स्टेपनकर्ट(अजरबैजान): नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई जारी रहने के बीच कोरोना वायरस भी अपने पांव पसार रहा है. नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में गोलाबारी से बचने के लिए लोग तहखाने में रह रहे हैं. उनमें कई कोरोना वायरस से संक्रमित भी हैं. वहीं, इस वायरस से संक्रमित डॉक्टर लड़ाई में घायल लोगों का इलाज कर रहे हैं.
संघर्ष विराम के प्रयास भी नहीं हुए सफल
यह इन क्षेत्रों में हफ्तों तक हुई भारी लड़ाई के बीच महामारी की गंभीर वास्तविकता है. नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र आजरबैजान में आता है, लेकिन इस पर आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय समूहों का नियंत्रण रहा है. करीब तीन सप्ताह की लडाई में ही सैकड़ों लोग मारे गए हैं. संघर्ष विराम के लिए दो प्रयास किए गए, लेकिन वे अब तक सफल नहीं हो पाए हैं.
भीड़भाड़ वाले बंकरों में रहने को मजबूर
लड़ाई के कारण क्षेत्र के दुर्लभ संसाधनों को उपयोग कोरोना वायरस पर रोक के लिए नहीं किया जा रहा और 27 सितंबर से शुरू हुई लड़ाई के पहले दो हफ्तों के दौरान वायरस के प्रसार पर नियंत्रण के लिए कोई प्रयास नहीं हो सका. संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने का काम ठहर गया. वहीं, गोलाबारी से बचने के लिए लोग भीड़भाड़ वाले बंकरों में रहने के लिए मजबूर हैं. ऐसे स्थानों में बीमारों को स्वस्थ लोगों से अलग करना असंभव है. इससे स्वास्थ्य कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.
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हर कोई हो रहा संक्रमित
क्षेत्र के एक स्वास्थ्य केंद्र में मुख्य डॉक्टर मालविना बडाल्यान ने क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बारे में कहा कि लगभग हर कोई संक्रमित हो गया, कुछ में यह हल्के रूप में था और कई लोगों में यह गंभीर रूप में था. उन्होंने कहा कि युद्ध के बीच अस्पतालों में घायलों के भरे होने के कारण कुछ नहीं किया जा सकता, सिवाय काम करते रहने के. क्षेत्रीय सरकार के एक मंत्री ने कहा कि कई डॉक्टरों और नर्सों को पता था कि वे संक्रमित हैं, लेकिन वे इस बारे में चुप ही रहे.