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अमेरिकी सांसद ने सिख नरसंहार पीड़ितों को किया याद - 1984 के सिख नरसंहार

अमेरिकी सांसद ब्रेंडन बॉयल ने 1984 के सिख नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. पढ़िए पूरी खबर...

Brendan Boyle
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Published : Nov 3, 2021, 10:19 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसद ब्रेंडन बॉयल ने भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए, नरसंहार के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की.

पेनसिल्वेनिया के सांसद बॉयल ने अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में मंगलवार को कहा, स्पीकर महोदया, मैं भारत में नवंबर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की बात करना चाहता हूं, जिसे सिख नरसंहार भी कहा जाता है.

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर 1984 को हत्या किए जाने के बाद देश में सिख विरोधी दंगे भड़के थे.

बॉयल ने कहा कि आज, अमेरिका में पांच लाख से अधिक सिख हैं, जो यहां 130 वर्ष पहले आना शुरू हुए थे.

पढ़ें :- 1984 सिख दंगा: जगदीश टाइटलर की बढ़ सकती है मुश्किलें, चश्मदीदों ने दिए बयान

उन्होंने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, भारत की राजधानी दिल्ली और कई अन्य शहरों में एक नवंबर 1984 को सिखों के खिलाफ नरसंहार हुआ था. पहले सिख व्यक्ति की हत्या उस दिन तड़के की गई और यह हिंसा तीन दिन तक चली, जिसमें सिख समुदाय के हजारों लोग हताहत हुए. इस नरसंहार के बाद, कथित तौर पर करीब 20,000 सिखों को भागने पर मजबूर होना पड़ा जिससे अनगिनत लोग विस्थापित हुए.

सांसद ने कहा, स्पीकर महोदया, सिख नरसंहार को याद करना उन सभी पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय और जवाबदेही की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसद ब्रेंडन बॉयल ने भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए, नरसंहार के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की.

पेनसिल्वेनिया के सांसद बॉयल ने अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में मंगलवार को कहा, स्पीकर महोदया, मैं भारत में नवंबर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की बात करना चाहता हूं, जिसे सिख नरसंहार भी कहा जाता है.

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर 1984 को हत्या किए जाने के बाद देश में सिख विरोधी दंगे भड़के थे.

बॉयल ने कहा कि आज, अमेरिका में पांच लाख से अधिक सिख हैं, जो यहां 130 वर्ष पहले आना शुरू हुए थे.

पढ़ें :- 1984 सिख दंगा: जगदीश टाइटलर की बढ़ सकती है मुश्किलें, चश्मदीदों ने दिए बयान

उन्होंने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, भारत की राजधानी दिल्ली और कई अन्य शहरों में एक नवंबर 1984 को सिखों के खिलाफ नरसंहार हुआ था. पहले सिख व्यक्ति की हत्या उस दिन तड़के की गई और यह हिंसा तीन दिन तक चली, जिसमें सिख समुदाय के हजारों लोग हताहत हुए. इस नरसंहार के बाद, कथित तौर पर करीब 20,000 सिखों को भागने पर मजबूर होना पड़ा जिससे अनगिनत लोग विस्थापित हुए.

सांसद ने कहा, स्पीकर महोदया, सिख नरसंहार को याद करना उन सभी पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय और जवाबदेही की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम है.

(पीटीआई-भाषा)

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