यरुशलम : गाजा पट्टी में इजराइल के साथ संघर्ष में नौ बच्चों समेत 24 लोगों की मौत हो गई. फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मृतक संख्या के हिसाब से यह दिन पिछले कई सालों में सबसे अधिक रक्तपात वाले दिनों में एक रहा.
इजराइल ने मंगलवार सुबह गाजा की ओर हवाई हमले किए और एक इमारत को निशाना बनाया जिसमें हमास के चरमपंथी रहते थे. इन हमलों में सीमा पर स्थित दो सुरंगों को भी निशाना बनाया गया, जिन्हें चरमपंथियों ने खोदा था. वहीं हमास तथा अन्य हथियारबंद समूहों ने भी इजराइल की ओर अनेक रॉकेट दागे.
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम सीमापार लड़ाई शुरू हो गई थी जिसमें नौ बच्चों समेत 24 फलस्तीनी मारे गए. ज्यादातर की मौत हवाई हमलों के कारण हुई.
इजराइल की सेना ने कहा कि मृतकों में से 15 चरमपंथी थे. गाजा के चरमपंथियों ने 200 से अधिक रॉकेट इजराइल की ओर दागे, जिनके कारण इजराइल के छह आम नागरिक घायल हो गए.
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतकों की मौत की वजह से संबंधित कोई जानकारी तो नहीं दी लेकिन उत्तरी गाजा में एक विस्फोट में तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के कम से कम सात लोगों की जान चली गयी. इजराइली सेना ने कहा कि गाजा से रॉकेट दागे जाने के जवाब में उसने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया.
यरुशलम में बढ़ती हिंसा को लेकर आपातकालीन बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पूर्वी यरुशलम में बढ़ती हिंसा पर आपातकालीन बैठक की और एक प्रस्तावित बयान पर विचार-विमर्श किया, जिसमें इजरायल से आह्वान किया गया कि वह मामले को लेकर संयम बरतें और इस पवित्र स्थलों पर ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान करे.
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संयुक्त राष्ट्र में आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायर्न नैसन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को तत्काल बात करनी चाहिए, और हम आशा करते हैं कि वह आज ऐसा करने में सक्षम होगा. परिषद के राजनयिकों ने कहा कि सभी 15 सदस्यों ने झड़पों और बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की लेकिन इजराइल के निकटतम सहयोगी अमेरिका ने कहा कि इस समय एक बयान उपयोगी नहीं हो सकता है। बहरहाल, अमेरिका ने परिषद के विशेषज्ञों द्वारा इस बयान पर चर्चा किए जाने पर सहमति जताई.