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यमन के संघर्ष में अमेरिकी भूमिका खत्म करने का प्रस्ताव, ट्रंप का वीटो

यमन में हौती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के सैनिक संघर्ष कर रहे हैं. अमेरिका पर सऊदी का साथ देने का आरोप लगता रहा है. हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने इससे इनकार करते हुए अमेरिकी कांग्रेस के एक बिल पर वीटो किया है. जानें क्या है पूरा मामला...

राष्ट्रपति ट्रंप और यमन के राष्ट्रपति एएम हादी
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Published : Apr 18, 2019, 10:37 PM IST

वाशिंगटन: यमन में सऊदी अरब की अगुवाई में संघर्ष चल रहा है. अमेरिका पर इस संघर्ष में मदद मुहैया कराने का आरोप है. इसी बीच अमेरिकी कांग्रेस में संघर्ष बंद करने के लिए प्रस्ताव लाया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर वीटो लगा दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बिल को उनकी संवैधानिक शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश करार दिया. ट्रंप ने प्रस्ताव को कांग्रेस का अनावश्यक व खतरनाक प्रयास बताया.

कांग्रेस के प्रस्ताव पर मंगलवार को वीटो लगाने के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, 'यह प्रस्ताव मेरे संवैधानिक प्राधिकार को कमजोर करने का एक अनाश्यक व खतरनाक प्रयास है. इससे अमेरिकी नागरिकों और बहादुर सैन्य सेवा के सदस्यों की जिंदगियों को आज और भविष्य में खतरा पैदा होगा.'

veto of trump on yemen crisis
ट्रंप का वीटो संदेश

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह कदम अनावश्यक है, क्योंकि अलकायदा और अरब प्रायद्वीप में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ आतंकरोधी कार्रवाई के अलावा अमेरिका यमन में युद्ध में सक्रियता से हिस्सा नहीं ले रहा है.

ट्रंप ने कहा कि कोई भी अमेरिकी सैनिक यमन में हौती विद्रोहियों के खिलाफ संघर्षरत सऊदी की संयुक्त ताकतों के साथ शामिल नहीं है.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति के शब्दों के काफी मायने हैं, उनके उकसाने वाले बयान से खतरा हो सकता है- नैंसी पेलोसी

अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमिटी ने राष्ट्रपति ट्रंप के वीटो की आलोचना की है. कमिटी का कहना है कि हमें यमन के मानवीय संघर्ष और संकट में भागीदार नहीं बनना चाहिए.

  • ▪️85,000 children have starved to death
    ▪️14 million are on the brink of famine
    ▪️Million+ suffer from cholera
    Trump’s veto was wrong. We must not be complicit in the humanitarian crisis in Yemen.@RepMalinowski expressed support for #SJRes7 at the @RulesDemocrats Committee. pic.twitter.com/RR8INpLbi0

    — House Foreign Affairs Committee (@HouseForeign) April 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान यह दूसरा मौका है जब उन्होंने कांग्रेस के किसी प्रस्ताव पर वीटो लगाया.

इससे पहले उन्होंने मार्च, 2019 में देश की दक्षिणी सीमा पर दीवार खड़ी करने के अपने आपातकालीन घोषणा से जुड़े प्रस्ताव पर वीटो लगाया था.

अमेरिका की कांग्रेस में ट्रंप के प्रस्ताव को नामंजूर करने के लिए बिल पेश किया गया था.

वाशिंगटन: यमन में सऊदी अरब की अगुवाई में संघर्ष चल रहा है. अमेरिका पर इस संघर्ष में मदद मुहैया कराने का आरोप है. इसी बीच अमेरिकी कांग्रेस में संघर्ष बंद करने के लिए प्रस्ताव लाया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर वीटो लगा दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बिल को उनकी संवैधानिक शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश करार दिया. ट्रंप ने प्रस्ताव को कांग्रेस का अनावश्यक व खतरनाक प्रयास बताया.

कांग्रेस के प्रस्ताव पर मंगलवार को वीटो लगाने के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, 'यह प्रस्ताव मेरे संवैधानिक प्राधिकार को कमजोर करने का एक अनाश्यक व खतरनाक प्रयास है. इससे अमेरिकी नागरिकों और बहादुर सैन्य सेवा के सदस्यों की जिंदगियों को आज और भविष्य में खतरा पैदा होगा.'

veto of trump on yemen crisis
ट्रंप का वीटो संदेश

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह कदम अनावश्यक है, क्योंकि अलकायदा और अरब प्रायद्वीप में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ आतंकरोधी कार्रवाई के अलावा अमेरिका यमन में युद्ध में सक्रियता से हिस्सा नहीं ले रहा है.

ट्रंप ने कहा कि कोई भी अमेरिकी सैनिक यमन में हौती विद्रोहियों के खिलाफ संघर्षरत सऊदी की संयुक्त ताकतों के साथ शामिल नहीं है.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति के शब्दों के काफी मायने हैं, उनके उकसाने वाले बयान से खतरा हो सकता है- नैंसी पेलोसी

अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमिटी ने राष्ट्रपति ट्रंप के वीटो की आलोचना की है. कमिटी का कहना है कि हमें यमन के मानवीय संघर्ष और संकट में भागीदार नहीं बनना चाहिए.

  • ▪️85,000 children have starved to death
    ▪️14 million are on the brink of famine
    ▪️Million+ suffer from cholera
    Trump’s veto was wrong. We must not be complicit in the humanitarian crisis in Yemen.@RepMalinowski expressed support for #SJRes7 at the @RulesDemocrats Committee. pic.twitter.com/RR8INpLbi0

    — House Foreign Affairs Committee (@HouseForeign) April 17, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान यह दूसरा मौका है जब उन्होंने कांग्रेस के किसी प्रस्ताव पर वीटो लगाया.

इससे पहले उन्होंने मार्च, 2019 में देश की दक्षिणी सीमा पर दीवार खड़ी करने के अपने आपातकालीन घोषणा से जुड़े प्रस्ताव पर वीटो लगाया था.

अमेरिका की कांग्रेस में ट्रंप के प्रस्ताव को नामंजूर करने के लिए बिल पेश किया गया था.

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PRI ESPL INT
.WASHINGTON FES18
US-YEMEN-LD WAR
Trump vetoes bill to end US support for Saudi-led Yemen war
         Washington, Apr 17 (AFP) President Donald Trump on Tuesday vetoed a resolution from Congress directing him to end US support for the Saudi-led war in Yemen, the second such move of his presidency.
         The resolution was a harsh bipartisan rebuke to Trump that took the historic step of curtailing a president's war-making powers -- a step he condemned in a statement announcing his veto.
         "This resolution is an unnecessary, dangerous attempt to weaken my constitutional authorities, endangering the lives of American citizens and brave service members, both today and in the future," Trump said.
         The veto was the second of his presidency, after he overrode a congressional resolution that aimed to reverse the border emergency he declared in order to secure more funding for his wall between the United States and Mexico in March.
         Vetoing the measure is an "effective green light for the war strategy that has created the world's worst humanitarian crisis to continue," said International Rescue Committee president and CEO David Miliband.
         "Yemen is at a breaking point with 10 million people on the brink of famine. There are as many as 100 civilian casualties per week, and Yemenis are more likely to be killed at home than in any other structure." Trump argued that US support for the bloody war between the Saudi-backed Yemeni government and Iran-aligned Huthi rebels was necessary for a variety of reasons, "first and foremost" to "protect the safety of the more than 80,000 Americans who reside in certain coalition countries." These countries "have been subject to Huthi attacks from Yemen," he said, referring to drone and missile strikes the Saudi-led coalition has either claimed were intercepted or denied altogether.
         The president also said the resolution would "harm the foreign policy of the United States" and "harm our bilateral relationships."
          And it would "negatively affect our ongoing efforts to prevent civilian casualties and prevent the spread of terrorist organizations such as Al-Qaeda in the Arabian Peninsula and ISIS, and embolden Iran's malign activities in Yemen," Trump said, referring to two Sunni Muslim militant groups and his Shiite bete noire.
         The resolution, which passed the US House of Representatives earlier this month and the Senate in March, was a historic milestone, as it was the first time in history that a measure invoking the 1973 War Powers Resolution reached the president's desk.
         Democrats argued that US involvement in the Yemen conflict -- through intelligence-sharing, logistical support and now-discontinued aerial refueling -- is unconstitutional without congressional authority.
         Speaker of the House Nancy Pelosi -- the country's most senior Democratic politician -- took aim at Trump's veto in a series of tweets on Tuesday.
         "The conflict in Yemen is a horrific humanitarian crisis that challenges the conscience of the entire world," Pelosi wrote. "Yet the President has cynically chosen to contravene a bipartisan, bicameral vote of the Congress & perpetuate America's shameful involvement in this heartbreaking crisis." Senator Bernie Sanders, a lead author of the Yemen resolution and a Democratic 2020 presidential candidate, said that "the people of Yemen desperately need humanitarian help, not more bombs."
          "I am disappointed, but not surprised, that Trump has rejected the bi-partisan resolution to end U.S. involvement in the horrific war in Yemen," Sanders tweeted.
         Critics of the intervention warn that Saudi forces are likely using US weapons to commit atrocities in the four-year war.
         Some 10,000 people have been killed in Yemen over the past four years, according to the World Health Organization, although rights groups say the toll could be five times higher.
         Both the Saudi-led alliance and Huthi rebels have been accused of acts that could amount to war crimes, while the coalition has been blacklisted by the United Nations for killing and maiming children. (AFP)

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