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शांति समझौता : अफगान राष्ट्रपति और नाटो दूत के बीच हुई अहम चर्चा

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Published : Aug 23, 2020, 6:26 PM IST

Updated : Aug 23, 2020, 7:33 PM IST

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने नाटो के वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि स्टेफनो पोंटेकोरवो ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया समेत कई मुद्दों पर चर्चा भी की. बैठक में दोनों पक्षों ने शांति प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया साथ ही अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा बलों को मजबूत करने के लिए बात की.

nato afghan peace talk
मोहम्मद अशरफ और स्टेफनो पोंटेकोरवो की मुलाकात

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने नाटो के वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि स्टेफनो पोंटेकोरवो के साथ मुलाकात की. अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया समेत कई मुद्दों पर चर्चा भी की गई. राष्ट्रपति भवन ने अपने एक बयान में यह जानकारी दी.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में दोनों पक्षों ने शांति प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया साथ ही अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा बलों को मजबूत करने के लिए बात की. सरकारी कार्यक्रमों के लिए नाटो के समर्थन, विशेष रूप से शांति और सुलह प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई.

बयान में अफगानिस्तान में स्थायी सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन के लिए नाटो की प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की गई.

बता दें कि फरवरी में कतर में संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह बैठक युद्धग्रस्त देश में हिंसा को रोकने के लिए बढ़ाया गया एक अहम कदम है. इससे अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा. समझौते के अनुसार अफगानिस्तान में तैनात करीब 10 हजार अमेरिकी और नाटो बलों को अगले साल जुलाई तक वापस बुला लिया जाएगा.

पढ़ें :अफगान राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ गुप्त समझौते से किया इनकार

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने नाटो के वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि स्टेफनो पोंटेकोरवो के साथ मुलाकात की. अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया समेत कई मुद्दों पर चर्चा भी की गई. राष्ट्रपति भवन ने अपने एक बयान में यह जानकारी दी.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में दोनों पक्षों ने शांति प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया साथ ही अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा बलों को मजबूत करने के लिए बात की. सरकारी कार्यक्रमों के लिए नाटो के समर्थन, विशेष रूप से शांति और सुलह प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई.

बयान में अफगानिस्तान में स्थायी सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन के लिए नाटो की प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की गई.

बता दें कि फरवरी में कतर में संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह बैठक युद्धग्रस्त देश में हिंसा को रोकने के लिए बढ़ाया गया एक अहम कदम है. इससे अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा. समझौते के अनुसार अफगानिस्तान में तैनात करीब 10 हजार अमेरिकी और नाटो बलों को अगले साल जुलाई तक वापस बुला लिया जाएगा.

पढ़ें :अफगान राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ गुप्त समझौते से किया इनकार

Last Updated : Aug 23, 2020, 7:33 PM IST
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