नार्थ कैरोलिना : अमेरिका में फोर्ट ब्रैग की 82 वीं एयरबोर्न डिवीजन के चारों ओर लगातार अनिश्चितता की हवा चल रही है. पैराट्रूपर्स को सफलता तभी मिल सकती है, जब वे इस स्थिति के अनुकूल हो जाएं.
दुनियाभर में महामारी के बाद प्रशिक्षण और तैनाती को लेकर सार्जेंट यशायाह सोलिस ने कहा, 'सेना में भर्ती होते समय वे हमेशा आपको किसी भी परिस्थिति में ढालने के लिए तैयार रहने के लिए कहते हैं और वास्तव में हमारा इसको लेकर टेस्ट हुआ.'
मई और जून में, डिवीजन ने मध्य-पूर्व (मिडिल-ईस्ट) में निर्धारित तैनाती के लिए 2,200 पैराट्रूपर्स भेज रहा है. लेकिन इससे पहले कि वे जाएं, उन्हें दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है. शादीशुदा सैनिकों को बेस के अंदर और अन्य सैनिकों को फोर्ट ब्रैग के एकांत क्षेत्र में क्वारंटाइन किया जाएगा.
यह स्पेशलिस्ट आर्मी क्लाउड की पहली तैनाती होगी. सैनिक ऑपरेशन इनहेरेंट रिजोल्यूशन के तहत इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ाई में नौ महीने के लिए शामिल होंगे. इस महीने की शुरुआत में ही सैकड़ों सैनिकों को वॉशिंगटन में फैली अशांति के बीच भेजा गया था.
स्टाफ सार्जेंट जेम्स क्लाइड के लिए मध्य पूर्व में तैनाती आसान है, लेकिन पति से दूर होना आसान नहीं है. क्लाइड ने कहा, 'इसके लिए वास्तव में कोई तैयारी नहीं है. परिवार को जितना आश्वस्त कर सकतें हैं, उतना कर रहे हैं. अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सुनिश्चित करें. उन्हें बताएं कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं.'
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क्लाइड ने कहा कि सैनिक जानते है कि इस काम में जोखिम है, लेकिन ट्रेनिंग के दौरान उन्हें जोखिम से लड़ना सिखाया जाता है. उन्हें बताया जाता कि अगर कोई विस्फोटक उनके आस-पास हो तो क्या करना है.
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच रक्षा विभाग को सैन्यकर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है.