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रक्षा संबंध मजबूती के लिए ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री करेंगे वार्ता

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपने जापानी समकक्ष योशिदे सुगा के साथ आज वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों नेता एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सहयोगी रक्षा संबंधों को बढ़ाने के संबंध में चर्चा करेंगे.

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Published : Nov 17, 2020, 3:28 PM IST

टोक्यो : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपने जापानी समकक्ष योशिदे सुगा के साथ वार्ता करने के लिए टोक्यो में मौजूद हैं. अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की जारी प्रक्रिया के बीच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता का मुकाबला करने के लिए दोनों अमेरिकी सहयोगी रक्षा संबंधों को बढ़ाने के संबंध में चर्चा करेंगे.

अपने सैनिकों को एक-दूसरे के देशों में जाने और प्रशिक्षण तथा साझा अभियान चलाने की अनुमति देने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के मद्देनजर दोनों देश पारस्परिक पहुंच समझौते पर सहमति के करीब हैं.

जापान के अधिकारियों के अनुसार मॉरिसन और सुगा मंगवार शाम तक बातचीत कर इस समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं. दोनों के कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा करने की उम्मीद है.

उल्लेखनीय है अगर दोनों दोशों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो यह जापान का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 1960 के समझौते के बाद दूसरा सैन्य समझौता होगा, जिसके तहत लगभग 50,000 अमेरिकी सैनिकों को जापान में और उसके आस-पास काम करने के लिए निर्धारित किया जा सकेगा.

पढ़े- भारत पर पाकिस्तान ने लगाए आतंकवादी हमले के आरोप, जानें चीन की प्रतिक्रिया

इस संबंध में जापान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह जापानी कूटनीति और सुरक्षा की आधारशिला के रूप में अमेरिका के साथ अपने 60 साल पुराने गठबंधन को बनाए रखने और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

साथ ही उन्होंने हाल के वर्षों में दूसरों के साथ सहयोग बढ़ाकर अपनी क्षेत्रीय रक्षा को बढ़ावा देने की मांग की है. हालांकि अपने सुरक्षा के लिए जापान ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के कार्यकाल में अपना रक्षा बजट को बढ़ाया और रक्षा संबधों को मजबूत किया.

टोक्यो : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपने जापानी समकक्ष योशिदे सुगा के साथ वार्ता करने के लिए टोक्यो में मौजूद हैं. अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की जारी प्रक्रिया के बीच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता का मुकाबला करने के लिए दोनों अमेरिकी सहयोगी रक्षा संबंधों को बढ़ाने के संबंध में चर्चा करेंगे.

अपने सैनिकों को एक-दूसरे के देशों में जाने और प्रशिक्षण तथा साझा अभियान चलाने की अनुमति देने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के मद्देनजर दोनों देश पारस्परिक पहुंच समझौते पर सहमति के करीब हैं.

जापान के अधिकारियों के अनुसार मॉरिसन और सुगा मंगवार शाम तक बातचीत कर इस समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं. दोनों के कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा करने की उम्मीद है.

उल्लेखनीय है अगर दोनों दोशों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो यह जापान का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 1960 के समझौते के बाद दूसरा सैन्य समझौता होगा, जिसके तहत लगभग 50,000 अमेरिकी सैनिकों को जापान में और उसके आस-पास काम करने के लिए निर्धारित किया जा सकेगा.

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इस संबंध में जापान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह जापानी कूटनीति और सुरक्षा की आधारशिला के रूप में अमेरिका के साथ अपने 60 साल पुराने गठबंधन को बनाए रखने और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

साथ ही उन्होंने हाल के वर्षों में दूसरों के साथ सहयोग बढ़ाकर अपनी क्षेत्रीय रक्षा को बढ़ावा देने की मांग की है. हालांकि अपने सुरक्षा के लिए जापान ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के कार्यकाल में अपना रक्षा बजट को बढ़ाया और रक्षा संबधों को मजबूत किया.

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