काबुल : अफगानिस्तान संकट गहराता दिख रहा है. तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद से एक समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था, लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर के मुताबिक के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को काबुल में नजरबंद कर दिया गया है.
हामिद करजई को नजरबंद करने के अलावा राष्ट्रीय सुलह के लिए बने उच्च परिषद (High Council for National Reconciliation) के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला को भी नजरबंद किया गया है.
गुरुवार को प्रकाशित सीएनएन की खबर के मुताबिक तालिबान ने पूर्व राष्ट्रपति करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला की सुरक्षा टीमों को हटाने के बाद काबुल में घर में नजरबंद कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने इन नेताओं की कारों को भी जब्त कर लिया (confiscated cars) है. खबरों के मुताबिक अफगान नेता आक्रामक दिख रहे तालिबानी समूह की दया पर हैं. तालिबान ने बुधवार को अब्दुल्ला के घर की तलाशी भी ली.
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काबुल पर कब्जा करने के बाद से तालिबान ने एक समावेशी सरकार गठित करने का वादा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस समूह ने पूर्व राष्ट्रपति करजई और पूर्व मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ बातचीत की है. दोनों तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी काबुल में ही रुके हुए थे.
दोनों नेताओं के साथ तालिबान किस तरह का सलूक करेगा, अभी किसी को अंदाजा नहीं है.
आपको बता दें कि तालिबान ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि वह अफगानिस्तान में समावेशी सरकार चाहता है.
इस बीच एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि वे पाकिस्तान को अपना दूसरा घर मानते हैं. उन्होंने कहा कि तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने में पाक की कोई भूमिका नहीं है.
भारत को लेकर तालिबान ने कहा कि वह खुले मन से विचार कर रहा है. उसने कहा कि भारत बड़ा मुल्क है और हम उनसे अच्छा रिश्ता रखना चाहते हैं.
तालिबान ने दावा किया है वह अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकी गतिविधि के लिए नहीं होने देगा.
कश्मीर को लेकर तालिबान प्रवक्ता ने कहा वह चाहता है कि दोनों मुल्क यानी भारत और पाक मिलकर इस मुद्दे को सुलझाएं
(एजेंसी)