ढाका : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हाल ही में हिंसा भड़काने और सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने के मामले में एक प्रमुख संदिग्ध और उसके सहयोगी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. अदालत के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी के अनुसार, शैकत मंडल ने एक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकार किया कि उसके फेसबुक पोस्ट के कारण 17 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान पीरगंज उप-जिले के रंगपुर में हिंसा भड़की थी. मंडल का साथी रबीउल इस्लाम (36) मौलवी है और उसके खिलाफ आगजनी तथा लूटपाट का आरोप लगा है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि शैकत मंडल और उसके सहयोगी रबीउल इस्लाम ने (उत्तर-पश्चिमी) रंगपुर में वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट देलवर हुसैन के समक्ष अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है. पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को गाजीपुर से गिरफ्तार किया और डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया.
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मंडल रंगपुर के कारमाइकल कॉलेज में दर्शनशास्त्र का छात्र है. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे सत्तारूढ़ अवामी लीग की छात्र शाखा छात्र लीग से निष्कासित कर दिया गया था.
बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की रिपोर्ट में रैपिड एक्शन बटालियन के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि उसने अपने फॉलोअरों की संख्या बढ़ाने के लिए फेसबुक पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की थी.
मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि कानूनी कार्यवाही के तहत अब तक कम से कम सात लोगों ने अपना अपराध कबूल किया है. हिंसा से जुड़े मामलों में 24,000 संदिग्धों पर आरोप लगाए गए हैं और 683 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में 70 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
(पीटीआई-भाषा)