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खालिदा जिया की वास्तविक जन्मतिथि निर्धारित करने के लिए HC ने मांगे अनेक दस्तावेज

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Published : Jun 14, 2021, 3:07 PM IST

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की वास्तविक जन्मतिथि निर्धारित करने के लिए बंग्लादेश की हाईकोर्ट ने अनेक दस्तावेज मांगे हैं. बता दें, सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद मामून उर रशीद ने 31 मई को एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसमें जिया का जन्मदिन समारोह 15 अगस्त को मनाए जाने की वैधानिकता को उन्होंने चुनौती दी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर....

खालिदा जिया
खालिदा जिया

ढाका : बांग्लादेश की हाईकोर्ट (Bangladesh High Court) ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (ex-PM Khaleda Zia) की वास्तविक जन्मतिथि का पता लगाने के लिए उनके जन्म पंजीयन प्रमाण-पत्र और अकादमिक योग्यता प्रमाण-पत्र समेत प्रासंगिक दस्तावेजों की मांग की है.

हाईकोर्ट ने डिजिटल माध्यम से सुनवाई करते हुए रविवार को यह आदेश जारी किया. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद मामून उर रशीद ने 31 मई को एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की 75 वर्षीय प्रमुख जिया का जन्मदिन समारोह 15 अगस्त को मनाए जाने की वैधानिकता को उन्होंने चुनौती दी है.

समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की खबर में बताया गया कि रविवार को अदालत ने जिया से उनकी जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज मसलन जन्म पंजीयन प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, शैक्षिणक प्रमाण-पत्र आदि देने को कहा.

अदालत ने अधिकारियों से कहा कि वे 60 दिन के भीतर ये रिकॉर्ड उपलब्ध करवाएं. पूर्व प्रधानमंत्री जिया भ्रष्टाचार के दो मामलों में 17 साल के कारावास की सजा काट रही हैं. वह आठ फरवरी 2018 से जेल में बंद हैं.

एजेंसी की खबर में कहा गया कि अपनी याचिका में अधिवक्ता ने कहा है कि यह देश के लिए बेहद कष्ट की बात है कि जिया ने वर्तमान पासपोर्ट में अपनी जन्मतिथि 15 अगस्त 1946 बताई है.

गौरतलब है कि 1975 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) और उनके परिवार के अनेक सदस्यों की बर्बरता से हत्या कर दी गई थी, उसी दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि जिया के एसएससी प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि पांच सितंबर 1946 बताई गई है, जबकि विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र में यह चार अगस्त 1944 दर्ज है. इसी तरह विविध दस्तावेजों में उनकी अलग-अलग जन्मतिथि बताई गई है.

यह भी पढ़ें- सू-ची के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई, आलोचकों ने आरोपों को फर्जी बताया

हालांकि बीएनपी के संयुक्त महासचिव एएम महबूब उद्दीन खोकोन ने रिट याचिका का विरोध किया और कहा कि जिया की तरह हजारों लोगों का 15 अगस्त को जन्म हुआ था और जन्मदिन जैसे मामलों को देखना हाईकोर्ट का काम नहीं है.

ढाका : बांग्लादेश की हाईकोर्ट (Bangladesh High Court) ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (ex-PM Khaleda Zia) की वास्तविक जन्मतिथि का पता लगाने के लिए उनके जन्म पंजीयन प्रमाण-पत्र और अकादमिक योग्यता प्रमाण-पत्र समेत प्रासंगिक दस्तावेजों की मांग की है.

हाईकोर्ट ने डिजिटल माध्यम से सुनवाई करते हुए रविवार को यह आदेश जारी किया. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहम्मद मामून उर रशीद ने 31 मई को एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की 75 वर्षीय प्रमुख जिया का जन्मदिन समारोह 15 अगस्त को मनाए जाने की वैधानिकता को उन्होंने चुनौती दी है.

समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की खबर में बताया गया कि रविवार को अदालत ने जिया से उनकी जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज मसलन जन्म पंजीयन प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, शैक्षिणक प्रमाण-पत्र आदि देने को कहा.

अदालत ने अधिकारियों से कहा कि वे 60 दिन के भीतर ये रिकॉर्ड उपलब्ध करवाएं. पूर्व प्रधानमंत्री जिया भ्रष्टाचार के दो मामलों में 17 साल के कारावास की सजा काट रही हैं. वह आठ फरवरी 2018 से जेल में बंद हैं.

एजेंसी की खबर में कहा गया कि अपनी याचिका में अधिवक्ता ने कहा है कि यह देश के लिए बेहद कष्ट की बात है कि जिया ने वर्तमान पासपोर्ट में अपनी जन्मतिथि 15 अगस्त 1946 बताई है.

गौरतलब है कि 1975 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) और उनके परिवार के अनेक सदस्यों की बर्बरता से हत्या कर दी गई थी, उसी दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि जिया के एसएससी प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि पांच सितंबर 1946 बताई गई है, जबकि विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र में यह चार अगस्त 1944 दर्ज है. इसी तरह विविध दस्तावेजों में उनकी अलग-अलग जन्मतिथि बताई गई है.

यह भी पढ़ें- सू-ची के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई, आलोचकों ने आरोपों को फर्जी बताया

हालांकि बीएनपी के संयुक्त महासचिव एएम महबूब उद्दीन खोकोन ने रिट याचिका का विरोध किया और कहा कि जिया की तरह हजारों लोगों का 15 अगस्त को जन्म हुआ था और जन्मदिन जैसे मामलों को देखना हाईकोर्ट का काम नहीं है.

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