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ट्रंप ने 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' को कानून बनाने की दी मंजूरी - मार्टिन लूथर किंग जूनियर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' को कानून बनाने को मंजूरी दे दी है. यह अमेरिका और भारत के बीच एक शैक्षणिक मंच स्थापित करेगा, जहां महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन किया जाएगा.

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गांधी किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव
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Published : Dec 28, 2020, 5:48 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' को कानून बनाने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच एक शैक्षणिक मंच स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा.

इस कानून को नागरिक अधिकारों के पैरोकार जॉन लेविस ने लिखा था और सह प्रयोजक भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा हैं. लेविस का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था.

इस कानून के तहत 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' के लिए वित्त वर्ष 2025 तक हर साल 10 लाख डॉलर के फंड का प्रावधान है. हालांकि, गांधी-किंग ग्लोबल अकादमी के वास्ते सिर्फ वित्त वर्ष 2021 के लिए 20 लाख डॉलर के फंड का प्रावधान करता है और 'अमेरिका-भारत गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन' के लिए 2021 में 30 लाख डॉलर का प्रावधान करता है.

नया कानून 'यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट' (यूएसएआईडी) को अमेरिका-भारत विकास फाउंडेशन स्थापित करने के लिए भी अधिकृत करता है, जो भारत में विकास प्राथमिकताओं के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

विकास फाउंडेशन को 2022 से 2025 तक हर साल 1.5 करोड़ डॉलर मिलेंगे, लेकिन यह रकम तभी मिल पाएगी जब भारतीय निजी क्षेत्र अमेरिकी सरकार के योगदान के जितना अंश देने की प्रतिबद्धता जताए. कांग्रेस बजट कार्यालय (सीबीए) ने अनुमान जताया है कि विधेयक से पांच साल में 5.1 करोड़ डॉलर खर्च होंगे.

वर्ष 2009 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दिवंगत सदस्य जॉन लेविस ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भारत की यात्रा के 50 साल पूरे होने की याद में भारत गए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई की थी.

कांग्रेस के सदस्य लेविस ने गांधी-किंग एक्सचेंज विधेयक तैयार किया, जो संघर्षों के समाधान और मौजूदा नीतिगत चुनौतियों में गांधी और डॉ. किंग जूनियर के दर्शनों को लागू करने की बात कहता है.

पढ़ें- राष्ट्रपति ट्रंप ने तिब्बती नीति और सहायता अधिनियम पर किए हस्ताक्षर

अधिनियम में कई चीजें शामिल हैं, जिनमें विदेश विभाग को अधिकृत किया गया है कि वह भारत सरकार के सहयोग से गांधी और डॉ. किंग जूनियर की विरासत पर ध्यान देने वाले दोनों देशों के विद्वानों के लिए वार्षिक शैक्षणिक मंच स्थापित करे.

इसमें यह भी कहा गया है कि अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित संघर्ष समाधान के लिए पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल विकसित की जाए और भारत में सामाजिक, पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को तय करने के लिए एक फाउंडेशन स्थापित किया जाए.

वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' को कानून बनाने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच एक शैक्षणिक मंच स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा.

इस कानून को नागरिक अधिकारों के पैरोकार जॉन लेविस ने लिखा था और सह प्रयोजक भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा हैं. लेविस का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था.

इस कानून के तहत 'गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव' के लिए वित्त वर्ष 2025 तक हर साल 10 लाख डॉलर के फंड का प्रावधान है. हालांकि, गांधी-किंग ग्लोबल अकादमी के वास्ते सिर्फ वित्त वर्ष 2021 के लिए 20 लाख डॉलर के फंड का प्रावधान करता है और 'अमेरिका-भारत गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन' के लिए 2021 में 30 लाख डॉलर का प्रावधान करता है.

नया कानून 'यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट' (यूएसएआईडी) को अमेरिका-भारत विकास फाउंडेशन स्थापित करने के लिए भी अधिकृत करता है, जो भारत में विकास प्राथमिकताओं के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

विकास फाउंडेशन को 2022 से 2025 तक हर साल 1.5 करोड़ डॉलर मिलेंगे, लेकिन यह रकम तभी मिल पाएगी जब भारतीय निजी क्षेत्र अमेरिकी सरकार के योगदान के जितना अंश देने की प्रतिबद्धता जताए. कांग्रेस बजट कार्यालय (सीबीए) ने अनुमान जताया है कि विधेयक से पांच साल में 5.1 करोड़ डॉलर खर्च होंगे.

वर्ष 2009 में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दिवंगत सदस्य जॉन लेविस ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भारत की यात्रा के 50 साल पूरे होने की याद में भारत गए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई की थी.

कांग्रेस के सदस्य लेविस ने गांधी-किंग एक्सचेंज विधेयक तैयार किया, जो संघर्षों के समाधान और मौजूदा नीतिगत चुनौतियों में गांधी और डॉ. किंग जूनियर के दर्शनों को लागू करने की बात कहता है.

पढ़ें- राष्ट्रपति ट्रंप ने तिब्बती नीति और सहायता अधिनियम पर किए हस्ताक्षर

अधिनियम में कई चीजें शामिल हैं, जिनमें विदेश विभाग को अधिकृत किया गया है कि वह भारत सरकार के सहयोग से गांधी और डॉ. किंग जूनियर की विरासत पर ध्यान देने वाले दोनों देशों के विद्वानों के लिए वार्षिक शैक्षणिक मंच स्थापित करे.

इसमें यह भी कहा गया है कि अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित संघर्ष समाधान के लिए पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल विकसित की जाए और भारत में सामाजिक, पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को तय करने के लिए एक फाउंडेशन स्थापित किया जाए.

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