लंदन : ब्रिटेन में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने उन्हें और उनके साथियों को भारत में शरण देने या कम से कम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मुकदमा लड़ने के लिए वित्तीय मदद देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है.
हुसैन ने किसी तरह की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करते हुए पिछले हफ्ते सोशल मीडिया के जरिये यह बयान जारी किया और साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय की ओर से अयोध्या विवाद पर दिये फैसले का स्वागत किया.
67 वर्षीय हुसैन पाकिस्तान में कुछ साल पहले अपने समर्थकों को दिए भाषण के जरिये आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में ब्रिटेन में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
हुसैन ने गत नौ नवम्बर को जारी भाषण में कहा, 'अगर आज भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे भारत आने की इजाजत देंगे और मुझे समर्थकों के साथ शरण देंगे तो मैं अपने सहयोगियों के साथ भारत आने को तैयार हूं, क्योंकि मेरे दादा वहां दफन हैं, मेरी दादी वहां दफन हैं, मेरे हजारों रिश्तेदार भारत में दफन हैं. मैं वहां जाना चाहता हूं। मैं उनकी कब्रों पर जाना चाहता हूं। वहां इबादत करना चाहता हूं.'
उन्होंने कहा, 'मैं शांतिप्रिय इंसान हूं। मैं किसी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करूंगा। मैं वादा करता हूं. बस मुझे, मेरे साथियों के साथ भारत में रहने के लिए जगह दी जाए. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कुछ बलोच, सिंधी, जिनके नाम मैं दूं, उन्हें भी शरण दी जाए.'
भारत से किये अनुरोध में एमक्यूएम नेता ने कहा कि उनके घर और कार्यालय को जब्त कर लिया गया और उनके पास पाकिस्तान के शासन से न्याय के लिए लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा.
हुसैन ने कहा, 'अगर आप हमें आश्रय नहीं दे सकते तो कुछ प्रभावी धनवान लोगों को दें, जो अंतरराष्ट्रीय अदालत आ जा सकें। मेरे पास कोई धन नहीं है, इसलिए आप अपने लोगों से कहिए कि वे अदालत का शुल्क जमा करें. मैं अकेले बलोच, सिंधी, मुहाजिर और अन्य जातीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों की लड़ाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ूंगा.'
पढ़ें- इमरान खान के लिए सरदर्द बने मौलाना फजलुर रहमान, जानें पाक में क्यों है ऐसी साख
भाषण के प्रसारण के दौरान उन्होंने उच्चतम न्यायालय की ओर से नयी बाबरी मस्जिद के लिए जमीन देने के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि जिन्हें यह स्वीकार नहीं है, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मौजूदा भारत सरकार को पूरा अधिकार है कि वह तथाकथित हिन्दू राज स्थापित करे.
उल्लेखनीय है कि हुसैन इस समय कठोर शर्तों पर जमानत पर है. लंदन महानगर पुलिस की आतंकवाद निरोधी कमान ने पिछले महीने उनके खिलाफ ब्रिटेन आतंकवाद कानून 2006 की धारा 1(2) के तहत मामला दर्ज किया था.
इन शर्तों में सोशल मीडिया के जरिये भाषण पर भी रोक थी. इसके बावजूद हुसैन ने शनिवार को दूसरा भाषण जारी किया.