मैरीलैंड: पूर्व संयुक्त राज्य अमेरिका सेना की खुफिया विश्लेषक चेल्सी मैनिंग को एक भव्य जूरी की गवाही देने से इनकार करने के लिए दो महीने के प्रवास के बाद गुरुवार को उत्तरी वर्जीनिया जेल से रिहा कर दिया गया. मैनिंग ने विकीलीक्स मामले से जुड़े नागरिक अवमानना के आरोप में 62 दिन के लिए जेल में रखा गया.
उत्तरी वर्जीनिया में स्थित अलेक्जेंडर डिटेंशन सेंटर से रिहा कर दिया गया. इस स्थान पर उन्हे 62 दिनों के लिए सलाखों के पीछें रखा गया था. जेल भेजे जाने का कराण यह है कि उन्होंने जूरी को गवाही देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, उनके वकील का मनना है कि उन्हे फिर से एक बार सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है.
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चेल्सी ने विकीलीक्स मामले की तफतीश कर रही जुरी की एक टीम को गवाही देने से मना कर दिया था.
इस जुरी की समय सीमा खत्म होने के बाद चेल्सी की रिहाई हुई है. जेल से छूटने से पहले उन्हे संदेश दिया गया कि 16 मई को गठित की गई नई जूरी को गवाही देनी होगी.
चेल्सी के वकील ने कहा वह एक बार फिर सवालों के जवाब देने से मना कर देंगी और इसी के साथ एक सीमित काल के लिए उन्हे फिर जेल भेज दिया जाएगा.
चेल्सी को सात साल जेल में विकीलीक्स के कुछ कागजातों को लीक करने के लिए काटे हैं. अभी उनकी 35 साल की सजा बची है और पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने इसकी सराहना की थी.