ETV Bharat / international

बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों को घर के अंदर मास्क पहनना चाहिए... जानिए क्यों ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की ओर से ​हाल में जारी चेतावनी ने लोगों को फिर से चिंता में डाल दिया है. संगठन का कहना है कि लोग फिर से घर के अंदर मास्क पहनें, वो भी जिनको कोरोना के टीके की दोनों डोज लगी है.

mask inside home, World Health Organization
कोरोना वायरस
author img

By

Published : Jul 23, 2021, 10:32 PM IST

सैन फ्रांसिस्को: कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण (Delta Variant Of Corona Virus ) के खतरनाक दर से फैलने के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने हाल ही में लोगों से फिर से घर के अंदर मास्क पहनने का आग्रह किया. ये बात उनके लिए भी लागू है जिन्हें कोरोना के टीके की दोनों डोज लग चुकी है.

इस पर बीते दिनों लॉस एंजिल्स काउंटी, कैलिफोर्निया ने घोषणा ​की कि टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना, सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर फिर से मास्क पहनने की आवश्यकता होगी. इसके बाद सात बे एरिया काउंटियों की तरफ से सभी के लिए फिर से सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर मास्क लगाने की सिफारिश की गई-हालांकि यह बाध्यकारी नहीं थी.

ध्यान देने वाली बात यह है कि यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अभी तक इसी तरह का रुख नहीं अपनाया है. अमेरिका के सबसे बड़े पेशेवर संघ, नेशनल नर्सेस यूनाइटेड ने पंजीकृत नर्सों के लिए सीडीसी से देश भर में नए संक्रमणों और अस्पतालों में भर्ती होने के आलोक में स्थिति पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया.

पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान, लोकसभा 26 जुलाई तक स्थगित

इस बारे में कन्वरसेशन ने सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मशहूर चिकित्सक संक्रामक रोग विशेषज्ञ पीटर चिन-होंग बताते हैं कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि पूर्ण टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है. बीमारी के नये उभरते चिंतित कर देने वाले स्वरूपों के साथ यह विशेष रूप से सच है. जिन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है उनमें संक्रमण दुर्लभ है और उस आबादी में कोविड-19 के गंभीर परिणाम और भी दुर्लभ हैं.

जानें डेल्टा संस्करण के साथ संक्रमण अधिक होने की क्या है संभावना?

प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा जैसे वेरिएंट के बढ़ने से उन लोगों में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली है. उदाहरण में पाया गया कि फाइजर वैक्सीन की एक खुराक में डेल्टा संस्करण के मुकाबले लक्षण वाले रोग के खिलाफ सिर्फ 34 प्रतिशत की प्रभावशीलता थी, जबकि पुराने अल्फा संस्करण में यह 51 प्रतिशत थी. लेकिन यह आंकड़े उन लोगों के लिए अधिक आश्वस्त करने वाले हैं जिन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया है.

सभी रिपोर्टों और अध्ययनों में अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी को रोकने में डेल्टा संस्करण के मुकाबले वैक्सीन की प्रभावकारिता अभी भी बहुत अधिक है. यह आंकड़े डब्ल्यूएचओ की सिफारिश का समर्थन करते हैं कि पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्ति भी मास्क पहनना जारी रखें.

सैन फ्रांसिस्को: कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण (Delta Variant Of Corona Virus ) के खतरनाक दर से फैलने के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने हाल ही में लोगों से फिर से घर के अंदर मास्क पहनने का आग्रह किया. ये बात उनके लिए भी लागू है जिन्हें कोरोना के टीके की दोनों डोज लग चुकी है.

इस पर बीते दिनों लॉस एंजिल्स काउंटी, कैलिफोर्निया ने घोषणा ​की कि टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना, सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर फिर से मास्क पहनने की आवश्यकता होगी. इसके बाद सात बे एरिया काउंटियों की तरफ से सभी के लिए फिर से सार्वजनिक इनडोर स्थानों पर मास्क लगाने की सिफारिश की गई-हालांकि यह बाध्यकारी नहीं थी.

ध्यान देने वाली बात यह है कि यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अभी तक इसी तरह का रुख नहीं अपनाया है. अमेरिका के सबसे बड़े पेशेवर संघ, नेशनल नर्सेस यूनाइटेड ने पंजीकृत नर्सों के लिए सीडीसी से देश भर में नए संक्रमणों और अस्पतालों में भर्ती होने के आलोक में स्थिति पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया.

पढ़ें: कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर सरकार ने संसद में दिया बयान, लोकसभा 26 जुलाई तक स्थगित

इस बारे में कन्वरसेशन ने सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मशहूर चिकित्सक संक्रामक रोग विशेषज्ञ पीटर चिन-होंग बताते हैं कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि पूर्ण टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है. बीमारी के नये उभरते चिंतित कर देने वाले स्वरूपों के साथ यह विशेष रूप से सच है. जिन लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है उनमें संक्रमण दुर्लभ है और उस आबादी में कोविड-19 के गंभीर परिणाम और भी दुर्लभ हैं.

जानें डेल्टा संस्करण के साथ संक्रमण अधिक होने की क्या है संभावना?

प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा जैसे वेरिएंट के बढ़ने से उन लोगों में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली है. उदाहरण में पाया गया कि फाइजर वैक्सीन की एक खुराक में डेल्टा संस्करण के मुकाबले लक्षण वाले रोग के खिलाफ सिर्फ 34 प्रतिशत की प्रभावशीलता थी, जबकि पुराने अल्फा संस्करण में यह 51 प्रतिशत थी. लेकिन यह आंकड़े उन लोगों के लिए अधिक आश्वस्त करने वाले हैं जिन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया है.

सभी रिपोर्टों और अध्ययनों में अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी को रोकने में डेल्टा संस्करण के मुकाबले वैक्सीन की प्रभावकारिता अभी भी बहुत अधिक है. यह आंकड़े डब्ल्यूएचओ की सिफारिश का समर्थन करते हैं कि पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्ति भी मास्क पहनना जारी रखें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.