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अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं : पेंटागन

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि तालिबान हिंसा कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं कर रहा है. वह अलकायदा से भी संबंध नहीं तोड़ रहा. पढ़ें विस्तार से...

पेंटागन
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Published : Jan 29, 2021, 9:26 PM IST

वॉशिंगटन : पेंटागन की ओर से कहा गया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की भविष्य में मौजूदगी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. उसने जोर देकर कहा कि बाइडेन प्रशासन युद्धग्रस्त देश में युद्ध को जिम्मेदाराना तरीके से एवं कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए खत्म करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है.

पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने बीते वर्ष फरवरी में दोहा में तालिबान के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें आतंकवादी समूह की ओर से सुरक्षा की गारंटी के बदले में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बात थी.

इस समझौते के तहत अमेरिका ने 14 महीनों में अफगानिस्तान से 12,000 सैनिकों को वापस बुलाने का वादा किया है. अब वहां केवल 2,500 अमेरिकी सैनिक बचे हैं.

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को कहा, इस युद्ध को खत्म करने का हमारा संकल्प निश्चित ही दृढ़ है, लेकिन हम यह एक जिम्मेदारी भरे तरीके से करना चाहते हैं. राष्ट्रपति ने यह साफ किया है कि वह अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाना चाहते हैं लेकिन हम यह कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए एक-एक कदम उठाकर करना चाहते हैं.

पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने लगवाया कोरोना टीका

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में बल के स्तर के संबंध में कोई भी फैसला वहां की सुरक्षा जरूरतों, वहां हमारी सुरक्षा संबंधी प्रतिबद्धताओं और परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा. इसे लेकर हमारी सोच बिलकुल स्पष्ट है. हम इस युद्ध का जिम्मेदाराना तरीके से अंत करना चाहते हैं.

किर्बी ने कहा कि तालिबान हिंसा कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं कर रहा है. वह अलकायदा से भी संबंध नहीं तोड़ रहा. उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने वादे पूरे नहीं कर रहे हैं तो, ऐसे में वार्ता मेज पर किसी के लिए भी अपने वादे पूरा करना मुश्किल होगा.

वॉशिंगटन : पेंटागन की ओर से कहा गया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की भविष्य में मौजूदगी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. उसने जोर देकर कहा कि बाइडेन प्रशासन युद्धग्रस्त देश में युद्ध को जिम्मेदाराना तरीके से एवं कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए खत्म करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है.

पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने बीते वर्ष फरवरी में दोहा में तालिबान के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें आतंकवादी समूह की ओर से सुरक्षा की गारंटी के बदले में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बात थी.

इस समझौते के तहत अमेरिका ने 14 महीनों में अफगानिस्तान से 12,000 सैनिकों को वापस बुलाने का वादा किया है. अब वहां केवल 2,500 अमेरिकी सैनिक बचे हैं.

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को कहा, इस युद्ध को खत्म करने का हमारा संकल्प निश्चित ही दृढ़ है, लेकिन हम यह एक जिम्मेदारी भरे तरीके से करना चाहते हैं. राष्ट्रपति ने यह साफ किया है कि वह अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाना चाहते हैं लेकिन हम यह कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए एक-एक कदम उठाकर करना चाहते हैं.

पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने लगवाया कोरोना टीका

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में बल के स्तर के संबंध में कोई भी फैसला वहां की सुरक्षा जरूरतों, वहां हमारी सुरक्षा संबंधी प्रतिबद्धताओं और परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा. इसे लेकर हमारी सोच बिलकुल स्पष्ट है. हम इस युद्ध का जिम्मेदाराना तरीके से अंत करना चाहते हैं.

किर्बी ने कहा कि तालिबान हिंसा कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं कर रहा है. वह अलकायदा से भी संबंध नहीं तोड़ रहा. उन्होंने कहा कि चूंकि वे अपने वादे पूरे नहीं कर रहे हैं तो, ऐसे में वार्ता मेज पर किसी के लिए भी अपने वादे पूरा करना मुश्किल होगा.

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