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अमेरिकी संसद में मतदान कानून को मजबूत करने वाला विधेयक पारित

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव में ऐतिहासिक मतदान कानून को मजबूत करने वाला विधेयक पारित हो गया है. चुनावों में बदलाव के लिए यह विधेयक डेमोक्रेटिक पार्टी के व्यापक प्रयास का हिस्सा है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह एक 'पवित्र अधिकार' की रक्षा करेगा.

अमेरिकी संसद
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Published : Aug 25, 2021, 11:10 PM IST

वॉशिंगटन : डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने मंगलवार को सदन में एक विधेयक पारित किया, जो पिछले एक दशक में उच्चतम न्यायालय द्वारा कमजोर किए गए मतदान कानून को मजबूत बनाएगा.

चुनावों में बदलाव के लिए यह विधेयक डेमोक्रेटिक पार्टी के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसे 212 के मुकाबले 219 मतों के साथ अनुमोदित किया गया. इसे किसी रिपब्लिकन सांसद का समर्थन नहीं मिला.

इसके पारित होने की राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रशंसा की, जिन्होंने कहा कि यह एक 'पवित्र अधिकार' की रक्षा करेगा और उन्होंने सीनेट से 'इस महत्वपूर्ण बिल को अपनी मेज पर भेजने' के लिए कहा.

लेकिन इस विधेयक को आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों के विरोध को दूर करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं, जिन्होंने बिल को 'अनावश्यक' और डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा 'शक्ति हड़पने' का प्रयास बताते हुए खारिज कर दिया है.

डेमोक्रेटिक पार्टी में कुछ लोगों को डर है कि नए कानून कई अमेरिकियों के लिए मतदान करना कठिन बना देंगे. लेकिन वे अभी भी इसे लागू करने का इरादा रखते हैं.

सदन में बोलते हुए स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा कि कांग्रेस (संसद) के लिए रिपब्लिकन प्रयासों का प्रतिकार करना अनिवार्य था, जिसे उन्होंने खतरनाक और लोकतांत्रिक विरोधी बताया.

उन्होंने कहा, जिम क्रो लॉ (Jim Crow laws) के बाद से अमेरिका में सबसे खराब मतदाता दमन अभियान से लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.

जॉन लेविस वोटिंग राइट्स एडवांसमेंट एक्ट वोटिंग राइट्स प्रोटेक्शन को बहाल करेगा जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है.

प्रस्ताव के तहत, न्याय विभाग फिर से उन राज्यों में मतदान कानूनों में नए बदलाव करेगा, जहां पर कई उल्लंघन हुए हैं, उन्हें पूर्व-निष्कासन के रूप में जाना जाने वाला एक अनिवार्य समीक्षा प्रक्रिया में चित्रित किया गया है.

इस प्रथा को पहली बार 1965 के मतदान अधिकार अधिनियम के तहत लागू किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

वॉशिंगटन : डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने मंगलवार को सदन में एक विधेयक पारित किया, जो पिछले एक दशक में उच्चतम न्यायालय द्वारा कमजोर किए गए मतदान कानून को मजबूत बनाएगा.

चुनावों में बदलाव के लिए यह विधेयक डेमोक्रेटिक पार्टी के व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसे 212 के मुकाबले 219 मतों के साथ अनुमोदित किया गया. इसे किसी रिपब्लिकन सांसद का समर्थन नहीं मिला.

इसके पारित होने की राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रशंसा की, जिन्होंने कहा कि यह एक 'पवित्र अधिकार' की रक्षा करेगा और उन्होंने सीनेट से 'इस महत्वपूर्ण बिल को अपनी मेज पर भेजने' के लिए कहा.

लेकिन इस विधेयक को आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों के विरोध को दूर करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं, जिन्होंने बिल को 'अनावश्यक' और डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा 'शक्ति हड़पने' का प्रयास बताते हुए खारिज कर दिया है.

डेमोक्रेटिक पार्टी में कुछ लोगों को डर है कि नए कानून कई अमेरिकियों के लिए मतदान करना कठिन बना देंगे. लेकिन वे अभी भी इसे लागू करने का इरादा रखते हैं.

सदन में बोलते हुए स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा कि कांग्रेस (संसद) के लिए रिपब्लिकन प्रयासों का प्रतिकार करना अनिवार्य था, जिसे उन्होंने खतरनाक और लोकतांत्रिक विरोधी बताया.

उन्होंने कहा, जिम क्रो लॉ (Jim Crow laws) के बाद से अमेरिका में सबसे खराब मतदाता दमन अभियान से लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.

जॉन लेविस वोटिंग राइट्स एडवांसमेंट एक्ट वोटिंग राइट्स प्रोटेक्शन को बहाल करेगा जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है.

प्रस्ताव के तहत, न्याय विभाग फिर से उन राज्यों में मतदान कानूनों में नए बदलाव करेगा, जहां पर कई उल्लंघन हुए हैं, उन्हें पूर्व-निष्कासन के रूप में जाना जाने वाला एक अनिवार्य समीक्षा प्रक्रिया में चित्रित किया गया है.

इस प्रथा को पहली बार 1965 के मतदान अधिकार अधिनियम के तहत लागू किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

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