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अमेरिका इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को नहीं रोक सकता : रिपोर्ट

अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी (American Physical Society), एक प्रमुख अमेरिकी थिंक-टैंक की एक चौंकाने वाली हालिया रिपोर्ट कहती है कि इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (Inter Continental Ballistic Missiles (ICBMs)) के मामले में अपनी रक्षा प्रणालियों की प्रौद्योगिकी के मौजूदा स्तर पर, अमेरिका कमजोर है, जबकि रूस के पास इसकी पुख्ता क्षमता है.... ईटीवी के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट

Ballistic Missiles
बैलिस्टिक मिसाइलों
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Published : Feb 25, 2022, 9:01 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 9:55 PM IST

नई दिल्ली: वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में चीन अमेरिका को चुनौती देने वाले देशों में तेजी से उभर रहा है. यूक्रेन पर रूस (Russia Ukraine Crisis) के हमले के बाद गुरुवार की सुबह मैरीलैंड-मुख्यालय की प्रतिष्ठित संस्था अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी (American Physical Society) की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले निष्कर्ष निकाले हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (Inter Continental Ballistic Missiles (ICBMs)) के हमलों को रोकने में अमेरिकी तकनीक सक्षम नहीं है.

अमेरिका 1957 से 350 अरब डॉलर से अधिक खर्च करके बैलिस्टिक मिसाइलों की एक प्रभावी अवरोधन प्रणाली विकसित ( Interception System Of Ballistic Missiles) करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक विकसित किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली को वास्तविक आईसीबीएम खतरों के खिलाफ प्रभावी नहीं पाया गया है. अध्ययन में हाल में विकसित किए गए अधिक उन्नत आईसीबीएम को भी सक्षम नहीं माना गया है.

यह अनुमान लगाया गया है कि एक बड़े अमेरिकी शहर के ऊपर यदि एक ICBM का हमला होता है तो लगभग 10 लाख लोग मारे जाएंगे, जबकि लगभग 100 वर्ग मील घरती समतल हो जाएगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने की चुनौती अगले 15 वर्षों तक बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि एक विश्वसनीय और प्रभावी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा को विकसित और तैनात करने में शामिल मुख्य चुनौतियों का समाधान किया गया है. लेकिन अभी कई कठिन समस्याओं की पहचान भी हुई है. जिसे दूर करने में 15 साल की समय सीमा भी कम पड़ सकती है.

पढ़ें: Russia Ukraine Crisis : यूएनएससी में आने वाले प्रस्ताव पर रूस ने भारत का समर्थन मांगा

रिपोर्ट में मौलिक प्रश्न पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि क्या वर्तमान या प्रस्तावित मिसाइल रक्षा प्रणाली उत्तर कोरिया से लॉन्च किए गए सिंगल एटम युक्त आईसीबीएम के खिलाफ या जल्दी-जल्दी और तेजी से एक साथ लॉन्च किए गए 10 आईसीबीएम के एक 'सैल्वो' से संयुक्त राज्य अमेरिका की रक्षा कर सकती है? रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर कोरिया, अपनी सीमित मिसाइल रक्षा क्षमता के साथ, सिर्फ एक उदाहरण के रूप में लिया गया है. स्पष्ट है कि अधिक शक्तिशाली और बहुत अधिक परिष्कृत परमाणु शस्त्र से युक्त चीन या रूस के आईसीबीएम और ज्यादा खतरनाक साबित होंगे.

उत्तर कोरिया से अमेरिका के बोस्टन तक की दूरी लगभग 11,000 किमी है जिसे एक आईसीबीएम लगभग 40 मिनट में पार कर सकता है. उत्तर कोरिया से अमेरिका तक एक ICBM में तीन चरण होंगे, बूस्ट राउंड (लगभग 3-5 मिनट तक चलने वाला), मिडकोर्स राउंड (30-40 मिनट) और टर्मिनल राउंड (एक मिनट से कम). एक अवरोधन प्रणाली का उद्देश्य इन तीन चरणों में से एक में प्रक्षेप्य को निष्क्रिय करना होगा.

अमेरिका की मौजूदा ग्राउंड-आधारित मिडकोर्स डिफेंस (Ground-based Midcourse Defense) प्रणाली और एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (Aegis ballistic missile defense) प्रणाली दोनों ही आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल या मिसाइलों द्वारा चुनौती से निपटने में अपर्याप्त पाई गई हैं. रूस 6,257 बम के साथ परमाणु बम (Nuclear Warhead) इन्वेंट्री के वैश्विक अनुमानों में सबसे आगे है, इसके बाद अमेरिका 5,600 और चीन के पास 360 बम हैं, जबकि उत्तर कोरिया के पास 45 परमाणु बम हैं.

नई दिल्ली: वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में चीन अमेरिका को चुनौती देने वाले देशों में तेजी से उभर रहा है. यूक्रेन पर रूस (Russia Ukraine Crisis) के हमले के बाद गुरुवार की सुबह मैरीलैंड-मुख्यालय की प्रतिष्ठित संस्था अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी (American Physical Society) की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले निष्कर्ष निकाले हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (Inter Continental Ballistic Missiles (ICBMs)) के हमलों को रोकने में अमेरिकी तकनीक सक्षम नहीं है.

अमेरिका 1957 से 350 अरब डॉलर से अधिक खर्च करके बैलिस्टिक मिसाइलों की एक प्रभावी अवरोधन प्रणाली विकसित ( Interception System Of Ballistic Missiles) करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक विकसित किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली को वास्तविक आईसीबीएम खतरों के खिलाफ प्रभावी नहीं पाया गया है. अध्ययन में हाल में विकसित किए गए अधिक उन्नत आईसीबीएम को भी सक्षम नहीं माना गया है.

यह अनुमान लगाया गया है कि एक बड़े अमेरिकी शहर के ऊपर यदि एक ICBM का हमला होता है तो लगभग 10 लाख लोग मारे जाएंगे, जबकि लगभग 100 वर्ग मील घरती समतल हो जाएगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने की चुनौती अगले 15 वर्षों तक बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि एक विश्वसनीय और प्रभावी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा को विकसित और तैनात करने में शामिल मुख्य चुनौतियों का समाधान किया गया है. लेकिन अभी कई कठिन समस्याओं की पहचान भी हुई है. जिसे दूर करने में 15 साल की समय सीमा भी कम पड़ सकती है.

पढ़ें: Russia Ukraine Crisis : यूएनएससी में आने वाले प्रस्ताव पर रूस ने भारत का समर्थन मांगा

रिपोर्ट में मौलिक प्रश्न पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि क्या वर्तमान या प्रस्तावित मिसाइल रक्षा प्रणाली उत्तर कोरिया से लॉन्च किए गए सिंगल एटम युक्त आईसीबीएम के खिलाफ या जल्दी-जल्दी और तेजी से एक साथ लॉन्च किए गए 10 आईसीबीएम के एक 'सैल्वो' से संयुक्त राज्य अमेरिका की रक्षा कर सकती है? रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर कोरिया, अपनी सीमित मिसाइल रक्षा क्षमता के साथ, सिर्फ एक उदाहरण के रूप में लिया गया है. स्पष्ट है कि अधिक शक्तिशाली और बहुत अधिक परिष्कृत परमाणु शस्त्र से युक्त चीन या रूस के आईसीबीएम और ज्यादा खतरनाक साबित होंगे.

उत्तर कोरिया से अमेरिका के बोस्टन तक की दूरी लगभग 11,000 किमी है जिसे एक आईसीबीएम लगभग 40 मिनट में पार कर सकता है. उत्तर कोरिया से अमेरिका तक एक ICBM में तीन चरण होंगे, बूस्ट राउंड (लगभग 3-5 मिनट तक चलने वाला), मिडकोर्स राउंड (30-40 मिनट) और टर्मिनल राउंड (एक मिनट से कम). एक अवरोधन प्रणाली का उद्देश्य इन तीन चरणों में से एक में प्रक्षेप्य को निष्क्रिय करना होगा.

अमेरिका की मौजूदा ग्राउंड-आधारित मिडकोर्स डिफेंस (Ground-based Midcourse Defense) प्रणाली और एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (Aegis ballistic missile defense) प्रणाली दोनों ही आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल या मिसाइलों द्वारा चुनौती से निपटने में अपर्याप्त पाई गई हैं. रूस 6,257 बम के साथ परमाणु बम (Nuclear Warhead) इन्वेंट्री के वैश्विक अनुमानों में सबसे आगे है, इसके बाद अमेरिका 5,600 और चीन के पास 360 बम हैं, जबकि उत्तर कोरिया के पास 45 परमाणु बम हैं.

Last Updated : Feb 25, 2022, 9:55 PM IST
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