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कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़, भारत ने की कड़ी निंदा

अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ अज्ञात बदमाशों ने तोड़फोड़ की और उसे उखाड़ दिया. इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पूरी तरह जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है. भारतीय मूल के अमेरिकियों ने भी घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है.

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Published : Jan 30, 2021, 1:50 PM IST

Updated : Jan 30, 2021, 7:22 PM IST

महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़
महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़

वॉशिंगटन/ नई दिल्ली : अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ अज्ञात बदमाशों ने तोड़फोड़ की और उसे उखाड़ दिया. इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पूरी तरह जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

स्थानीय समाचार पत्र 'डेविस एंटरप्राइज' की एक खबर में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कैलिफोर्निया के डेविस शहर के सेंट्रल पार्क में लगी महात्मा गांधी की छह फुट ऊंची और 294 किलोग्राम वजनी कांस्य प्रतिमा के निचले हिस्से पर प्रहार कर उसे उखाड़ा गया. प्रतिमा का आधा चेहरा क्षतिग्रस्त है और गायब है.

पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को सबसे पहले 27 जनवरी की सुबह पार्क के एक कर्मचारी ने देखा.

डेविस शहर परिषद सदस्य लुकास फ्रेरिक्स ने बताया कि प्रतिमा को हटाया जा रहा है और इसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा.

'द सेक्रामेंटो बी' ने अपनी खबर में कहा कि जांचकर्ता अभी पता नहीं लगा पाए हैं कि प्रतिमा को कब तोड़ा गया और इसके पीछे कारण क्या है.

समाचार पत्र ने अपनी खबर में डेविस पुलिस विभाग के उप प्रमुख पॉल डोरोशोव के हवाले से कहा, 'हम इसे डेविस की आबादी के एक हिस्से के सांस्कृतिक आदर्श के रूप में देखते हैं और इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं.'

इस बीच भारत ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की घटना की शनिवार को कड़ी निंदा की.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है और यह 'घृणित कृत्य' करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि इस प्रतिमा को भारत द्वारा उपहार में दिया गया था.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार वैश्विक स्तर पर शांति एवं न्याय के प्रतीक के रूप सम्मानित हस्ती के प्रति दुर्भावनापूर्ण एवं घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करती है.'

मंत्रालय ने बताया कि वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है और मामले की गंभीरता से जांच कर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की घटना अस्वीकार्य है और बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है. मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय भारतीय समुदाय के संगठनों ने तोड़फोड़ की इस घटना की निंदा की है.

महात्मा गांधी की यह प्रतिमा भारत सरकार ने डेविस शहर को प्रदान की थी और गांधी विरोधी तथा भारत विरोधी संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बीच शहर परिषद ने चार वर्ष पूर्व इसे स्थापित किया था.

यह भी पढ़ें- अमेरिका: खालिस्तान समर्थकों ने किया महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर

ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज इन इंडिया (ओएफएमआई) ने प्रतिमा की स्थापना का विरोध किया था. इसके बावजूद प्रतिमा की स्थापना का निर्णय किया गया था. इसके बाद से ही ओएफएमआई ने गांधी की प्रतिमा को हटाने का अभियान चलाया हुआ था.

भारतीय मूल के अमेरिकियों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है. फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल (एफआईएसआई) के गौरांग देसाई ने कहा कि कई वर्षों से ओएफएमआई और खालिस्तानी अलगाववादियों जैसे भारत-विरोधी और हिंदू विरोधी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा नफरत का माहौल बनाया जा रहा है.

अन्य संगठनों ने भी घटना की निंदा की है.

वॉशिंगटन/ नई दिल्ली : अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ अज्ञात बदमाशों ने तोड़फोड़ की और उसे उखाड़ दिया. इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पूरी तरह जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

स्थानीय समाचार पत्र 'डेविस एंटरप्राइज' की एक खबर में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर कैलिफोर्निया के डेविस शहर के सेंट्रल पार्क में लगी महात्मा गांधी की छह फुट ऊंची और 294 किलोग्राम वजनी कांस्य प्रतिमा के निचले हिस्से पर प्रहार कर उसे उखाड़ा गया. प्रतिमा का आधा चेहरा क्षतिग्रस्त है और गायब है.

पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को सबसे पहले 27 जनवरी की सुबह पार्क के एक कर्मचारी ने देखा.

डेविस शहर परिषद सदस्य लुकास फ्रेरिक्स ने बताया कि प्रतिमा को हटाया जा रहा है और इसे सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा.

'द सेक्रामेंटो बी' ने अपनी खबर में कहा कि जांचकर्ता अभी पता नहीं लगा पाए हैं कि प्रतिमा को कब तोड़ा गया और इसके पीछे कारण क्या है.

समाचार पत्र ने अपनी खबर में डेविस पुलिस विभाग के उप प्रमुख पॉल डोरोशोव के हवाले से कहा, 'हम इसे डेविस की आबादी के एक हिस्से के सांस्कृतिक आदर्श के रूप में देखते हैं और इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं.'

इस बीच भारत ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की घटना की शनिवार को कड़ी निंदा की.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है और यह 'घृणित कृत्य' करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि इस प्रतिमा को भारत द्वारा उपहार में दिया गया था.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार वैश्विक स्तर पर शांति एवं न्याय के प्रतीक के रूप सम्मानित हस्ती के प्रति दुर्भावनापूर्ण एवं घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करती है.'

मंत्रालय ने बताया कि वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है और मामले की गंभीरता से जांच कर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की घटना अस्वीकार्य है और बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है. मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय भारतीय समुदाय के संगठनों ने तोड़फोड़ की इस घटना की निंदा की है.

महात्मा गांधी की यह प्रतिमा भारत सरकार ने डेविस शहर को प्रदान की थी और गांधी विरोधी तथा भारत विरोधी संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बीच शहर परिषद ने चार वर्ष पूर्व इसे स्थापित किया था.

यह भी पढ़ें- अमेरिका: खालिस्तान समर्थकों ने किया महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर

ऑर्गनाइजेशन फॉर माइनॉरिटीज इन इंडिया (ओएफएमआई) ने प्रतिमा की स्थापना का विरोध किया था. इसके बावजूद प्रतिमा की स्थापना का निर्णय किया गया था. इसके बाद से ही ओएफएमआई ने गांधी की प्रतिमा को हटाने का अभियान चलाया हुआ था.

भारतीय मूल के अमेरिकियों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है. फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल (एफआईएसआई) के गौरांग देसाई ने कहा कि कई वर्षों से ओएफएमआई और खालिस्तानी अलगाववादियों जैसे भारत-विरोधी और हिंदू विरोधी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा नफरत का माहौल बनाया जा रहा है.

अन्य संगठनों ने भी घटना की निंदा की है.

Last Updated : Jan 30, 2021, 7:22 PM IST
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