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ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने स्वीकारा मोदी का आमंत्रण, अगले वर्ष भारत आएंगे - रायसीना डायलॉग में उद्घाटन भाषण

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी का का न्यौता स्वीकार कर लिया है और वह अगले वर्ष जनवरी में भारत दौरे पर आएंगे. व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ मॉरिसन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते होने की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर...

फाइल फोटो
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Published : Oct 4, 2019, 6:23 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 9:05 PM IST

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अगले साल जनवरी में भारत दौरे पर आएंगे. अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर नई दिल्ली आ रहे मॉरिसन रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogu) 2020 में उद्धाटन भाषण देंगे.

मॉरिसन ने गुरुवार को सिडनी टाउन हॉल में देश की विदेश नीति को लेकर अपने संबोधन में कहा, 'मुझे जनवरी (2020) में भारत जाना है. इसके लिए मुझे भारत की तरफ से निमंत्रण मिला है. मैं मित्र प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण स्वीकार करते हुए स्वयं को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं.'

बता दें कि जियो-पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक्स पर भारत का वार्षिक प्रमुख मंच रायसीना डायलॉग अगले साल 14 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाना है. सम्मेलन को विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

इस बीच ओआरएफ के अध्यक्ष समीर सरन ने ट्वीट के जरिये ऑस्ट्रेलियाई पीएम को भारतीय निमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया. समीर ने ट्वीट में आगे कहा, 'हमे खुशी है कि मॉरिसन रायसीना डायलॉग में उद्घाटन भाषण देंगे.'

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समीर सरन का ट्वीट

मॉरिसन ने रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक नैसर्गिक साथी है. मॉरिसन ने कहा कि आगामी यात्रा के दौरान के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए ऑस्ट्रेलिया-इंडिया काउंसिल बोर्ड के अध्यक्ष अशोक जैकाब को आंमत्रित किया है.

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, 'यह यात्रा एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ होगी. यह हमारी और भारत की आर्थिक रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और व्यापार को एक साथ लाएगी. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी के शीर्ष स्तर पर भारत को मजबूत करने लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

इंडो-पैसिफिक मुद्दे पर मॉरिसन ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में एक महान सफलता की कहानी है. यह टिकाऊ संस्थानों और साझा मूल्यों का देश है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौता, 16 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर अगले महीने हस्ताक्षर किए जाएंगे.

पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया में कारें बनी मधुमक्खियों का घर,देखें वीडियो

मॉरिसन ने कहा, 'अगले महीने हम, हमारे आसियान साझेदार और क्षेत्र के अन्य राष्ट्र क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी को अंतिम रूप देने की उम्मीद करते हैं. इसमें 16 अर्थव्यवस्थाओं की 3.5 बिलियन और 25 बिलियन अमरीकी डॉलर की कुल जीडीपी समाहित है.'

ऑस्ट्रेलियाई पीएम के अनुसार इस सौदे का विशेष महत्व यह है कि यह भारत को इंडो-पैसिफिक अर्थव्यवस्था में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा.

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अगले साल जनवरी में भारत दौरे पर आएंगे. अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर नई दिल्ली आ रहे मॉरिसन रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogu) 2020 में उद्धाटन भाषण देंगे.

मॉरिसन ने गुरुवार को सिडनी टाउन हॉल में देश की विदेश नीति को लेकर अपने संबोधन में कहा, 'मुझे जनवरी (2020) में भारत जाना है. इसके लिए मुझे भारत की तरफ से निमंत्रण मिला है. मैं मित्र प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण स्वीकार करते हुए स्वयं को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं.'

बता दें कि जियो-पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक्स पर भारत का वार्षिक प्रमुख मंच रायसीना डायलॉग अगले साल 14 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाना है. सम्मेलन को विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

इस बीच ओआरएफ के अध्यक्ष समीर सरन ने ट्वीट के जरिये ऑस्ट्रेलियाई पीएम को भारतीय निमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया. समीर ने ट्वीट में आगे कहा, 'हमे खुशी है कि मॉरिसन रायसीना डायलॉग में उद्घाटन भाषण देंगे.'

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समीर सरन का ट्वीट

मॉरिसन ने रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक नैसर्गिक साथी है. मॉरिसन ने कहा कि आगामी यात्रा के दौरान के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए ऑस्ट्रेलिया-इंडिया काउंसिल बोर्ड के अध्यक्ष अशोक जैकाब को आंमत्रित किया है.

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, 'यह यात्रा एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ होगी. यह हमारी और भारत की आर्थिक रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और व्यापार को एक साथ लाएगी. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी के शीर्ष स्तर पर भारत को मजबूत करने लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

इंडो-पैसिफिक मुद्दे पर मॉरिसन ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में एक महान सफलता की कहानी है. यह टिकाऊ संस्थानों और साझा मूल्यों का देश है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौता, 16 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर अगले महीने हस्ताक्षर किए जाएंगे.

पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया में कारें बनी मधुमक्खियों का घर,देखें वीडियो

मॉरिसन ने कहा, 'अगले महीने हम, हमारे आसियान साझेदार और क्षेत्र के अन्य राष्ट्र क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी को अंतिम रूप देने की उम्मीद करते हैं. इसमें 16 अर्थव्यवस्थाओं की 3.5 बिलियन और 25 बिलियन अमरीकी डॉलर की कुल जीडीपी समाहित है.'

ऑस्ट्रेलियाई पीएम के अनुसार इस सौदे का विशेष महत्व यह है कि यह भारत को इंडो-पैसिफिक अर्थव्यवस्था में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा.

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.MELBOURNE FGN2
AUS-MORRISON-INDIA
Aus PM to visit India January next year
By Natasha Chaku
         Melbourne, Oct 4 (PTI) Australian Prime Minister Scott Morrison has said he will visit India in January next year, describing it as another step in cementing New Delhi in the top tier of his country's partnerships.
         Morrison said he would be visiting India, a partner in the Quad strategic bloc, at the invitation of Prime Minister Narendra Modi.
         ''My visit will be another step in cementing India in the top tier of Australia's partnerships,'' Morrison said in a major foreign policy address to the Lowy Institute in Sydney.
         ''So I am honoured to accept the invitation of my friend Prime Minister Modi to visit India in January, including to deliver the inaugural address at the Raisina Dialogue,'' he said.
         Morrison will be accompanied by a business delegation.
         ''This will bring the government and business together to pursue our India economic strategy that has captured the attention of our Indian partners and must now be realised,'' he said.
         Morrison also announced that Australia and 15 regional neighbours hoped to conclude the regional free trade deal, the Regional Comprehensive Economic Partnership.
         "Last month we, our ASEAN partners and other nations in the region hoped to conclude the Regional Comprehensive Economic Partnership, embracing 16 economies with a combined population of 3.5 billion and combined GDP of USD 25.7 billion,'' Morrison said.
         ''The special importance of this agreement is that it will draw India more substantially into the Indo-Pacific economy,'' he added.
         ''India is a great success story of our region. A land of durable institutions and shared values,'' he said, calling India as ''a natural partner for Australia.''
         Morrison further emphasised Australia's role in building a secure, prosperous and inclusive Indo-Pacific of "independent, sovereign and resilient states.
         ''Australia's national security and that of our Pacific family are intertwined. This is a practical partnership supporting economic stability and prosperity, and strengthening security and resilience. Our relationships with other nations in our region are flourishing,'' he said.
         Morrison said that his government was keen to work with the Quad countries, the US, Australia, India and Japan.
         In November 2017, India, the US, Australia and Japan gave shape to the long-pending "Quad" coalition to develop a new strategy for keeping the critical sea routes in the Indo-Pacific free of any influence, amid China's attempts to expand its military presence in the region.
         The Indo-Pacific region includes the Indian Ocean and the western and central Pacific Ocean, including the South China Sea.
         China claims almost all of the South China Sea. Vietnam, the Philippines, Malaysia, Brunei and Taiwan have counter claims over the sea.
         ''Last week we took another step, when the foreign ministers of the Quad countries - the USA, Australia, India and Japan - met in New York. This is the first time the Quad has met at the foreign minister-level. Our government has worked patiently to restore trust and confidence following the (Kevin) Rudd government's policy to disconnect from the Quad,'' he said.
         ''I am pleased we have been able to restore this important forum for Australia and the region. It is a key forum for exchanging views on challenges facing the region, including taking forward practical cooperation on maritime, terrorism and cyber issues,'' he added.
         Quad also complements the role of the Association of Southeast Asian Nations (ASEAN) and ASEAN-led architecture, Morrison said.
         He also warned against "negative globalism".
         "The world works best when the character and distinctiveness of independent nations is preserved within a framework of mutual respect. This includes respecting electoral mandates of their constituencies.
         "We should avoid any reflex towards a negative globalism that coercively seeks to impose a mandate from an often ill-defined borderless global community," he said.
         "Globalism must facilitate, align and engage, rather than direct and centralise. As such an approach can corrode support for joint international action," he added.
         On China, Morrison said, "'China has in many ways changed the world, so we would expect the terms of its engagement to change too. That's why when we look at negotiating rules of the future of the global economy, for example, we would expect China's obligations to reflect its greater power status." PTI NC
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Last Updated : Oct 4, 2019, 9:05 PM IST
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