वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी ‘जल्द ही' तालिबान के नेताओं से मुलाकात करने की योजना है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध कोई और लड़े, खासतौर से उस क्षेत्र के देश यह लड़ाई लड़ें.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं जल्द ही तालिबान के नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करुंगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि उन्होंने जो कहा वे उस पर अमल करेंगे, वे आतंकवादियों का खात्मा करेंगे. वे कुछ बहुत बुरे लोगों का खात्मा करेंगे. वे इस लड़ाई को जारी रखेंगे.'
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें अफगानिस्तान में आतंकवादियों का सफाया करने में बड़ी सफलता मिली लेकिन इतने वर्षों के बाद अब वक्त आ गया है कि अपने लोगों को घर वापस लाया जाए. हम अपने लोगों को घर लाना चाहते हैं.’
ट्र्ंप का यह बयान तब आया है जब कुछ घंटों पहले अमेरिका और तालिबान ने दोहा में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत अमेरिका 14 माह के अंदर अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा.
ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका को हर चीज की जानकारी दी गई है.' अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के करीब 13,000 सैनिक हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में बहुत लंबा सफर रहा.
उन्होंने कहा, 'यह बहुत लंबा सफर रहा. हर किसी के लिए यह मुश्किल सफर रहा. हम व्यापक तौर पर कानून प्रवर्तक समूह हैं. हमारे सैनिक लड़ाके हैं. वे दुनिया के सबसे महान योद्धा हैं.'
उन्होंने कहा, 'जैसा कि आपको पता है कि हमने सीरिया तथा इराक में आईएस को 100 फीसदी तबाह कर दिया। हमारे पास हजारों कैदी हैं। हमने हजारों आईएस आतंकवादियों को मारा तथा इसी तरह अफगानिस्तान में किया. लेकिन अब यह वक्त है कि कोई और यह काम करें और यह तालिबान होगा तथा आसपास के देश होंगे.अफगानिस्तान के आसपास कई देश हैं जो मदद कर सकते हैं. हम 8,000 मील दूर हैं.'
ट्रंप ने कहा, ‘हम क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या 8,000 से 8,600 तक कम कर रहे हैं और फिर हम भविष्य में सही वक्त आने पर अंतिम निर्णय लेंगे. यह बहुत ही साहसी समझौता है. काफी बातचीत की गई. वे कई वर्षों से इसे करना चाह रहे थे.'
अमेरिका-तालिबान के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें सच में लगता है कि तालिबान यह दिखाना चाहता है कि वह वक्त की बर्बादी नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'अगर कुछ खराब होता है तो हम वापस जाएंगे. मैं लोगों को बता दूं कि हम वापस जाएंगे और हम इतनी तेजी से वापस जाएंगे तथा इतने सैनिकों के साथ वापस जाएंगे कि किसी ने कभी नहीं देखा होगा. मुझे उम्मीद है कि इसकी जरूरत न पड़ें.'
एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि तालिबान यह समझौता चाहता था.
उन्होंने कहा, 'तालिबान यह चाहता था. (अफगानिस्तान के) राष्ट्रपति अशरफ गनी इसमें काफी हद तक शामिल रहे जैसा कि आप जानते ही हैं और अब वह तालिबान से बातचीत कर रहे हैं.' ट्रंप ने कहा कि तालिबान ने पक्का वादा किया है.
उन्होंने कहा, 'हम देखेंगे कि समझौते पर कैसे अमल होता है. हमें उम्मीद है कि इस पर अच्छी तरह से अमल होगा. मुझे लगता है कि यह करने में उनका बड़ा फायदा है लेकिन उन्हें आतंकवादियों का खात्मा करना होगा. हमने आतंकवाद के संबंध में जो काम किया, वह बेहद शानदार है तथा अब वक्त है कि हमारे लोग घर लौटें.'