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अमेरिकी सेना ने काबुल छोड़ा, रह गए कई अमेरिकी और अफगान

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) ने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों और अफगानों को वहां से निकालने का प्रयास करता रहेगा और काबुल हवाई अड्डा फिर से खुलने के बाद अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ सड़क रास्ते से या चार्टर्ड विमानों के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी का प्रयास करेगा.

अमेरिकी सेना ने काबुल छोड़ा
अमेरिकी सेना ने काबुल छोड़ा
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Published : Aug 31, 2021, 1:08 PM IST

वाशिंगटन : अफगानिस्तान से अमेरिका के पांच सैन्य परिवहन विमानों (America's five military transport planes) के उड़ान भरने के साथ ही वहां अमेरिका का 20 वर्ष चला युद्ध और निकासी अभियान भले ही समाप्त हो गया, लेकिन अफगानिस्तान में अब भी देश के कम से कम 200 नागरिक रह गए हैं और साथ ही रह गए हैं वहां से निकलने की आस लगाए हजारों अफगान, जिनका वहां से निकलना अब पूरी तरह से तालिबान पर निर्भर है.

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) ने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों और अफगानों को वहां से निकालने का प्रयास करता रहेगा और काबुल हवाई अड्डा फिर से खुलने के बाद अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ सड़क रास्ते से या चार्टर्ड विमानों के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी का प्रयास करेगा.

उन्होंने कहा कि हमें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि ये आसान होगा या जल्दी होगा. साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद और वहां से निकलने की इच्छा रखने वाले अमेरिकियों की संख्या 100 के करीब होगी.

पढ़ें : जानिए कौन है वो अमेरिकी सैनिक जिसने आखिरी में छोड़ा अफगानिस्तान

सोमवार को निकासी अभियान समाप्त होने की पेंटागन की घोषणा के कुछ देर बाद विदेश मंत्री ने कहा कि काबुल में अमेरिकी दूतावास बंद रहेगा और खाली भी रहेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका के राजनयिक कतर के दोहा में रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी नागरिकों, विदेशी नागरिकों और वहां से निकलने की इच्छा रखने वाले अफगानिस्तान के लोगों की मदद के अथक प्रयास जारी रखेंगे. इस संबंध में हमारी कोई समयसीमा तय नहीं है.

गौरतलब है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से निकासी की समयसीमा 31 अगस्त निर्धारित की थी और इसके कुछ घंटे पहले ही उसने अफगानिस्तान में अपना युद्ध समाप्त करने की घोषणा की.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अफगानिस्तान से अमेरिका के पांच सैन्य परिवहन विमानों (America's five military transport planes) के उड़ान भरने के साथ ही वहां अमेरिका का 20 वर्ष चला युद्ध और निकासी अभियान भले ही समाप्त हो गया, लेकिन अफगानिस्तान में अब भी देश के कम से कम 200 नागरिक रह गए हैं और साथ ही रह गए हैं वहां से निकलने की आस लगाए हजारों अफगान, जिनका वहां से निकलना अब पूरी तरह से तालिबान पर निर्भर है.

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) ने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों और अफगानों को वहां से निकालने का प्रयास करता रहेगा और काबुल हवाई अड्डा फिर से खुलने के बाद अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों के साथ सड़क रास्ते से या चार्टर्ड विमानों के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी का प्रयास करेगा.

उन्होंने कहा कि हमें इस बात का कोई भ्रम नहीं है कि ये आसान होगा या जल्दी होगा. साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूद और वहां से निकलने की इच्छा रखने वाले अमेरिकियों की संख्या 100 के करीब होगी.

पढ़ें : जानिए कौन है वो अमेरिकी सैनिक जिसने आखिरी में छोड़ा अफगानिस्तान

सोमवार को निकासी अभियान समाप्त होने की पेंटागन की घोषणा के कुछ देर बाद विदेश मंत्री ने कहा कि काबुल में अमेरिकी दूतावास बंद रहेगा और खाली भी रहेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका के राजनयिक कतर के दोहा में रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी नागरिकों, विदेशी नागरिकों और वहां से निकलने की इच्छा रखने वाले अफगानिस्तान के लोगों की मदद के अथक प्रयास जारी रखेंगे. इस संबंध में हमारी कोई समयसीमा तय नहीं है.

गौरतलब है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से निकासी की समयसीमा 31 अगस्त निर्धारित की थी और इसके कुछ घंटे पहले ही उसने अफगानिस्तान में अपना युद्ध समाप्त करने की घोषणा की.

(पीटीआई-भाषा)

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