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विश्व का सबसे बड़ा व्यापार समझौता, आसियान, चीन समेत 15 देश होंगे शामिल

चीन समेत 15 देशों ने विश्व के सबसे बड़े व्यापार समझौते के गठन पर सहमति जताई है, रविवार को होने वाले आसियान के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर इस पर डिजिटल माध्यम से हस्ताक्षर किए जाएंगे.

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Published : Nov 15, 2020, 1:45 PM IST

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हनोई : चीन और 14 अन्य देशों ने विश्व के सबसे बड़े व्यापारिक गुट के गठन पर सहमति जताई है, जिसके दायरे में करीब एक तिहाई आर्थिक गतिविधियां आएंगी. एशिया के कई देशों को उम्मीद है कि इस समझौते से कोरोना वायरस महामारी की मार से तेजी से उबरने में मदद मिलेगी.

क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर 10 राष्ट्रों वाले दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर रविवार को डिजिटल माध्यम से हस्ताक्षर किए जाएंगे.

इस अवसर पर मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं उद्योग मंत्री मोहम्मद आजमीन अली ने कहा, 'आठ साल की कड़ी मेहनत के बाद अंतत: वह क्षण आ गया, जब हम आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.'

उन्होंने कहा कि यह समझौता संकेत देता है कि आरसीईपी देशों ने इस 'मुश्किल समय में संरक्षणवादी कदम उठाने के बजाए अपने बाजारों को खोलने' का फैसला किया है.

इस समझौते में आसियान के 10 देशों के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते में भारत के फिर से शामिल हो सकने के लिए द्वार खुले रखे गए हैं. समझौते के तहत अपने बाजार को खोलने की अनिवार्यता के कारण घरेलू स्तर पर विरोध की वजह से भारत इससे बाहर निकल गया था.

पढ़ें - पाक, बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका के साथ चीन ने की उप-मंत्रिस्तरीय बैठक

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि उनकी सरकार समझौते में भविष्य में भारत की वापसी की संभावना समेत स्वतंत्र एवं निष्पक्ष आर्थिक क्षेत्र के विस्तार को समर्थन देती है और उन्हें इसमें अन्य देशों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है.

हनोई : चीन और 14 अन्य देशों ने विश्व के सबसे बड़े व्यापारिक गुट के गठन पर सहमति जताई है, जिसके दायरे में करीब एक तिहाई आर्थिक गतिविधियां आएंगी. एशिया के कई देशों को उम्मीद है कि इस समझौते से कोरोना वायरस महामारी की मार से तेजी से उबरने में मदद मिलेगी.

क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर 10 राष्ट्रों वाले दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर रविवार को डिजिटल माध्यम से हस्ताक्षर किए जाएंगे.

इस अवसर पर मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं उद्योग मंत्री मोहम्मद आजमीन अली ने कहा, 'आठ साल की कड़ी मेहनत के बाद अंतत: वह क्षण आ गया, जब हम आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.'

उन्होंने कहा कि यह समझौता संकेत देता है कि आरसीईपी देशों ने इस 'मुश्किल समय में संरक्षणवादी कदम उठाने के बजाए अपने बाजारों को खोलने' का फैसला किया है.

इस समझौते में आसियान के 10 देशों के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते में भारत के फिर से शामिल हो सकने के लिए द्वार खुले रखे गए हैं. समझौते के तहत अपने बाजार को खोलने की अनिवार्यता के कारण घरेलू स्तर पर विरोध की वजह से भारत इससे बाहर निकल गया था.

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जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि उनकी सरकार समझौते में भविष्य में भारत की वापसी की संभावना समेत स्वतंत्र एवं निष्पक्ष आर्थिक क्षेत्र के विस्तार को समर्थन देती है और उन्हें इसमें अन्य देशों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है.

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