नई दिल्ली : बांग्लादेश ने रविवार को इस बात को स्पष्ट किया कि उसने इजराइल के संबंध में अपने पासपोर्ट के एक वाक्यांश को हटाया है लेकिन इस यहूदी देश की यात्रा पर प्रतिबंध वाली उसकी दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बांग्लादेश ने स्पष्ट किया है कि शब्दों को हटाने का काम अंतरराष्ट्रीय मानक को बनाए रखने के लिए किया गया है. बांग्लादेश ई-पासपोर्ट और मध्य पूर्व के प्रति बांग्लादेश की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं करता है.
दरअसल बांग्लादेशी पासपोर्ट पर पहले एक शर्त लिखी होती थी कि 'यह पासपोर्ट इजराइल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए मान्य है', लेकिन सरकार ने शनिवार को दस्तावेज से 'इजराइल को छोड़कर' हटाने का फैसला किया और इसे पूरी दुनिया के लिए वैध बना दिया.
इजराइल ने बांग्लादेश के इस कदम का स्वागत किया है और ढाका से आह्वान किया है कि वह दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए तेल अवीव के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करे.
इजराइल के विदेश मंत्रालय में उप महानिदेशक गिलाद कोहेन ने ट्वीट किया, 'अच्छी खबर! बांग्लादेश ने इजराइल के लिए यात्रा प्रतिबंध हटा दिया है. यह एक स्वागत योग्य कदम है और मैं बांग्लादेशी सरकार से आगे बढ़ने और इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने का आह्वान करता हूं ताकि दोनों देशों के लोगों को लाभ मिले और समृद्धि हो सके.'
हालांकि, कुछ ही घंटों के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमीन ने ढाका में संवाददाताओं से कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए बदलाव ला रहे हैं कि पासपोर्ट 'अंतरराष्ट्रीय मानकों' को पूरा करे.'
उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब कतई ना निकाला जाए कि इजराइल को लेकर बांग्लादेश के रुख में कोई बदलाव आया है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि अब भी बांग्लादेशी पासपोर्ट धारकों को इजराइल की यात्रा करने की इजाजत नहीं है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि सरकार इजराइल पर अपने रुख से विचलित नहीं हुई है और बांग्लादेश इस संबंध में अपनी पुरानी स्थिति पर अडिग है.
आठ दशकों के इजराइल-फलस्तीन संघर्ष में बांग्लादेश ने हमेशा से फलस्तीनियों का पुरजोर समर्थन किया है. इसने कभी इजराइल के अस्तित्व को मान्यता नहीं दी है और इसलिए दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं.
बांग्लादेश का यह बयान 11 दिनों की हिंसा और अत्याचारों के बाद गुरुवार को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम के बाद आया है, जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. बांग्लादेश सरकार ने हाल ही में अल-अक्सा मस्जिद परिसर और गाजा में इजराइल के कब्जे वाले बलों द्वारा नागरिकों पर किए गए अत्याचारों की निंदा की है.
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बांग्लादेश ने 1967 से पहले की सीमाओं और पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीन राज्य की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के संदर्भ में फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष के दो-राज्य समाधान के संबंध में अपनी सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.