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इस महिला ओलंपियन को हो सकती है सजा, बेलारूस के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा है मामला

बेलारूसी ओलंपिक धावक क्रिस्टसीना सिमानोस्काया ने अपनी टीम के अधिकारियों द्वारा कोचिंग पर विवाद के बाद जबरन उन्हें बेलारूस भेजने के प्रयास किया गया. हालांकि उन्होंने बाद में टोक्यो से विएना के लिए उड़ान भरी. 24 वर्षीय धाविका क्रिस्टीना सिमानोस्काया ने कहा कि अगर वह अपने वतन लौटती है तो उन्हें खतरा हो सकता है.

क्रिस्टसीना सिमानोस्काया
क्रिस्टसीना सिमानोस्काया
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Published : Aug 4, 2021, 7:19 PM IST

टोकेयो : बेलारूस की ओलंपिक धाविका क्रिस्टसीना सिमानोस्काया विएना रवाना होने के लिए बुधवार को यहां विमान में सवार हो गई. क्रिस्टसीना और टीम के अधिकारियों के बीच सार्वजनिक टकराव देखने को मिला था. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि क्या क्रिस्टसीना आस्ट्रिया में ही रहेंगी या नहीं. कई देशों ने इस खिलाड़ी को मदद की पेशकश की थी और पोलैंड ने मानवीय आधार पर उन्हें वीजा जारी किया है.

इससे पहले क्रिस्टसीना ने मीडिया से कहा कि उनकी टीम के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह स्वदेश लौटती हैं, तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा. क्रिस्टसीना ने कहा था कि वह अपना करियर जारी रखना चाहती हैं, लेकिन फिलहाल उनकी प्राथमिकता अपनी सुरक्षा है.

सोशल मीडिया पर अपनी टीम के प्रबंधन की आलोचना करने के बाद क्रिस्टसीना ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें बेलारूस जा रहे विमान में बैठाने का प्रयास किया, लेकिन वो यूरोप रवाना हो गईं.

बता दें कि बेलारूस में राष्तिट्पति के चुनाव को लेकर कई पक्षों के बीच मतभेद बने हुए हैं. इस कारण बेलारूस का राष्ट्रपति चुनाव विवादों के घेरे में है और इसे लेकर महीनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इन्ही विवादों के बीच बेलारूसी विपक्ष के प्रमुख सदस्यों पर भी मुकदमा चलाया गया, जो पूर्व सोवियत राष्ट्र (ex-Soviet nation) में असहमति के खिलाफ एक बहुस्तरीय कार्रवाई का हिस्सा था.

विपक्षी समन्वय परिषद (opposition Coordination Council) की शीर्ष सदस्य मारिया कोलेनिकोवा (Maria Kolesnikova) सितंबर में गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में हैं. उन पर सत्ता पर कब्जा करने की साजिश रचने, एक चरमपंथी संगठन (extremist organization) बनाने और राज्य की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई का आह्वान करने का आरोप है.

कोलेनिकोवा और वकील मैक्सिम ज्नाक, समन्वय परिषद के एक अन्य प्रमुख सदस्य, जो समान आरोपों का सामना कर रहे हैं. उनका ट्रायल बुधवार को बेलारूसी राजधानी (Belarusian capital) के मिन्स्क क्षेत्रीय न्यायालय (Minsk Regional Court) में शुरू हुआ.

कोलेनिकोवा, जिन्होंने अगस्त 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद भड़के विपक्षी विरोध प्रदर्शनों को समन्वित करने में मदद की. इसके बाद उन्हे अधिकारियों द्वारा देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. कोलेनिकोवा ने इन प्रयासों का विरोध किया.

जब बेलारूसी सुरक्षा एजेंसी (Belarusian security agency) के अधिकारी उन्हें जबरन निकालने के लिए सितंबर में यूक्रेन की सीमा पर ले गए, तो उन्होंने अपना पासपोर्ट फाड़ दिया और गिरफ्तारी का के लिए बेलारूस वापस चली गईं.उन्होंने पिछले साल जेल से अपने वकील द्वारा दिए गए संदेश में लिखा था कि लड़ाई की कीमत आजादी है, मुक्त होने से डरो मत, मुझे किसी बात का पछतावा नहीं है और मैं फिर से ऐसा ही करूंगी.

पढ़ें - Olympics Live: भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से 2-1 हारी, गोल्ड की उम्मीद टूटी

जैसे ही कोलेसनिकोवा और ज्कना का ट्रायल हुआ, तो बेलारूसी ओलंपिक धावक क्रिस्टसीना सिमानोस्काया को उनकी टीम के अधिकारियों द्वारा कोचिंग पर विवाद के बाद जबरन बेलारूस भेजने के प्रयास किया गया. धावक ने इसका विरोध किया और टोक्यो से यूरोप के लिए उड़ान भरी.

24 वर्षीय धाविका क्रिस्टीना सिमानोस्काया ने कहा कि अगर वह अपने वतन लौटती है तो उन्हें खतरा हो सकता है.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President Alexander Lukashenko) द्वारा अगस्त 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद छठे कार्यकाल से सम्मानित होने के महीनों के विरोध से बेलारूस हिल गया था, जिसे विपक्ष और पश्चिम ने एक दिखावा के रूप में निरूपित किया था.

उन्होंने बड़े पैमाने पर कार्रवाई के साथ प्रदर्शनों में भाग लिया था, जिसमें 35,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और हजारों लोगों को पुलिस ने पीटा था.

(पीटीआई भाषा)

टोकेयो : बेलारूस की ओलंपिक धाविका क्रिस्टसीना सिमानोस्काया विएना रवाना होने के लिए बुधवार को यहां विमान में सवार हो गई. क्रिस्टसीना और टीम के अधिकारियों के बीच सार्वजनिक टकराव देखने को मिला था. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि क्या क्रिस्टसीना आस्ट्रिया में ही रहेंगी या नहीं. कई देशों ने इस खिलाड़ी को मदद की पेशकश की थी और पोलैंड ने मानवीय आधार पर उन्हें वीजा जारी किया है.

इससे पहले क्रिस्टसीना ने मीडिया से कहा कि उनकी टीम के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह स्वदेश लौटती हैं, तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा. क्रिस्टसीना ने कहा था कि वह अपना करियर जारी रखना चाहती हैं, लेकिन फिलहाल उनकी प्राथमिकता अपनी सुरक्षा है.

सोशल मीडिया पर अपनी टीम के प्रबंधन की आलोचना करने के बाद क्रिस्टसीना ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें बेलारूस जा रहे विमान में बैठाने का प्रयास किया, लेकिन वो यूरोप रवाना हो गईं.

बता दें कि बेलारूस में राष्तिट्पति के चुनाव को लेकर कई पक्षों के बीच मतभेद बने हुए हैं. इस कारण बेलारूस का राष्ट्रपति चुनाव विवादों के घेरे में है और इसे लेकर महीनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इन्ही विवादों के बीच बेलारूसी विपक्ष के प्रमुख सदस्यों पर भी मुकदमा चलाया गया, जो पूर्व सोवियत राष्ट्र (ex-Soviet nation) में असहमति के खिलाफ एक बहुस्तरीय कार्रवाई का हिस्सा था.

विपक्षी समन्वय परिषद (opposition Coordination Council) की शीर्ष सदस्य मारिया कोलेनिकोवा (Maria Kolesnikova) सितंबर में गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में हैं. उन पर सत्ता पर कब्जा करने की साजिश रचने, एक चरमपंथी संगठन (extremist organization) बनाने और राज्य की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई का आह्वान करने का आरोप है.

कोलेनिकोवा और वकील मैक्सिम ज्नाक, समन्वय परिषद के एक अन्य प्रमुख सदस्य, जो समान आरोपों का सामना कर रहे हैं. उनका ट्रायल बुधवार को बेलारूसी राजधानी (Belarusian capital) के मिन्स्क क्षेत्रीय न्यायालय (Minsk Regional Court) में शुरू हुआ.

कोलेनिकोवा, जिन्होंने अगस्त 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद भड़के विपक्षी विरोध प्रदर्शनों को समन्वित करने में मदद की. इसके बाद उन्हे अधिकारियों द्वारा देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. कोलेनिकोवा ने इन प्रयासों का विरोध किया.

जब बेलारूसी सुरक्षा एजेंसी (Belarusian security agency) के अधिकारी उन्हें जबरन निकालने के लिए सितंबर में यूक्रेन की सीमा पर ले गए, तो उन्होंने अपना पासपोर्ट फाड़ दिया और गिरफ्तारी का के लिए बेलारूस वापस चली गईं.उन्होंने पिछले साल जेल से अपने वकील द्वारा दिए गए संदेश में लिखा था कि लड़ाई की कीमत आजादी है, मुक्त होने से डरो मत, मुझे किसी बात का पछतावा नहीं है और मैं फिर से ऐसा ही करूंगी.

पढ़ें - Olympics Live: भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से 2-1 हारी, गोल्ड की उम्मीद टूटी

जैसे ही कोलेसनिकोवा और ज्कना का ट्रायल हुआ, तो बेलारूसी ओलंपिक धावक क्रिस्टसीना सिमानोस्काया को उनकी टीम के अधिकारियों द्वारा कोचिंग पर विवाद के बाद जबरन बेलारूस भेजने के प्रयास किया गया. धावक ने इसका विरोध किया और टोक्यो से यूरोप के लिए उड़ान भरी.

24 वर्षीय धाविका क्रिस्टीना सिमानोस्काया ने कहा कि अगर वह अपने वतन लौटती है तो उन्हें खतरा हो सकता है.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President Alexander Lukashenko) द्वारा अगस्त 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद छठे कार्यकाल से सम्मानित होने के महीनों के विरोध से बेलारूस हिल गया था, जिसे विपक्ष और पश्चिम ने एक दिखावा के रूप में निरूपित किया था.

उन्होंने बड़े पैमाने पर कार्रवाई के साथ प्रदर्शनों में भाग लिया था, जिसमें 35,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और हजारों लोगों को पुलिस ने पीटा था.

(पीटीआई भाषा)

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