

पाकिस्तान में शिया समुदाय के धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर विस्फोट किए जाने की खबर है. इस धमाके में 59 लोग घायल हुए हैं. विस्फोट में एक सात साल की बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई.

पाक धार्मिक जुलूस धमाका
पाक धार्मिक जुलूस धमाका
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Published : Aug 19, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 8:47 PM IST

मुल्तान : पाकिस्तान में शिया समुदाय के धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर विस्फोट किए जाने की खबर है. इस धमाके में 59 लोग घायल हुए हैं. विस्फोट में एक सात साल की बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया है. वह पुलिस हिरासत में है और उसके संपर्कों का भी पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.

  • 🔴 Breaking: Blast in Ashura procession in Bahawalnagar Jinnah Colony, several martyred and injured. Punjab, Province, Pakistan. pic.twitter.com/jLEVh31J2q

    — لبیک یاحسین 🚩 (@ZahraaMoosavi) August 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस और एंबुलेंस को विस्फोट स्थल की ओर जाते हुए दिखाया जा रहा है. कई घायल लोगों को पूर्वी पंजाब प्रांत के बहावलनगर शहर (जहां हमला हुआ) में सड़क के किनारे मदद की प्रतीक्षा करते देखा गया.

पुलिस अधिकारी मोहम्मद असद और शिया नेता खावर शफकत ने बमबारी की पुष्टि की. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि शहर में अब तनाव बहुत अधिक है, शियाओं ने हमले का विरोध किया और प्रतिशोध की मांग की.

शफकत ने कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब जुलूस मुहाजिर कॉलोनी नामक भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजर रहा था. उन्होंने हमले की निंदा की और सरकार से ऐसे जुलूसों में सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह किया, जो देश के अन्य हिस्सों में भी चल रहे हैं.

बता दें कि हादसे के बाद अधिकारियों ने शिया अशौरा उत्सव से एक दिन पहले देश भर में मोबाइल फोन सेवा को निलंबित कर दिया था. मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है जिसकी 10 तारीख को आशूरा कहा जाता है, क्योंकि सातवीं शताब्दी में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को इसी दिन शहीद किया गया था जिसकी याद में यह मनाया जाता है.

पढ़ें :- पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हमला : 20 गिरफ्तार, 150 से अधिक पर मामला दर्ज

शियाओं के लिए, हुसैन की याद एक भावनात्मक घटना है. कई लोगों को वर्तमान इराक (Iraq) में स्थित करबला (Karbala) में उनकी मृत्यु पर रोते हुए देखा जाता है. दुनिया भर में आयोजित होने वाले आशूरा जुलूसों के दौरान, कई प्रतिभागी शहादत से पहले हुसैन की मदद नहीं कर पाने के लिए खेद की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति में खुद को जंजीरों से मारते हैं.

प्रमुख सुन्नी मुस्लिम पाकिस्तान में शिया अल्पसंख्यक हैं, जहां चरमपंथी सुन्नी मुसलमान उन्हें मौत के योग्य धर्मत्यागी के रूप में देखते हैं.

मुल्तान : पाकिस्तान में शिया समुदाय के धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर विस्फोट किए जाने की खबर है. इस धमाके में 59 लोग घायल हुए हैं. विस्फोट में एक सात साल की बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया है. वह पुलिस हिरासत में है और उसके संपर्कों का भी पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.

  • 🔴 Breaking: Blast in Ashura procession in Bahawalnagar Jinnah Colony, several martyred and injured. Punjab, Province, Pakistan. pic.twitter.com/jLEVh31J2q

    — لبیک یاحسین 🚩 (@ZahraaMoosavi) August 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिस और एंबुलेंस को विस्फोट स्थल की ओर जाते हुए दिखाया जा रहा है. कई घायल लोगों को पूर्वी पंजाब प्रांत के बहावलनगर शहर (जहां हमला हुआ) में सड़क के किनारे मदद की प्रतीक्षा करते देखा गया.

पुलिस अधिकारी मोहम्मद असद और शिया नेता खावर शफकत ने बमबारी की पुष्टि की. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि शहर में अब तनाव बहुत अधिक है, शियाओं ने हमले का विरोध किया और प्रतिशोध की मांग की.

शफकत ने कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब जुलूस मुहाजिर कॉलोनी नामक भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजर रहा था. उन्होंने हमले की निंदा की और सरकार से ऐसे जुलूसों में सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह किया, जो देश के अन्य हिस्सों में भी चल रहे हैं.

बता दें कि हादसे के बाद अधिकारियों ने शिया अशौरा उत्सव से एक दिन पहले देश भर में मोबाइल फोन सेवा को निलंबित कर दिया था. मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है जिसकी 10 तारीख को आशूरा कहा जाता है, क्योंकि सातवीं शताब्दी में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को इसी दिन शहीद किया गया था जिसकी याद में यह मनाया जाता है.

पढ़ें :- पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हमला : 20 गिरफ्तार, 150 से अधिक पर मामला दर्ज

शियाओं के लिए, हुसैन की याद एक भावनात्मक घटना है. कई लोगों को वर्तमान इराक (Iraq) में स्थित करबला (Karbala) में उनकी मृत्यु पर रोते हुए देखा जाता है. दुनिया भर में आयोजित होने वाले आशूरा जुलूसों के दौरान, कई प्रतिभागी शहादत से पहले हुसैन की मदद नहीं कर पाने के लिए खेद की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति में खुद को जंजीरों से मारते हैं.

प्रमुख सुन्नी मुस्लिम पाकिस्तान में शिया अल्पसंख्यक हैं, जहां चरमपंथी सुन्नी मुसलमान उन्हें मौत के योग्य धर्मत्यागी के रूप में देखते हैं.

Last Updated : Aug 19, 2021, 8:47 PM IST
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