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2018 में दुनियाभर में 690 लोगों को दी गई मृत्युदंड की सजा - 2018 में मृत्युदंड की सजा

भारत में आज निर्भया के दोषियों को फांसी दी गई. इसके बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक आंकड़ा जारी किया है. इस आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018 में 20 देशों में 690 लोगों को मृत्युदंड की सजा दी गई है, हालांकि इन 20 देशों की सूची में शामिल नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

सजा ए मौत
सजा ए मौत
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Published : Mar 20, 2020, 8:23 PM IST

Updated : Mar 20, 2020, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, वर्ष 2018 में 20 देशों में कम से कम 690 लोगों को मृत्युदंड की सजा दी गई. इनमें अमेरिका, चीन, ईरान, सऊदी अरब, वियतनाम, सिंगापुर और जापान शामिल है.

एमनेस्टी के मुताबिक, 2018 के अंत तक 142 देशों ने मृत्युदंड को खत्म कर दिया. इसके साथ ही वर्ष 2018 में भारत उन 29 देशों में शामिल रहा, जिसने मृत्युदंड के एक मामले में माफी दी.

गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था के मुताबिक यह आंकड़ा 2017 के मुकाबले 31 प्रतिशत कम रहा. इस दौरान विश्व में 993 मृत्युदंड की सजा पर अमल किया गया.

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की एक अलग सूचना के मुताबिक, न्याय व्यवस्था की विविधताओं, परंपराओं, संस्कृतियों और धार्मिक पृष्ठभूमि वाले संयुक्त राष्ट्र के 160 से भी अधिक सदस्य देशों ने या तो मृत्युदंड को खत्म कर दिया है अथवा इसको अमल में नहीं ला रहे हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की वेबसाइट के मुताबिक, 'वर्ष 2018 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 20 देशों में कम से कम 690 मृत्युदंड की सजा देने के मामले दर्ज किए गए, जोकि 2017 के मुकाबले 31 प्रतिशत कम रहा. यह संख्या एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एक दशक में दर्ज किए गए मामलों में सबसे कम रही.'

इसके मुताबिक अधिकतर सजाएं चीन, ईरान, सऊदी अरब, वियतनाम और इराक में दी गईं.

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गैर सरकारी संस्था के मुताबिक चीन मृत्युदंड की सजा के मामले में अव्वल रहा लेकिन चीन में मौत की सजा के मामलों का खुलासा नहीं किए जाने के प्रावधान के चलते सही आंकड़ों की जानकारी नहीं मिल पाती है.

एमनेस्टी के मुताबिक वर्ष 2018 में वियतनाम में 85 दोषियों को मौत की सजा दी गई.

नई दिल्ली : एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, वर्ष 2018 में 20 देशों में कम से कम 690 लोगों को मृत्युदंड की सजा दी गई. इनमें अमेरिका, चीन, ईरान, सऊदी अरब, वियतनाम, सिंगापुर और जापान शामिल है.

एमनेस्टी के मुताबिक, 2018 के अंत तक 142 देशों ने मृत्युदंड को खत्म कर दिया. इसके साथ ही वर्ष 2018 में भारत उन 29 देशों में शामिल रहा, जिसने मृत्युदंड के एक मामले में माफी दी.

गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था के मुताबिक यह आंकड़ा 2017 के मुकाबले 31 प्रतिशत कम रहा. इस दौरान विश्व में 993 मृत्युदंड की सजा पर अमल किया गया.

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की एक अलग सूचना के मुताबिक, न्याय व्यवस्था की विविधताओं, परंपराओं, संस्कृतियों और धार्मिक पृष्ठभूमि वाले संयुक्त राष्ट्र के 160 से भी अधिक सदस्य देशों ने या तो मृत्युदंड को खत्म कर दिया है अथवा इसको अमल में नहीं ला रहे हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की वेबसाइट के मुताबिक, 'वर्ष 2018 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 20 देशों में कम से कम 690 मृत्युदंड की सजा देने के मामले दर्ज किए गए, जोकि 2017 के मुकाबले 31 प्रतिशत कम रहा. यह संख्या एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एक दशक में दर्ज किए गए मामलों में सबसे कम रही.'

इसके मुताबिक अधिकतर सजाएं चीन, ईरान, सऊदी अरब, वियतनाम और इराक में दी गईं.

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गैर सरकारी संस्था के मुताबिक चीन मृत्युदंड की सजा के मामले में अव्वल रहा लेकिन चीन में मौत की सजा के मामलों का खुलासा नहीं किए जाने के प्रावधान के चलते सही आंकड़ों की जानकारी नहीं मिल पाती है.

एमनेस्टी के मुताबिक वर्ष 2018 में वियतनाम में 85 दोषियों को मौत की सजा दी गई.

Last Updated : Mar 20, 2020, 9:44 PM IST
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