वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओहियो के डेटन और टेक्सास के अल पासो का दौरा किया. इन दो शहरों में गोलीबारी की दो घटनाओं में 31 लोगों की मौत हुई थी. ट्रंप के दौरे पर हथियार कानून के खिलाफ, आव्रजन, नस्लवाद विरोधी भाषणों और चर्चाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन भी हुआ.
समाचार के अनुसार, 'अपनी पत्नी मेलीनिया के साथ बुधवार को ट्रंप ने डेटन में गोलीबारी में घायल लोगों से अस्पताल में तथा मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. यहां चार अगस्त को एक हमलावर ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अलपासो में उससे एक दिन पहले एक बंदूकधारी ने गोलीबारी कर 22 लोगों की हत्या कर दी थी. 26 लोग घायल हो गए थे. बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
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वाशिंगटन से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने दावा किया कि उनके आव्रजन विरोधी भाषणों के कारण गोलीबारी नहीं हुई, बल्कि इससे लोग एक हुए हैं. डेटन में मियामी वैली हॉस्पिटल के बाहर इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी मांगें रखीं. डेटन में हुई गोलीबारी में घायल हुए कई लोगों का यहां इलाज चल रहा है.
'डेटन मजबूत है', 'अब कार्रवाई करो' और 'अब और घृणा नहीं' के नारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति से हथियार कानून और मजबूत करने की मांग की.
ट्रंप ने ट्वीट किया, 'वह एक अच्छा समय था. जबरदस्त उत्साह और प्यार भी.'
उल्लेखनीय है की पिछले शनिवार यहां हिस्पेनिक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई थी, जिसमें 22 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.
गौरतलब हो की ट्रंप पर खुद ही हिस्पेनिक समुदाय के खिलाफ घृणा फैलाने का आरोप है.