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ट्रंप ने अफगान नीति को लेकर बाइडन पर साधा निशाना

ट्रंप ने एक बयान में कहा कि बाइडन ने अफगानिस्तान के आतंकवादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं और सैनिकों को वापस बुला कर, हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया. अब हमें पता चला है कि निकाले गए 26,000 लोगों में से केवल चार हजार अमेरिकी थे.

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Published : Aug 25, 2021, 11:59 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति (former president of America) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अफगान नीति (Afgan Policy) को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन (Joe Biden) पर निशाना साधा है. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि निकासी अभियान के जरिए बड़ी संख्या में आतंकवादी तनावग्रस्त देश से बाहर आ गए होंगे.

ट्रंप ने एक बयान में कहा कि बाइडन ने अफगानिस्तान के आतंकवादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं और सैनिकों को वापस बुला कर, हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया. अब हमें पता चला है कि निकाले गए 26,000 लोगों में से केवल चार हजार अमेरिकी थे. तालिबान जिसने अब पूरी तरह कब्जा कर लिया है, उसने इन निकासी उड़ानों में सबसे प्रतिभाशाली लोगों को चढ़ने की अनुमति नहीं दी.

पढ़ें : Afghanistan Crisis : तालिबान से सुर मिलाने को सहमत G7, नहीं बढ़ेगी निकासी की समयसीमा

उन्होंने कहा कि हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि अफगानिस्तान से कितने आतंकवादियों को हवाई मार्ग के जरिए निकाला गया. यह एक भयानक विफलता है. कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया. जो बाइडन कितने आतंकवादी अमेरिका लाएंगे? हमें नहीं पता. इस बीच, रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज ने प्रतिनिधिसभा में एक प्रस्ताव पेश कर तालिबान के हमले की गति और प्रकृति के बारे में सैन्य तथा खुफिया सलाहकारों की सलाह को ना मानने को लेकर बाइडन की निंदा की.

इस प्रस्ताव को अल्पसंख्यक नेता केविन मैकार्थी, अल्पसंख्यक सचेतक स्टीव स्कैलिस और कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष एलिस स्टेफनिक द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था. वाल्ट्ज़ ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिका को विश्व मंच पर शर्मिंदा किया है और हमारे आधुनिक इतिहास में विदेश नीति में सबसे बड़ी गड़बड़ी की है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति (former president of America) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अफगान नीति (Afgan Policy) को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन (Joe Biden) पर निशाना साधा है. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि निकासी अभियान के जरिए बड़ी संख्या में आतंकवादी तनावग्रस्त देश से बाहर आ गए होंगे.

ट्रंप ने एक बयान में कहा कि बाइडन ने अफगानिस्तान के आतंकवादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं और सैनिकों को वापस बुला कर, हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया. अब हमें पता चला है कि निकाले गए 26,000 लोगों में से केवल चार हजार अमेरिकी थे. तालिबान जिसने अब पूरी तरह कब्जा कर लिया है, उसने इन निकासी उड़ानों में सबसे प्रतिभाशाली लोगों को चढ़ने की अनुमति नहीं दी.

पढ़ें : Afghanistan Crisis : तालिबान से सुर मिलाने को सहमत G7, नहीं बढ़ेगी निकासी की समयसीमा

उन्होंने कहा कि हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि अफगानिस्तान से कितने आतंकवादियों को हवाई मार्ग के जरिए निकाला गया. यह एक भयानक विफलता है. कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया. जो बाइडन कितने आतंकवादी अमेरिका लाएंगे? हमें नहीं पता. इस बीच, रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज ने प्रतिनिधिसभा में एक प्रस्ताव पेश कर तालिबान के हमले की गति और प्रकृति के बारे में सैन्य तथा खुफिया सलाहकारों की सलाह को ना मानने को लेकर बाइडन की निंदा की.

इस प्रस्ताव को अल्पसंख्यक नेता केविन मैकार्थी, अल्पसंख्यक सचेतक स्टीव स्कैलिस और कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष एलिस स्टेफनिक द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था. वाल्ट्ज़ ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिका को विश्व मंच पर शर्मिंदा किया है और हमारे आधुनिक इतिहास में विदेश नीति में सबसे बड़ी गड़बड़ी की है.

(पीटीआई-भाषा)

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