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मानवाधिकारों का उल्लंघन होने वाली निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं : संरा निकाय

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Published : Jul 20, 2021, 2:15 AM IST

दुनिया भर में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, राजनेताओं की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने चिंता जताई है.

निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं
निगरानी तकनीकों पर लगाम लगाएं

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख (UN human rights chief) ने दुनिया भर में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, राजनेताओं की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग को 'बेहद चिंताजनक' बताते हुए सोमवार को सरकारों से उनकी उन निगरानी तकनीकों पर तत्काल लगाम लगाने का आह्वान किया, जिनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता हो.

एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच से पता चला है कि इजरायल स्थित एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर के पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है.

पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र निकाय ने साइबर सुरक्षा प्रतिबद्धता में भारत को 10वें स्थान पर रखा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने एक बयान में कहा, 'विभिन्न देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, राजनेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग के बारे में खुलासे बेहद चिंताजनक हैं. सरकारों को अपनी उन निगरानी तकनीकों पर तत्काल लगाम लगानी चाहिये, जिनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता हो.'

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख (UN human rights chief) ने दुनिया भर में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, राजनेताओं की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग को 'बेहद चिंताजनक' बताते हुए सोमवार को सरकारों से उनकी उन निगरानी तकनीकों पर तत्काल लगाम लगाने का आह्वान किया, जिनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता हो.

एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच से पता चला है कि इजरायल स्थित एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर के पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है.

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने एक बयान में कहा, 'विभिन्न देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, राजनेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग के बारे में खुलासे बेहद चिंताजनक हैं. सरकारों को अपनी उन निगरानी तकनीकों पर तत्काल लगाम लगानी चाहिये, जिनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता हो.'

(पीटीआई-भाषा)

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