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जुकरबर्ग ने तोड़ी चुप्पी, कहा- व्हिसलब्लोअर के दावे का 'कोई मतलब नहीं'

सोशल नेटवर्क के नकारात्मक प्रभावों के बारे में एक पूर्व कर्मचारी के हालिया दावों पर आखिरकार फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Facebook CEO Mark Zuckerberg) ने चुप्पी तोड़ी है. उनका कहना है कि पूर्व कर्मचारी के हालिया दावों का 'कोई मतलब नहीं है.'

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग
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Published : Oct 6, 2021, 4:42 PM IST

सैन फ्रांसिस्को : पूर्व कर्मचारी के उस दावे जिसमें कहा गया है कि कंपनी सामाजिक हित की बजाय विज्ञापन को तरजीह देती है, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने चुप्पी तोड़ी है. फेसबुक के कर्मचारियों को लिखे एक नोट में अपनी कंपनी का बचाव करते हुए कहा है कि समाज पर सोशल नेटवर्क के नकारात्मक प्रभावों के बारे में पूर्व कर्मचारी के हालिया दावों से 'कोई फर्क नहीं पड़ता'.

मंगलवार को फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक फ्रांसिस हौगेन ने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' को दिए गए आंतरिक दस्तावेजों के बारे में गवाही दी थी. कंपनी की 'सिविक इंटिग्रिटी यूनिट' से नौकरी छोड़ने से पहले हौगेन ने आंतरिक अनुसंधान दस्तावेजों के हजारों पृष्ठों की प्रति निकाल ली थी, जो हौगेन के आरोपों को सही साबित करते हैं.

हौगेन ने साथ ही फेसबुक के सोशल मीडिया मंचों को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इस बारे में भी विचार पेश किए.

हौगेन ने इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग के साथ ही कम्पनी की 'प्रॉफिट-ओवर-सेफ्टी' (सुरक्षा पर लाभ को तरजीह देने) की रणनीति को सबसे अधिक जिम्मेदारी ठहराया, लेकिन साथ ही उन्होंने फेसबुक की दुविधा को लेकर सहानुभूति भी व्यक्त की.

हौगेन ने कहा, 'फेसबुक के मंच किशोरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं,विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं. कंपनी का नेतृत्व जानता है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम को कैसे सुरक्षित बनाया जाए, लेकिन वे आवश्यक परिवर्तन नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने लोगों से अधिक अपने लाभ को तरजीह दी है.

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की कार्रवाई जरूरी है. वे इस संकट से आपकी मदद के बिना नहीं निपट सकते.'

द वर्ज (The Verge) की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई का फोकस फेसबुक के आंतरिक शोध पर था, जिसमें बताया गया था कि इंस्टाग्राम का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन हॉगेन ने कंपनी के बिजनेस मॉडल और न्यूज फीड एल्गोरिदम पर भी निशाना साधा.

उनका मुख्य तर्क था कि विज्ञापन के लिए फेसबुक का व्यवसाय उपयोगकर्ताओं को हर कीमत पर सेवा पर रखने के लिए प्रेरित करता है, तब भी जब उसे पता होता है कि जिस सामग्री से वे जुड़ रहे हैं वह हानिकारक है.

'आरोप बहुत ही अतार्किक'

जुकरबर्ग ने कहा, 'यह तर्क कि हम लाभ के लिए जानबूझकर ऐसी सामग्री को आगे बढ़ाते हैं जिससे लोगों को गुस्सा आता है, बहुत ही अतार्किक है. हम विज्ञापनों से पैसा कमाते हैं और विज्ञापनदाता लगातार हमें बताते हैं कि वे अपने विज्ञापनों को हानिकारक या गुस्सा आने वाले कंटेंट के पास नहीं चाहते हैं. और मैं किसी ऐसी टेक कंपनी को नहीं जानता जो ऐसे उत्पादों का निर्माण करती है जो लोगों को क्रोधित या उदास करती है.'

पढ़ें- 6 घंटे बंद रहा FB, Insta, Whatsapp तो जुकरबर्ग को लगी 52,000 करोड़ की चपत, जानिये इसकी वजह

गौरतलब है कि हौगेन और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को उनके द्वारा दिए गए आंतरिक दस्तावेज़ों पर ज़करबर्ग अभी तक खामोश रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने जुकरबर्ग को गवाही देने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने अपने 1,300 शब्दों के खंडन में कहीं भी अनुरोध को संबोधित नहीं किया और जैसा कि फेसबुक के पहले के बयानों में था, उन्होंने हौगेन को नाम से संबोधित नहीं किया.

(आईएएनएस)

सैन फ्रांसिस्को : पूर्व कर्मचारी के उस दावे जिसमें कहा गया है कि कंपनी सामाजिक हित की बजाय विज्ञापन को तरजीह देती है, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने चुप्पी तोड़ी है. फेसबुक के कर्मचारियों को लिखे एक नोट में अपनी कंपनी का बचाव करते हुए कहा है कि समाज पर सोशल नेटवर्क के नकारात्मक प्रभावों के बारे में पूर्व कर्मचारी के हालिया दावों से 'कोई फर्क नहीं पड़ता'.

मंगलवार को फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक फ्रांसिस हौगेन ने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' को दिए गए आंतरिक दस्तावेजों के बारे में गवाही दी थी. कंपनी की 'सिविक इंटिग्रिटी यूनिट' से नौकरी छोड़ने से पहले हौगेन ने आंतरिक अनुसंधान दस्तावेजों के हजारों पृष्ठों की प्रति निकाल ली थी, जो हौगेन के आरोपों को सही साबित करते हैं.

हौगेन ने साथ ही फेसबुक के सोशल मीडिया मंचों को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इस बारे में भी विचार पेश किए.

हौगेन ने इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग के साथ ही कम्पनी की 'प्रॉफिट-ओवर-सेफ्टी' (सुरक्षा पर लाभ को तरजीह देने) की रणनीति को सबसे अधिक जिम्मेदारी ठहराया, लेकिन साथ ही उन्होंने फेसबुक की दुविधा को लेकर सहानुभूति भी व्यक्त की.

हौगेन ने कहा, 'फेसबुक के मंच किशोरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं,विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं. कंपनी का नेतृत्व जानता है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम को कैसे सुरक्षित बनाया जाए, लेकिन वे आवश्यक परिवर्तन नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने लोगों से अधिक अपने लाभ को तरजीह दी है.

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की कार्रवाई जरूरी है. वे इस संकट से आपकी मदद के बिना नहीं निपट सकते.'

द वर्ज (The Verge) की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई का फोकस फेसबुक के आंतरिक शोध पर था, जिसमें बताया गया था कि इंस्टाग्राम का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन हॉगेन ने कंपनी के बिजनेस मॉडल और न्यूज फीड एल्गोरिदम पर भी निशाना साधा.

उनका मुख्य तर्क था कि विज्ञापन के लिए फेसबुक का व्यवसाय उपयोगकर्ताओं को हर कीमत पर सेवा पर रखने के लिए प्रेरित करता है, तब भी जब उसे पता होता है कि जिस सामग्री से वे जुड़ रहे हैं वह हानिकारक है.

'आरोप बहुत ही अतार्किक'

जुकरबर्ग ने कहा, 'यह तर्क कि हम लाभ के लिए जानबूझकर ऐसी सामग्री को आगे बढ़ाते हैं जिससे लोगों को गुस्सा आता है, बहुत ही अतार्किक है. हम विज्ञापनों से पैसा कमाते हैं और विज्ञापनदाता लगातार हमें बताते हैं कि वे अपने विज्ञापनों को हानिकारक या गुस्सा आने वाले कंटेंट के पास नहीं चाहते हैं. और मैं किसी ऐसी टेक कंपनी को नहीं जानता जो ऐसे उत्पादों का निर्माण करती है जो लोगों को क्रोधित या उदास करती है.'

पढ़ें- 6 घंटे बंद रहा FB, Insta, Whatsapp तो जुकरबर्ग को लगी 52,000 करोड़ की चपत, जानिये इसकी वजह

गौरतलब है कि हौगेन और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को उनके द्वारा दिए गए आंतरिक दस्तावेज़ों पर ज़करबर्ग अभी तक खामोश रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने जुकरबर्ग को गवाही देने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने अपने 1,300 शब्दों के खंडन में कहीं भी अनुरोध को संबोधित नहीं किया और जैसा कि फेसबुक के पहले के बयानों में था, उन्होंने हौगेन को नाम से संबोधित नहीं किया.

(आईएएनएस)

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