कुआलालंपुर : दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्री शुक्रवार को आपात बैठक में चर्चा करेंगे कि म्यांमार के सैन्य नेता को संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए या नहीं. म्यांमार की अपदस्थ की गई नेता आंग सान सू ची से मिलने की इजाजत नहीं देने कारण विशेष दूत का दौरा रद्द होने से संगठन में तनाव पैदा हो गया है.
म्यांमार का संकट खत्म करने के लिए अगस्त में आसियान ने ब्रूनेई के द्वितीय विदेश मंत्री इरिवान यूसुफ को विशेष दूत के तौर पर नामित किया था. सू ची और अन्य नेताओं से मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण विशेष दूत ने इस सप्ताह म्यांमार का अपना दौरा अचानक रद्द कर दिया.
म्यांमार के अधिकारियों ने बताया कि सू ची के खिलाफ आपराधिक आरोपों के कारण विशेष दूत उनसे मुलाकात नहीं कर पाएंगे. म्यांमार के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि म्यांमा पर राजनीति से प्रेरित दबाव बनाने के बजाए इरिवान को भरोसा कायम करने के लिए काम करना होगा.
म्यांमार में सेना ने एक फरवरी को सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर दिया था. उसके बाद से छिड़ी हिंसा में 1100 से ज्यादा आम नागरिकों की मौत हो चुकी है. इस वजह से 10 देशों के संगठन आसियान पर म्यांमार के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने का बहुत दबाव है.
आसियान के कुछ देशों ने सहयोग नहीं करने के लिए म्यांमार पर पाबंदी लगाने की मांग की है. आसियान के 26-28 अक्टूबर को डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में जनरल मिन आंग हलाएंग को हिस्सा लेने की अनुमति को तख्तापलट को मान्यता के तौर पर समझा जाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई देश के नेताओं ने म्यांमा में चुनी हुई सरकार के तख्तापलट की निंदा की थी और सैन्य नेताओं, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ पाबंदी लगा दी थी.
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आसियान के विदेश मंत्री शुक्रवार को जनरल हलाएंग को शिखर सम्मेलन में अनुमति देने या नहीं देने समेत कई प्रस्तावों पर विचार करेंगे. आसियान के एक राजनयिक ने कहा कि हो सकता है कि निचले स्तर के किसी अधिकारी को देश का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए.
(पीटीआई-भाषा)