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अफगानिस्तान में सितंबर तक माैजूद रहेंगे अमेरिकी सैनिक

अमेरिका के मुख्य सैन्य बलों की अफगानिस्तान (Afghanistan) से वापसी पूरी होने के बाद भी अपने राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया करने के लिए बाइडन प्रशासन द्वारा वहां करीब 650 अमेरिकी सैनिकों को रखे रहने की उम्मीद है.

अफगानिस्तान
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Published : Jun 25, 2021, 10:37 PM IST

वाशिंगटन : अफगानिस्तान से सैनिकाें की वापसी पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों की वापसी बहुत हद तक अगले दो हफ्ते में पूरी जो जाएगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसके अतिरिक्त सैकड़ों अमेरिकी सैनिक संभवत: सितंबर तक काबुल हवाईअड्डे पर मौजूद रहेंगे, जहां वह सुरक्षा प्रदान करने वाले तुर्की बलों को मदद देंगे.

सैनिकों की वापसी की समय सीमा तय

ये सैनिक यहां पर अस्थायी तौर पर तब तक रहेंगे जब तक कि तुर्की के नेतृत्व वाला औपचारिक सुरक्षा अभियान शुरू नहीं हो जाता. चार हजार से अधिक अमेरिकी सैनिकों में से बड़ी संख्या में सैनिकों की वापसी का काम हाल के महीनों में तेजी से चला है, जिसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) ने 11 सितंबर की समयसीमा तय की है.

तालिबान बताया को असली खतरा

हालांकि, इस बीच तालिबान और सक्रिय हो गया है जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि अफगानिस्तान की सरकार और उसकी सेना कुछ ही महीनों में घुटने टेक देगी. पेरिस की यात्रा पर गये अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में करीब 650 सैनिक रखे रहने के लिए वहां हिंसा की घटनाएं बढ़ने का हवाला दिया और तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की कमान संभालने की कोशिश को असली खतरा बताया.

काबुल में हवाईअड्डे पर सुरक्षा बेहद आवश्यक

उन्होंने कहा कि अमेरिका की मौजूदगी बने रहने से निश्चित तौर पर काबुल सरकार को मदद मिलेगी. अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के राजनयिक कर्मचारी को रखने के लिए काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Hamid Karzai International Airport)पर सुरक्षा बेहद आवश्यक है. हालांकि, अगले कई महीनों तक वहां पर अतिरिक्त बलों को तैनात रखने से बाइडन प्रशासन के लिए अमेरिका की सबसे लंबे समय तक चली इस लड़ाई के वास्तविक अंत की घोषणा करना बेहद जटिल हो जाएगा.

अमेरिका और तुर्की के सैन्य अधिकारी अंकारा में करेंगे बैठक

शुक्रवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) और राष्ट्रीय सुलह उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला व्हाइट हाउस में बाइडन से मुलाकात करने वाले हैं. वे पेंटागन में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से भी मिलेंगे तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं. अफगानिस्तान में करीब 650 अमेरिकी सैनिक अमेरिकी दूतावास तथा हवाईअड्डे पर अन्य तरह की मदद देंगे. अधिकारियों के मुताबिक तुर्की ने कहा है कि जब तक अमेरिकी बलों की मदद मिलेगी तब तक वह हवाईअड्डे पर सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए तैयार है. इस व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका और तुर्की के सैन्य अधिकारी इस हफ्ते अंकारा में बैठक करने वाले हैं.

इसे भी पढ़ें : अफगानिस्तान : राजनयिकों की सुरक्षा की खातिर 650 अमेरिकी सैनिक देश में बने रहेंगे

हालांकि, बुधवार को जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले ने कहा था कि हवाईअड्डे की सुरक्षा के बारे में तुर्की के साथ अभी कोई लिखित समझौता नहीं हुआ है.

(एपी)

वाशिंगटन : अफगानिस्तान से सैनिकाें की वापसी पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों की वापसी बहुत हद तक अगले दो हफ्ते में पूरी जो जाएगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसके अतिरिक्त सैकड़ों अमेरिकी सैनिक संभवत: सितंबर तक काबुल हवाईअड्डे पर मौजूद रहेंगे, जहां वह सुरक्षा प्रदान करने वाले तुर्की बलों को मदद देंगे.

सैनिकों की वापसी की समय सीमा तय

ये सैनिक यहां पर अस्थायी तौर पर तब तक रहेंगे जब तक कि तुर्की के नेतृत्व वाला औपचारिक सुरक्षा अभियान शुरू नहीं हो जाता. चार हजार से अधिक अमेरिकी सैनिकों में से बड़ी संख्या में सैनिकों की वापसी का काम हाल के महीनों में तेजी से चला है, जिसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) ने 11 सितंबर की समयसीमा तय की है.

तालिबान बताया को असली खतरा

हालांकि, इस बीच तालिबान और सक्रिय हो गया है जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि अफगानिस्तान की सरकार और उसकी सेना कुछ ही महीनों में घुटने टेक देगी. पेरिस की यात्रा पर गये अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में करीब 650 सैनिक रखे रहने के लिए वहां हिंसा की घटनाएं बढ़ने का हवाला दिया और तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की कमान संभालने की कोशिश को असली खतरा बताया.

काबुल में हवाईअड्डे पर सुरक्षा बेहद आवश्यक

उन्होंने कहा कि अमेरिका की मौजूदगी बने रहने से निश्चित तौर पर काबुल सरकार को मदद मिलेगी. अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के राजनयिक कर्मचारी को रखने के लिए काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Hamid Karzai International Airport)पर सुरक्षा बेहद आवश्यक है. हालांकि, अगले कई महीनों तक वहां पर अतिरिक्त बलों को तैनात रखने से बाइडन प्रशासन के लिए अमेरिका की सबसे लंबे समय तक चली इस लड़ाई के वास्तविक अंत की घोषणा करना बेहद जटिल हो जाएगा.

अमेरिका और तुर्की के सैन्य अधिकारी अंकारा में करेंगे बैठक

शुक्रवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) और राष्ट्रीय सुलह उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला व्हाइट हाउस में बाइडन से मुलाकात करने वाले हैं. वे पेंटागन में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से भी मिलेंगे तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं. अफगानिस्तान में करीब 650 अमेरिकी सैनिक अमेरिकी दूतावास तथा हवाईअड्डे पर अन्य तरह की मदद देंगे. अधिकारियों के मुताबिक तुर्की ने कहा है कि जब तक अमेरिकी बलों की मदद मिलेगी तब तक वह हवाईअड्डे पर सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए तैयार है. इस व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका और तुर्की के सैन्य अधिकारी इस हफ्ते अंकारा में बैठक करने वाले हैं.

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हालांकि, बुधवार को जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले ने कहा था कि हवाईअड्डे की सुरक्षा के बारे में तुर्की के साथ अभी कोई लिखित समझौता नहीं हुआ है.

(एपी)

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