तेहरान : ईरान के तेल निर्यात से जुड़े एक बयान में उपराष्ट्रपति जहांगिरी ने कहा, 'ईरान के लिए आय का मुख्य स्रोत तेल है. इस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं.' उन्होंने कहा कि पिछले प्रतिबंधों के तहत, ईरान के तेल निर्यात की अधिकतम मात्रा एक मिलियन बैरल तय की गई थी. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों के तहत हम 9,00,000 बैरल तक तेल बेच रहे थे.
बकौल जहांगिरी, 'अब अमेरिका ने कहा है कि ईरान के तेल निर्यात को शून्य पर लाया जाना चाहिए. हालांकि, वह इसे हासिल करने में विफल रहे हैं. यह टिप्पणी ईरान के अधिकारियों द्वारा तेल से दूर जाने के उद्देश्य से बनाए गए आय के मुख्य स्रोत के रूप में हुई.
जहांगिरी की टिप्पणी उस पृष्ठभूमि में आई है जिसमें अधिकारियों ने आय के मुख्य श्रोत तेल के अलावा अन्य विकल्पों पर भी काम करना शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जोर दिया था कि तेल से होने वाली आय के स्रोत पर निर्भरता कम होने पर तेहरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का कम प्रभाव पड़ेगा. इससे पहले फरवरी के मध्य में रूहानी ने कहा था कि तेहरान ने इतिहास में पहली बार तेल पर ध्यान देना बंद कर दिया है.
इसके अलावा ईरान तेल निर्यात के लिए नए मार्गों को खोजने के प्रयास भी कर रहा है. इसमें मुख्य रूप से होर्मुज जलसंधि से इतर अन्य विकल्प अहम हैं. इसका कारण क्षेत्रीय अस्थिरता है, जिससे पूरे क्षेत्र में तेल सप्लाई ठप हो सकती है.
बता दें कि 2018 में भी ईरान ने अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण होर्मुज जलसंधि को बंद करने की संभावना से इनकार नहीं किया था. ईरान का यह एलान अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण हुआ है, ऐसा माना गया था. हालांकि, बाद में ईरान की सेना ने ऐसी किसी भी योजना को खारिज कर दिया था.
बता दें कि वर्तमान में ईरान गॉइरे (Goureh) तेल टर्मिनल से जस्क के बंदरगाह तक एक पाइपलाइन का निर्माण कर रहा है. इससे फारस की खाड़ी के पूर्वी भाग से लेकर ओमान की खाड़ी के बंदरगाह तक प्रतिदिन एक मिलियन बैरल तेल आपूर्ति की जा सकेगी. इस परियोजना के 2021 की पहली तिमाही में पूरा होने की संभावना है.